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مەنالار تەرجىمىسى سۈرە: سۈرە پەتىھ   ئايەت:

सूरा अल्-फ़त्ह़

اِنَّا فَتَحْنَا لَكَ فَتْحًا مُّبِیْنًا ۟ۙ
निःसंदेह हमने आपको एक स्पष्ट विजय[1] प्रदान की।
1. ह़दीस में है कि इससे अभिप्राय ह़ुदैबिया की संधि है। (बुख़ारी : 4834)
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لِّیَغْفِرَ لَكَ اللّٰهُ مَا تَقَدَّمَ مِنْ ذَنْۢبِكَ وَمَا تَاَخَّرَ وَیُتِمَّ نِعْمَتَهٗ عَلَیْكَ وَیَهْدِیَكَ صِرَاطًا مُّسْتَقِیْمًا ۟ۙ
ताकि अल्लाह आपके अगले और पिछले गुनाहों को क्षमा[2] कर दे तथा आपपर अपनी अनुकंपा पूर्ण कर दे और आपको सीधे मार्ग पर चलाए।
2. ह़दीस में है कि नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) रात्रि में इतनी नमाज़ पढ़ा करते थे कि आपके पाँव सूज जाते थे। तो आपसे कहा गया कि आप ऐसा क्यों करते हैं, हालाँकि अल्लाह ने तो आपके पहले तथा पिछले पाप क्षमा कर दिए हैं? तो आपने फरमाया : तो क्या मैं एक कृतज्ञ बंदा बनना पसंद न करूँ? (सह़ीह़ बुख़ारी : 4837)
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وَّیَنْصُرَكَ اللّٰهُ نَصْرًا عَزِیْزًا ۟
तथा अल्लाह आपकी भरपूर सहायता करे।
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هُوَ الَّذِیْۤ اَنْزَلَ السَّكِیْنَةَ فِیْ قُلُوْبِ الْمُؤْمِنِیْنَ لِیَزْدَادُوْۤا اِیْمَانًا مَّعَ اِیْمَانِهِمْ ؕ— وَلِلّٰهِ جُنُوْدُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ ؕ— وَكَانَ اللّٰهُ عَلِیْمًا حَكِیْمًا ۟ۙ
वही है, जिसने ईमान वालों के दिलों में शांति उतारी, ताकि वे अपने ईमान के साथ ईमान में और बढ़ जाएँ। और आकाशों तथा धरती की सेनाएँ अल्लाह ही की हैं। तथा अल्लाह सब कुछ जानने वाला, पूर्ण हिकमत वाला है।
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لِّیُدْخِلَ الْمُؤْمِنِیْنَ وَالْمُؤْمِنٰتِ جَنّٰتٍ تَجْرِیْ مِنْ تَحْتِهَا الْاَنْهٰرُ خٰلِدِیْنَ فِیْهَا وَیُكَفِّرَ عَنْهُمْ سَیِّاٰتِهِمْ ؕ— وَكَانَ ذٰلِكَ عِنْدَ اللّٰهِ فَوْزًا عَظِیْمًا ۟ۙ
ताकि वह ईमान वाले पुरुषों तथा ईमान वाली स्त्रियों को ऐसे बागों में दाखिल करे, जिनके नीचे से नहरें बहती हैं, वे उनमें सदैव रहेंगे। तथा उनसे उनकी बुराइयाँ दूर कर दे और यह अल्लाह के निकट हमेशा बड़ी कामयाबी है।
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وَّیُعَذِّبَ الْمُنٰفِقِیْنَ وَالْمُنٰفِقٰتِ وَالْمُشْرِكِیْنَ وَالْمُشْرِكٰتِ الظَّآنِّیْنَ بِاللّٰهِ ظَنَّ السَّوْءِ ؕ— عَلَیْهِمْ دَآىِٕرَةُ السَّوْءِ ۚ— وَغَضِبَ اللّٰهُ عَلَیْهِمْ وَلَعَنَهُمْ وَاَعَدَّ لَهُمْ جَهَنَّمَ ؕ— وَسَآءَتْ مَصِیْرًا ۟
