قۇرئان كەرىم مەنىلىرىنىڭ تەرجىمىسى - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - تەرجىمىلەر مۇندەرىجىسى


مەنالار تەرجىمىسى ئايەت: (31) سۈرە: سۈرە مۇدەسسىر
وَمَا جَعَلْنَاۤ اَصْحٰبَ النَّارِ اِلَّا مَلٰٓىِٕكَةً ۪— وَّمَا جَعَلْنَا عِدَّتَهُمْ اِلَّا فِتْنَةً لِّلَّذِیْنَ كَفَرُوْا ۙ— لِیَسْتَیْقِنَ الَّذِیْنَ اُوْتُوا الْكِتٰبَ وَیَزْدَادَ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْۤا اِیْمَانًا وَّلَا یَرْتَابَ الَّذِیْنَ اُوْتُوا الْكِتٰبَ وَالْمُؤْمِنُوْنَ ۙ— وَلِیَقُوْلَ الَّذِیْنَ فِیْ قُلُوْبِهِمْ مَّرَضٌ وَّالْكٰفِرُوْنَ مَاذَاۤ اَرَادَ اللّٰهُ بِهٰذَا مَثَلًا ؕ— كَذٰلِكَ یُضِلُّ اللّٰهُ مَنْ یَّشَآءُ وَیَهْدِیْ مَنْ یَّشَآءُ ؕ— وَمَا یَعْلَمُ جُنُوْدَ رَبِّكَ اِلَّا هُوَ ؕ— وَمَا هِیَ اِلَّا ذِكْرٰی لِلْبَشَرِ ۟۠
हमने जहन्नम के रक्षक के तौर पर केवल फ़रिश्तों को नियुक्त किया है, जिनसे मुक़ाबला करने की शक्ति इनसान के पास नहीं है। तथा हमने उनकी यह संख्या केवल अल्लाह का इनकार करने वालों के परीक्षण के तौर पर रखी है, ताकि वे इस तरह की बातें कहें, फिर उनकी यातना में वृद्धि कर दी जाए। और ताकि यहूदियों को, जिन्हें तौरात दी गई है, और ईसाइयों को, जिन्हें इंजील दी गई है, क़ुरआन द्वारा उनकी किताबों की बातों की पुष्टि करने के कारण विश्वास हो जाए। तथा ईमान वालों के ईमान में वृद्धि हो जाए जब पुस्तक के लोग (यहूदी एवं ईसाई) उनके साथ सहमत हों। और यहूदी, ईसाई और ईमान वाले किसी संदेह में न पड़ें। और ताकि ईमान में संकोच करने वाले और काफ़िर लोग कहें : इस विचित्र संख्या से अल्लाह का क्या उद्देश्य है?! जिस तरह इस संख्या का इनकार करने वाले को गुमराह किया गया है और उसकी पुष्टि करने वाले को हिदायत दी गई है, उसी तरह अल्लाह जिसे गुमराह करना चाहे, उसे गुमराह करता है और जिसे हिदायत देना चाहे, उसे हिदायत देता है। और तेरे रब की सेनाओं को उनकी बहुतायत के कारण, उस महिमावान् के सिवा कोई नहीं जानता। और जहन्नम तो मनुष्यों को मात्र याद दिलाने के लिए है, जिससे वे सर्वशक्तिमान अल्लाह की महानता को जानते हैं।
ئەرەپچە تەپسىرلەر:
بۇ بەتتىكى ئايەتلەردىن ئېلىنغان مەزمۇنلار:
• خطورة الكبر حيث صرف الوليد بن المغيرة عن الإيمان بعدما تبين له الحق.
• घमंड का खतरा, क्योंकि उसने वलीद बिन मुग़ीरा को, उसके सामने सत्य स्पष्ट हो जाने के बावजूद, ईमान से रोक दिया।

• مسؤولية الإنسان عن أعماله في الدنيا والآخرة.
• इनसान की दुनिया एवं आख़िरत में अपने कार्यों के प्रति ज़िम्मेदारी।

• عدم إطعام المحتاج سبب من أسباب دخول النار.
• ज़रूरतमंद को खाना न खिलाना आग (जहन्नम) में प्रवेश करने का एक कारण है।

 
مەنالار تەرجىمىسى ئايەت: (31) سۈرە: سۈرە مۇدەسسىر
سۈرە مۇندەرىجىسى بەت نومۇرى
 
قۇرئان كەرىم مەنىلىرىنىڭ تەرجىمىسى - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - تەرجىمىلەر مۇندەرىجىسى

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

تاقاش