Kur'an-ı Kerim meal tercümesi - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Mealler fihristi


Anlam tercümesi Ayet: (15) Sure: Sûratu'l-Enfâl
یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْۤا اِذَا لَقِیْتُمُ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا زَحْفًا فَلَا تُوَلُّوْهُمُ الْاَدْبَارَ ۟ۚ
ऐ अल्लाह पर ईमान लाने और उसके रसूल का अनुसरण करने वालो! जब युद्ध के मैदान में मुश्रिकों से आमने-सामना हो जाओ, तो उनसे हार न मानो और उनसे पीठ फेरकर न भागो, बल्कि उनके सामने डट जाओ और धैर्य के साथ उनका मुक़ाबला करो। क्योंकि अल्लाह अपनी मदद और समर्थन के द्वारा तुम्हारे साथ है।
Arapça tefsirler:
Bu sayfadaki ayetlerin faydaları:
• في الآيات اعتناء الله العظيم بحال عباده المؤمنين، وتيسير الأسباب التي بها ثبت إيمانهم، وثبتت أقدامهم، وزال عنهم المكروه والوساوس الشيطانية.
• इन आयतों से पता चलता है कि अल्लाह अपने मोमिन बंदों का अत्यधिक ध्यान रखता है और ऐसे कारणों की सुविधा प्रदान कर देता है जिनके द्वारा उनका ईमान स्थिर रहे, उनके क़दम जम जाएँ और उनसे अप्रिय बातें और शैतानी ख़यालात दूर हो जाएँ।

• أن النصر بيد الله، ومن عنده سبحانه، وهو ليس بكثرة عَدَدٍ ولا عُدَدٍ مع أهمية هذا الإعداد.
• जीत अल्लाह के हाथ में और उसी महिमावान की ओर से है। यह संख्याबल या उपकरणों की अधिकता की बुनियाद पर नहीं मिलती, जबकि इस तैयारी का महत्व सर्वमान्य है।

• الفرار من الزحف من غير عذر من أكبر الكبائر.
• बिना किसी वैध कारण के युद्ध के मैदान से भागना सबसे बड़े पापों में से एक है।

• في الآيات تعليم المؤمنين قواعد القتال الحربية، ومنها: طاعة الله والرسول، والثبات أمام الأعداء، والصبر عند اللقاء، وذِكْر الله كثيرًا.
• इन आयतों में ईमान वालों को युद्ध के नियम सिखाए गए हैं, जिनमें अल्लाह और उसके रसूल की आज्ञा का पालन करना, दुश्मनों के सामने डटे रहना, मुठभेड़ के समय धैर्य रखना और अल्लाह को बहुत ज़्यादा याद करना, शामिल हैं।

 
Anlam tercümesi Ayet: (15) Sure: Sûratu'l-Enfâl
Surelerin fihristi Sayfa numarası
 
Kur'an-ı Kerim meal tercümesi - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - Mealler fihristi

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

Kapat