और (ताकि) उन मुनाफ़िक़ पुरुषों एवं मुनाफ़िक़ स्त्रियों तथा मुश्रिक पुरुषों एवं मुश्रिक स्त्रियों को यातना दे, जो अल्लाह के संबंध में बुरा गुमान रखते हैं। बुराई का फेरा उन्हीं पर है। उनपर अल्लाह का प्रकोप हुआ और उसने उनपर लानत की तथा उनके लिए जहन्नम तैयार कर रखी है और वह बहुत बुरा ठिकाना है।
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وَلِلّٰهِ جُنُوْدُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ ؕ— وَكَانَ اللّٰهُ عَزِیْزًا حَكِیْمًا ۟
तथा अल्लाह ही के लिए आकाशों और धरती की सेनाएँ हैं और अल्लाह हमेशा से सबपर प्रभुत्वशाली, पूर्ण हिकमत वाला है।[3]
3. इसलिए वह जिसे चाहे और जब चाहे, विनष्ट कर सकता है।
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اِنَّاۤ اَرْسَلْنٰكَ شَاهِدًا وَّمُبَشِّرًا وَّنَذِیْرًا ۟ۙ
निःसंदेह हमने आपको गवाही देने वाला और खुशख़बरी देने वाला और सावधान करने वाला बनाकर भेजा है।
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لِّتُؤْمِنُوْا بِاللّٰهِ وَرَسُوْلِهٖ وَتُعَزِّرُوْهُ وَتُوَقِّرُوْهُ ؕ— وَتُسَبِّحُوْهُ بُكْرَةً وَّاَصِیْلًا ۟
ताकि तुम अल्लाह और उसके रसूल पर ईमान लाओ और उसकी मदद करो और उसका सम्मान करो और दिन के आरंभ एवं अंत में उसकी पवित्रता का गान करो।
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اِنَّ الَّذِیْنَ یُبَایِعُوْنَكَ اِنَّمَا یُبَایِعُوْنَ اللّٰهَ ؕ— یَدُ اللّٰهِ فَوْقَ اَیْدِیْهِمْ ۚ— فَمَنْ نَّكَثَ فَاِنَّمَا یَنْكُثُ عَلٰی نَفْسِهٖ ۚ— وَمَنْ اَوْفٰی بِمَا عٰهَدَ عَلَیْهُ اللّٰهَ فَسَیُؤْتِیْهِ اَجْرًا عَظِیْمًا ۟۠
निःसंदेह वे लोग, जो आपसे बैअत करते हैं, वे असल में अल्लाह से बैअत[4] करते हैं, अल्लाह का हाथ उनके हाथों के ऊपर है। फिर जिस किसी ने वचन तोड़ा, तो वह अपने आप ही पर वचन तोड़ता है। तथा जिसने, अल्लाह से जो वादा किया था, उसे पूरा किया, तो वह जल्द ही उसे बहुत बड़ा प्रतिफल देगा।
4. बै'अत का अर्थ है हाथ पर हाथ मार कर वचन देना। यह बैअत नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने युद्ध के लिए ह़ुदैबिया में अपने चौदह सौ साथियों से एक वृक्ष के नीचे ली थी। जो इस्लामी इतिहास में "बैअत रिज़वान" के नाम से प्रसिद्ध है। रही वह बै'अत जो पीर अपने मुरीदों से लेते हैं, तो उसका इस्लाम से कोई संबंध नहीं है।
