Kur'an-ı Kerim meal tercümesi - Hintçe Kur'an-ı Kerim Meali * - Mealler fihristi

XML CSV Excel API
Please review the Terms and Policies

Anlam tercümesi Ayet: (230) Sure: Sûratu'l-Bakarah
فَاِنْ طَلَّقَهَا فَلَا تَحِلُّ لَهٗ مِنْ بَعْدُ حَتّٰی تَنْكِحَ زَوْجًا غَیْرَهٗ ؕ— فَاِنْ طَلَّقَهَا فَلَا جُنَاحَ عَلَیْهِمَاۤ اَنْ یَّتَرَاجَعَاۤ اِنْ ظَنَّاۤ اَنْ یُّقِیْمَا حُدُوْدَ اللّٰهِ ؕ— وَتِلْكَ حُدُوْدُ اللّٰهِ یُبَیِّنُهَا لِقَوْمٍ یَّعْلَمُوْنَ ۟
फिर यदि वह उसे (तीसरी) तलाक़ दे दे, तो उसके बाद वह उसके लिए ह़लाल (वैध) नहीं होगी, यहाँ तक कि उसके अलावा किसी अन्य पति से विवाह करे। फिर यदि वह उसे तलाक़ दे दे, तो (पहले) दोनों पर कोई पाप नहीं कि दोनों आपस में रुजू' (दोबारा मिलाप) कर लें, यदि वे दोनों समझें कि अल्लाह की सीमाओं को क़ायम रखेंगे।[149] और ये अल्लाह की सीमाएँ हैं, वह उन्हें उन लोगों के लिए खोलकर बयान करता है, जो ज्ञान रखते हैं।
149. आयत का भावार्थ यह है कि प्रथम पति ने तीन तलाक़ दे दी हो, तो निर्धारित अवधि में भी उसे पत्नी को लौटाने का अवसर नहीं दिया जाएगा। तथा पत्नी को यह अधिकार होगा कि निर्धारित अवधि पूरी करके किसी दूसरे पति से धर्मविधान के अनुसार सह़ीह़ विवाह कर ले, फिर यदि दूसरा पति उसे संभोग के पश्चात् तलाक़ दे, या उसका देहांत हो जाए, तो प्रथम पति से निर्धारित अवधि पूरी करने के पश्चात नये महर के साथ नया विवाह कर सकती है। लेकिन यह उस समय है जब दोनों यह समझते हों कि वे अल्लाह के आदेशों का पालन कर सकेंगे।
Arapça tefsirler:
 
Anlam tercümesi Ayet: (230) Sure: Sûratu'l-Bakarah
Surelerin fihristi Sayfa numarası
 
Kur'an-ı Kerim meal tercümesi - Hintçe Kur'an-ı Kerim Meali - Mealler fihristi

Hintçe Kur'an-ı Kerim Meali- Tercüme Mevlana AzizilHak El -Umeri, Kral Fahd Kur'an-ı Kerim Basım Kompleksi tarafından yayınlanmıştır. Basım Yılı hicri 1433.

Kapat