Kur'an-ı Kerim meal tercümesi - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Mealler fihristi


Anlam tercümesi Ayet: (77) Sure: Sûratu'l-A'râf
فَعَقَرُوا النَّاقَةَ وَعَتَوْا عَنْ اَمْرِ رَبِّهِمْ وَقَالُوْا یٰصٰلِحُ ائْتِنَا بِمَا تَعِدُنَاۤ اِنْ كُنْتَ مِنَ الْمُرْسَلِیْنَ ۟
फिर उन्होंने अहंकार में आकर अल्लाह के आदेश की अवहेलना करते हुए, उस ऊँटनी का वध कर दिया, जिसे सालेह अलैहिस्सलाम ने कोई नुक़सान पहुँचाने से उन्हें मना किया था। तथा सालेह अलैहिस्सलाम ने उन्हें जिस चीज़ की धमकी दी थी, उसका मज़ाक़ उड़ाते हुए और उसे खारिज करते हुए उन्होंने कहा : ऐ सालेह! यदि तू वास्तव में अल्लाह के रसूलों में से है, तो वह दर्दनाक यातना हमपर ले आ, जिसकी तूने हमें धमकी दी थी।
Arapça tefsirler:
Bu sayfadaki ayetlerin faydaları:
• الاستكبار يتولد غالبًا من كثرة المال والجاه، وقلة المال والجاه تحمل على الإيمان والتصديق والانقياد غالبًا.
• अहंकार अक्सर बहुत सारे धन और प्रतिष्ठा से पैदा होता है, जबकि धन और प्रतिष्ठा की कमी अक्सर ईमान, विश्वास और अधीनता की ओर ले जाती है।

• جواز البناء الرفيع كالقصور ونحوها؛ لأن من آثار النعمة: البناء الحسن مع شكر المنعم.
• ऊँचे भवनों जैसे महलों आदि की अनुमति; क्योंकि नेमत के प्रभावों में से : नेमत देने वाले के प्रति कृतज्ञता के साथ अच्छी इमारत (भी) है।

• الغالب في دعوة الأنبياء أن يبادر الضعفاء والفقراء إلى الإصغاء لكلمة الحق التي جاؤوا بها، وأما السادة والزعماء فيتمردون ويستعلون عليها.
• नबियों की दावत में अकसर यही हुआ है कि कमज़ोर और ग़रीब लोग उनके लाए हुए सत्य वचन को सुनने के लिए पहल करते हैं, जबकि सरदार और प्रमुख लोग सरकशी करते हैं और अपने आपको उससे ऊँचा समझते हैं।

• قد يعم عذاب الله المجتمع كله إذا كثر فيه الخَبَث، وعُدم فيه الإنكار.
• अल्लाह की यातना पूरे समाज में व्याप्त हो सकती है, यदि उसमें बुराई बहुत अधिक हो जाए और कोई मना करने वाला न हो।

 
Anlam tercümesi Ayet: (77) Sure: Sûratu'l-A'râf
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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