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سَیَقُوْلُ لَكَ الْمُخَلَّفُوْنَ مِنَ الْاَعْرَابِ شَغَلَتْنَاۤ اَمْوَالُنَا وَاَهْلُوْنَا فَاسْتَغْفِرْ لَنَا ۚ— یَقُوْلُوْنَ بِاَلْسِنَتِهِمْ مَّا لَیْسَ فِیْ قُلُوْبِهِمْ ؕ— قُلْ فَمَنْ یَّمْلِكُ لَكُمْ مِّنَ اللّٰهِ شَیْـًٔا اِنْ اَرَادَ بِكُمْ ضَرًّا اَوْ اَرَادَ بِكُمْ نَفْعًا ؕ— بَلْ كَانَ اللّٰهُ بِمَا تَعْمَلُوْنَ خَبِیْرًا ۟
शीघ्र ही देहातियों में से पीछे छोड़ दिए जाने वाले[5] लोग आपसे कहेंगे : हमारे धन और हमारे घरवालों ने हमें व्यस्त रखा। अतः आप हमारे लिए क्षमा की प्रार्थना करें। वे अपनी ज़बानों से वह बात कहते हैं, जो उनके दिलों में नहीं है। आप कह दीजिए कि कौन है, जो अल्लाह के मुकाबले में तुम्हारे लिए किसी चीज़ का अधिकार रखता है, यदि वह तुम्हें कोई हानि पहुँचाना चाहे या तुम्हें कोई लाभ पहुँचाने का इरादा करे? बल्कि तुम जो कुछ करते हो, अल्लाह हमेशा से उसकी खबर रखता है।
5. आयत 11-12 में मदीना के आस-पास के मुनाफ़िक़ों की दशा बताई गई है, जो नबी के साथ उमरा के लिए मक्का नहीं गए। उन्होंने इस डर से कि मुसलमान सब के सब मार दिए जाएँगे, आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) का साथ नही दिया।
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بَلْ ظَنَنْتُمْ اَنْ لَّنْ یَّنْقَلِبَ الرَّسُوْلُ وَالْمُؤْمِنُوْنَ اِلٰۤی اَهْلِیْهِمْ اَبَدًا وَّزُیِّنَ ذٰلِكَ فِیْ قُلُوْبِكُمْ وَظَنَنْتُمْ ظَنَّ السَّوْءِ ۖۚ— وَكُنْتُمْ قَوْمًا بُوْرًا ۟
बल्कि, तुमने सोचा था कि रसूल और ईमान वाले अपने परिजनों की ओर कभी वापस ही नहीं आएँगे, और यह बात तुम्हारे दिलों में सुंदर बना दी गई। और तुमने बहुत बुरा गुमान किया, और तुम नाश होने वाले लोग थे।
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وَمَنْ لَّمْ یُؤْمِنْ بِاللّٰهِ وَرَسُوْلِهٖ فَاِنَّاۤ اَعْتَدْنَا لِلْكٰفِرِیْنَ سَعِیْرًا ۟
और जो व्यक्ति अल्लाह तथा उसके रसूल पर ईमान न लाया, तो निश्चय हमने इनकार करने वालों के लिए दहकती हुई आग तैयार कर रखी है।
ئەرەپچە تەپسىرلەر:
وَلِلّٰهِ مُلْكُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ ؕ— یَغْفِرُ لِمَنْ یَّشَآءُ وَیُعَذِّبُ مَنْ یَّشَآءُ ؕ— وَكَانَ اللّٰهُ غَفُوْرًا رَّحِیْمًا ۟
और आकाशों तथा धरती का राज्य अल्लाह ही के लिए है। वह जिसे चाहता है क्षमा कर देता है और जिसे चाहता है दंड देता है, और अल्लाह बड़ा क्षमाशील, अत्यंत दयावान है।
ئەرەپچە تەپسىرلەر:
سَیَقُوْلُ الْمُخَلَّفُوْنَ اِذَا انْطَلَقْتُمْ اِلٰی مَغَانِمَ لِتَاْخُذُوْهَا ذَرُوْنَا نَتَّبِعْكُمْ ۚ— یُرِیْدُوْنَ اَنْ یُّبَدِّلُوْا كَلٰمَ اللّٰهِ ؕ— قُلْ لَّنْ تَتَّبِعُوْنَا كَذٰلِكُمْ قَالَ اللّٰهُ مِنْ قَبْلُ ۚ— فَسَیَقُوْلُوْنَ بَلْ تَحْسُدُوْنَنَا ؕ— بَلْ كَانُوْا لَا یَفْقَهُوْنَ اِلَّا قَلِیْلًا ۟
शीघ्र ही पीछे छोड़ दिए जाने वाले लोग कहेंगे, जब तुम कुछ ग़नीमतों को प्राप्त करने के लिए चलोगे : हमें छोड़ो कि हम तुम्हारे साथ चलें।[6] वे चाहते हैं कि अल्लाह के वचन को बदल दें। आप कह दें : तुम हमारे साथ कभी नहीं जाओगे, इसी तरह अल्लाह ने पहले ही कह दिया है। तो वे अवश्य कहेंगे : बल्कि तुम हमसे जलते हो। बल्कि वे बहुत कम समझते हैं।
6. ह़ुदैबिया से वापिस आकर नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने ख़ैबर पर आक्रमण किया, जहाँ के यहूदियों ने संधि भंग करके अह़ज़ाब के युद्ध में मक्का के काफ़िरों का साथ दिया था। तो जो दोहाती ह़ुदैबिया में नहीं गए, वे अब ख़ैबर के युद्ध में इसलिए आपके साथ जाने के लिए तैयार हो गए कि वहाँ ग़नीमत का धन मिलने की आशा थी। अतः आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) से यह कहा गया कि उन्हें यह बता दें कि यह पहले ही से अल्लाह का आदेश है कि तुम हमारे साथ नहीं जा सकते। ख़ैबर मदीने से डेढ़ सौ किलोमीटर दूर मदीने से उत्तर पूर्वी दिशा में है। यह युद्ध मुह़र्रम सन् 7 हिजरी में हुआ।
ئەرەپچە تەپسىرلەر:
قُلْ لِّلْمُخَلَّفِیْنَ مِنَ الْاَعْرَابِ سَتُدْعَوْنَ اِلٰی قَوْمٍ اُولِیْ بَاْسٍ شَدِیْدٍ تُقَاتِلُوْنَهُمْ اَوْ یُسْلِمُوْنَ ۚ— فَاِنْ تُطِیْعُوْا یُؤْتِكُمُ اللّٰهُ اَجْرًا حَسَنًا ۚ— وَاِنْ تَتَوَلَّوْا كَمَا تَوَلَّیْتُمْ مِّنْ قَبْلُ یُعَذِّبْكُمْ عَذَابًا اَلِیْمًا ۟
आप पीछे रह जाने वाले बद्दुओं से कह दें : जल्द ही तुम एक भयंकर युद्ध करने वाली जाति (से युद्ध) की ओर[7] बुलाए जाओगे। तुम उनसे युद्ध करोगे, या वे मुसलमान बन जाएँगे। फिर यदि तुम आज्ञा का पालन करोगे, तो अल्लाह तुम्हें उत्तम प्रतिफल प्रदान करेगा और यदि तुम फिर जाओगे, जैसे तुम इससे पहले फिर गए थे, तो वह तुम्हें दर्दनाक यातना देगा।
7. इससे अभिप्राय ह़ुनैन का युद्ध है जो सन् 8 हिज्री में मक्का पर विजय के पश्चात् हुआ। जिसमें पहले पराजय, फिर विजय हुई। और बहुत-सा ग़नीमत का धन प्राप्त हुआ, फिर वे भी इस्लाम ले आए।
ئەرەپچە تەپسىرلەر:
لَیْسَ عَلَی الْاَعْمٰی حَرَجٌ وَّلَا عَلَی الْاَعْرَجِ حَرَجٌ وَّلَا عَلَی الْمَرِیْضِ حَرَجٌ ؕ— وَمَنْ یُّطِعِ اللّٰهَ وَرَسُوْلَهٗ یُدْخِلْهُ جَنّٰتٍ تَجْرِیْ مِنْ تَحْتِهَا الْاَنْهٰرُ ۚ— وَمَنْ یَّتَوَلَّ یُعَذِّبْهُ عَذَابًا اَلِیْمًا ۟۠
न अंधे पर कोई दोष[8] है और न लंगड़े पर कोई दोष है और न रोगी पर कोई दोष है। तथा जो अल्लाह और उसके रसूल की आज्ञा का पालन करेगा, वह उसे ऐसे बाग़ों में दाख़िल करेगा, जिनके नीचे से नहरें बहती हैं। और जो मुँह फेरेगा, वह उसे दर्दनाक यातना देगा।
8. अर्थात जिहाद में भाग न लेने पर।
ئەرەپچە تەپسىرلەر:
لَقَدْ رَضِیَ اللّٰهُ عَنِ الْمُؤْمِنِیْنَ اِذْ یُبَایِعُوْنَكَ تَحْتَ الشَّجَرَةِ فَعَلِمَ مَا فِیْ قُلُوْبِهِمْ فَاَنْزَلَ السَّكِیْنَةَ عَلَیْهِمْ وَاَثَابَهُمْ فَتْحًا قَرِیْبًا ۟ۙ
निःसंदेह अल्लाह ईमान वालों से प्रसन्न हो गया, जब वे वृक्ष के नीचे आपसे बैअत कर रहे थे। तो उसने जान लिया जो कुछ उनके दिलों में था। अतः उनपर शांति उतार दी और उन्हें बदले में एक निकट विजय[9] प्रदान की।
9. इससे अभिप्राय ख़ैबर की विजय है।
ئەرەپچە تەپسىرلەر:
وَّمَغَانِمَ كَثِیْرَةً یَّاْخُذُوْنَهَا ؕ— وَكَانَ اللّٰهُ عَزِیْزًا حَكِیْمًا ۟
तथा बहुत-से ग़नीमत के धन, जिन्हें वे प्राप्त करेंगे और अल्लाह हमेशा से सबपर प्रभुत्वशाली, पूर्ण हिकमत वाला है।
ئەرەپچە تەپسىرلەر:
وَعَدَكُمُ اللّٰهُ مَغَانِمَ كَثِیْرَةً تَاْخُذُوْنَهَا فَعَجَّلَ لَكُمْ هٰذِهٖ وَكَفَّ اَیْدِیَ النَّاسِ عَنْكُمْ ۚ— وَلِتَكُوْنَ اٰیَةً لِّلْمُؤْمِنِیْنَ وَیَهْدِیَكُمْ صِرَاطًا مُّسْتَقِیْمًا ۟ۙ
अल्लाह ने तुमसे बहुत-सी ग़नीमतों का वादा किया है, जिन्हें तुम प्राप्त करोगे। फिर उसने तुम्हें यह जल्दी प्रदान कर दी। तथा लोगों के हाथ तुमसे रोक दिए और ताकि[10] यह ईमान वालों के लिए एक निशानी बन जाए और (ताकि) वह तुम्हें सीधी राह पर चलाए।
10. अर्थात ख़ैबर की विजय और मक्का की विजय के समय शत्रुओं के हाथों को रोक दिया, ताकि यह विश्वास हो जाए कि अल्लाह ही तुम्हारा रक्षक तथा सहायक है।
ئەرەپچە تەپسىرلەر:
وَّاُخْرٰی لَمْ تَقْدِرُوْا عَلَیْهَا قَدْ اَحَاطَ اللّٰهُ بِهَا ؕ— وَكَانَ اللّٰهُ عَلٰی كُلِّ شَیْءٍ قَدِیْرًا ۟
तथा कई अन्य (ग़नीमतों का भी), जिन्हें तुम प्राप्त करने में सक्षम नहीं हुए। निश्चय अल्लाह ने उन्हें घेर रखा है। तथा अल्लाह हमेशा से हर चीज़ पर सर्वशक्तिमान है।
ئەرەپچە تەپسىرلەر:
وَلَوْ قَاتَلَكُمُ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا لَوَلَّوُا الْاَدْبَارَ ثُمَّ لَا یَجِدُوْنَ وَلِیًّا وَّلَا نَصِیْرًا ۟
और यदि काफ़िर[11] लोग तुमसे युद्ध करते, तो अवश्य पीठ फेर जाते, फिर न उन्हें कोई समर्थक मिलेगा और न कोई सहायक।
11. अर्थात मक्का में प्रवेश के समय युद्ध हो जाता।
ئەرەپچە تەپسىرلەر:
سُنَّةَ اللّٰهِ الَّتِیْ قَدْ خَلَتْ مِنْ قَبْلُ ۖۚ— وَلَنْ تَجِدَ لِسُنَّةِ اللّٰهِ تَبْدِیْلًا ۟
अल्लाह के उस नियम के अनुसार जो पहले से चला आ रहा है, तथा आप अल्लाह के नियम में कदापि कोई बदलाव नहीं पाएँगे।
ئەرەپچە تەپسىرلەر:
وَهُوَ الَّذِیْ كَفَّ اَیْدِیَهُمْ عَنْكُمْ وَاَیْدِیَكُمْ عَنْهُمْ بِبَطْنِ مَكَّةَ مِنْ بَعْدِ اَنْ اَظْفَرَكُمْ عَلَیْهِمْ ؕ— وَكَانَ اللّٰهُ بِمَا تَعْمَلُوْنَ بَصِیْرًا ۟
तथा वही है जिसने मक्का की वादी में उनके हाथों को तुमसे तथा तुम्हारे हाथों को उनसे रोक दिया[12], इसके बाद कि वह तुम्हें उनपर विजय दिला चुका था। और जो कुछ तुम करते हो, अल्लाह उसे हमेशा से खूब देखने वाला है।
12. जब नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ह़ुदैबिया में थे, तो काफ़िरों ने 80 सशस्त्र युवकों को भेजा कि वे आप तथा आपके साथियों के विरुद्ध कार्रवाई करके सब को समाप्त कर दें। परंतु वे सभी पकड़ लिए गए। और आपने सबको क्षमा कर दिया। तो यह आयत इसी अवसर पर उतरी। (सह़ीह़ मुस्लिम : 1808)
ئەرەپچە تەپسىرلەر:
هُمُ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا وَصَدُّوْكُمْ عَنِ الْمَسْجِدِ الْحَرَامِ وَالْهَدْیَ مَعْكُوْفًا اَنْ یَّبْلُغَ مَحِلَّهٗ ؕ— وَلَوْلَا رِجَالٌ مُّؤْمِنُوْنَ وَنِسَآءٌ مُّؤْمِنٰتٌ لَّمْ تَعْلَمُوْهُمْ اَنْ تَطَـُٔوْهُمْ فَتُصِیْبَكُمْ مِّنْهُمْ مَّعَرَّةٌ بِغَیْرِ عِلْمٍ ۚ— لِیُدْخِلَ اللّٰهُ فِیْ رَحْمَتِهٖ مَنْ یَّشَآءُ ۚ— لَوْ تَزَیَّلُوْا لَعَذَّبْنَا الَّذِیْنَ كَفَرُوْا مِنْهُمْ عَذَابًا اَلِیْمًا ۟
ये वही लोग हैं, जिन्होंने कुफ़्र किया और तुम्हें मस्जिदे-ह़राम से रोका तथा क़ुर्बानी के बंधे हुए जानवरों को भी इससे रोका कि वे अपने ज़बह होने के स्थान पर पहुँचें। और यदि यह बात न होती कि तुम कुछ मुसलमान पुरुषों तथा कुछ मुसलमान स्त्रियों को, जिन्हें तुम नहीं जानते, रौंद डालोगे, तो तुमपर अनजाने में उनके कारण दोष आ जाएगा[13] (तो उनपर आक्रमण कर दिया जाता); ताकि अल्लाह जिसे चाहे, अपनी दया में दाख़िल करे। यदि वे (मुसलमान एवं काफ़िर) अलग-अगल हो गए होते, तो हम अवश्य उनमें से कुफ़्र करने वालों को दर्दनाक यातना देते।
13. अर्थात यदि ह़ुदैबिया के अवसर पर संधि न होती और युद्ध हो जाता, तो अनजाने में मक्का में कई मुसलमान भी मारे जाते जो अपना ईमान छिपाए हुए थे और हिज्रत नहीं कर सके थे। फिर तुमपर दोष आ जाता कि तुम एक ओर इस्लाम का संदेश देते हो, तथा दूसरी ओर स्वयं मुसलमानों को मार रहे हो।
ئەرەپچە تەپسىرلەر:
اِذْ جَعَلَ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا فِیْ قُلُوْبِهِمُ الْحَمِیَّةَ حَمِیَّةَ الْجَاهِلِیَّةِ فَاَنْزَلَ اللّٰهُ سَكِیْنَتَهٗ عَلٰی رَسُوْلِهٖ وَعَلَی الْمُؤْمِنِیْنَ وَاَلْزَمَهُمْ كَلِمَةَ التَّقْوٰی وَكَانُوْۤا اَحَقَّ بِهَا وَاَهْلَهَا ؕ— وَكَانَ اللّٰهُ بِكُلِّ شَیْءٍ عَلِیْمًا ۟۠
जब काफ़िरों ने अपने दिलों में हठ कर लिया, जाहिलिय्यत (पूर्व-इस्लामी युग) का हठ, तो अल्लाह ने अपने रसूल पर और ईमान वालों पर अपनी शांति उतार दी और उन्हें परहेज़गारी की बात[14] पर सुदृढ़ कर दिया। तथा वे उसके अधिक हक़दार और उसके योग्य थे। और अल्लाह सदैव हर चीज़ को भली-भाँति जानने वाला है।
14. परहेज़गारी की बात से अभिप्राय "ला इलाहा इल्लल्लाह मुह़म्मदुर् रसूलुल्लाह" है। ह़ुदैबिया का संधिलेख जब लिखा गया और आपने पहले "बिस्मिल्लाहिर् रह़मानिर् रह़ीम" लिखवाई तो क़ुरैश के प्रतिनिधियों ने कहा : हम रह़मान रह़ीम नहीं जानते। इसलिए "बिस्मिका अल्लाहुम्मा" लिखा जाए। और जब आपने लिखवाया कि यह संधिपत्र है जिस पर "मुह़म्मदुर् रसूलुल्लाह" ने संधि की है, तो उन्होंने कहा : "मुह़म्मद पुत्र अब्दुल्लाह" लिखा जाए। यदि हम आपको अल्लाह का रसूल ही मानते, तो अल्लाह के घर से नहीं रोकते। आपने उनकी सब बातें मान लीं। और मुसलमानों ने भी सब कुछ सहन कर लिया। और अल्लाह ने उनके दिलों को शांत रखा और संधि हो गई।
ئەرەپچە تەپسىرلەر:
لَقَدْ صَدَقَ اللّٰهُ رَسُوْلَهُ الرُّءْیَا بِالْحَقِّ ۚ— لَتَدْخُلُنَّ الْمَسْجِدَ الْحَرَامَ اِنْ شَآءَ اللّٰهُ اٰمِنِیْنَ ۙ— مُحَلِّقِیْنَ رُءُوْسَكُمْ وَمُقَصِّرِیْنَ ۙ— لَا تَخَافُوْنَ ؕ— فَعَلِمَ مَا لَمْ تَعْلَمُوْا فَجَعَلَ مِنْ دُوْنِ ذٰلِكَ فَتْحًا قَرِیْبًا ۟
निःसंदेह अल्लाह ने अपने रसूल को हक़ के साथ सच्चा सपना दिखाया कि यदि अल्लाह ने चाहा तो तुम अवश्य मस्जिदे-ह़राम में प्रवेश करोगे, सुरक्षित होकर, अपने सिर मुँडाते तथा बाल कतरवाते हुए, तुम्हें किसी प्रकार का भय नहीं होगा।[15] तो उसने वह बात जान ली जो तुमने नहीं जानी। इसिलए उससे पहले एक निकट विजय[16] रख दी।
15. अर्थात "उम्रा" करते हुए जिसमें सिर के बाल मुँडाए या कटाए जाते हैं। इसी प्रकार "ह़ज्ज" में भी मुँडाए या कटाए जाते हैं। 16. इससे अभिप्राय ख़ैबर की विजय है, जो ह़ुदैबिया से वापसी के पश्चात् कुछ दिनों के बाद हुई। और दूसरे वर्ष संधि के अनुसार आपने अपने अनुयायियों के साथ उम्रा किया और आपका सपना अल्लाह ने साकार कर दिया।
ئەرەپچە تەپسىرلەر:
هُوَ الَّذِیْۤ اَرْسَلَ رَسُوْلَهٗ بِالْهُدٰی وَدِیْنِ الْحَقِّ لِیُظْهِرَهٗ عَلَی الدِّیْنِ كُلِّهٖ ؕ— وَكَفٰی بِاللّٰهِ شَهِیْدًا ۟ؕ
वही है जिसने अपने रसूल को मार्गदर्शन तथा सत्य धर्म (इस्लाम) के साथ भेजा, ताकि उसे प्रत्येक धर्म पर प्रभुत्व प्रदान कर दे। और गवाह के तौर पर अल्लाह काफ़ी है।
ئەرەپچە تەپسىرلەر:
مُحَمَّدٌ رَّسُوْلُ اللّٰهِ ؕ— وَالَّذِیْنَ مَعَهٗۤ اَشِدَّآءُ عَلَی الْكُفَّارِ رُحَمَآءُ بَیْنَهُمْ تَرٰىهُمْ رُكَّعًا سُجَّدًا یَّبْتَغُوْنَ فَضْلًا مِّنَ اللّٰهِ وَرِضْوَانًا ؗ— سِیْمَاهُمْ فِیْ وُجُوْهِهِمْ مِّنْ اَثَرِ السُّجُوْدِ ؕ— ذٰلِكَ مَثَلُهُمْ فِی التَّوْرٰىةِ ۛۖۚ— وَمَثَلُهُمْ فِی الْاِنْجِیْلِ ۛ۫ۚ— كَزَرْعٍ اَخْرَجَ شَطْاَهٗ فَاٰزَرَهٗ فَاسْتَغْلَظَ فَاسْتَوٰی عَلٰی سُوْقِهٖ یُعْجِبُ الزُّرَّاعَ لِیَغِیْظَ بِهِمُ الْكُفَّارَ ؕ— وَعَدَ اللّٰهُ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ مِنْهُمْ مَّغْفِرَةً وَّاَجْرًا عَظِیْمًا ۟۠
मुहम्मद[17] अल्लाह के रसूल हैं और वे लोग जो उनके साथ हैं, काफ़िरों पर बहुत सख़्त हैं, आपस में बहुत दयालु हैं। तुम उन्हें रुकू' करते हुए, सजदा करते हुए, अल्लाह का अनुग्रह और (उसकी) प्रसन्नता तलाश करते हुए देखोगे। उनकी निशानी उनके चेहरों पर है, सजदों के चिह्न से। यह उनका विवरण तौरात में है। तथा इंजील में उनका विवरण उस खेती की तरह है, जिसने अपना अंकुर निकाला, फिर उसे प्रबल किया, फिर वह मोटा हो गया, फिर वह अपने तने पर सीधा खड़ा हो गया। वह किसानों को खुश करता है, ताकि उनके द्वारा काफिरों को गुस्सा दिलाए। अल्लाह ने उनमें से उन लोगों से, जो ईमान लाए तथा उन्होंने अच्छे कर्म किए, बड़ी क्षमा तथा बहुत बड़े प्रतिफल का वादा किया है।
17. इस अंतिम आयत में सह़ाबा (नबी के साथियों) के गुणों का वर्णन करते हुए यह सूचना दी गई है कि इस्लाम क्रमशः प्रगतिशील होकर प्रभुत्व प्राप्त कर लेगा। तथा ऐसा ही हुआ कि इस्लाम जो आरंभ में खेती के अंकुर के समान था, क्रमशः उन्नति करके एक दृढ़ प्रभुत्वशाली धर्म बन गया। और काफ़िर अपने द्वेष की अग्नि में जल-भुन कर ही रह गए। ह़दीस में है कि ईमान वाले आपस के प्रेम तथा दया और करुणा में एक शरीर के समान हैं। यदि उसके एक अंग को दुःख हो, तो पूरा शरीर ताप और अनिद्रा से ग्रस्त हो जाता है। (सह़ीह़ बुखारी : 6011, सह़ीह़ मुस्लिम : 2596)
ئەرەپچە تەپسىرلەر:
 
مەنالار تەرجىمىسى سۈرە: سۈرە پەتىھ
سۈرە مۇندەرىجىسى بەت نومۇرى
 
قۇرئان كەرىم مەنىلىرىنىڭ تەرجىمىسى - ھىندىچە تەرجىمىسى - تەرجىمىلەر مۇندەرىجىسى

قۇرئان كەرىمنىڭ ھىندىچە تەرجىمىسىنى مەۋلانا ئەزىز ئەلھەق ئەلئۇمەرى تەرجىمە قىلغان، ھىجىريە 1433-يىلى پادىشاھ فەھد قۇرئان كەرىم تارقىتىش گۇرۇپپىسى نەشىر قىلغان.

تاقاش