የቅዱስ ቁርዓን ይዘት ትርጉም - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - የትርጉሞች ማዉጫ


የይዘት ትርጉም አንቀጽ: (36) ምዕራፍ: ሱረቱ አል ኢስራዕ
وَلَا تَقْفُ مَا لَیْسَ لَكَ بِهٖ عِلْمٌ ؕ— اِنَّ السَّمْعَ وَالْبَصَرَ وَالْفُؤَادَ كُلُّ اُولٰٓىِٕكَ كَانَ عَنْهُ مَسْـُٔوْلًا ۟
और (ऐ आदम की संतान) तुम उस चीज़ के पीछे न पड़ो, जिसका तुम्हें ज्ञान नहीं है, अन्यथा तुम अनुमानों और अटकल का पालन करने लगोगे। निश्चय ही मनुष्य से पूछा जाएगा कि उसने अपने कान, आँख तथा दिल का उपयोग अच्छे कार्य के लिए किया है या बुरे कार्य के लिए। फिर उसे अच्छे कार्य के लिए सवाब दिया जाएगा और बुरे कार्य के लिए दंडित किया जाएगा।
የአረብኛ ቁርኣን ማብራሪያ:
ከአንቀጾቹ የምንማራቸዉ ቁም ነገሮች:
• الأدب الرفيع هو رد ذوي القربى بلطف، ووعدهم وعدًا جميلًا بالصلة عند اليسر، والاعتذار إليهم بما هو مقبول.
• उच्च शिष्टाचार यह है कि आदमी संबंधियों को (कुछ न देने की स्थिति में) विनम्रतापूर्वक वापस लौटाए और उनसे आसानी पैदा होने के समय देने का सुंदर वादा करे और उनसे ऐसी चीज़ के द्वारा क्षमा चाहे जो स्वीकार्य हो।

• الله أرحم بالأولاد من والديهم؛ فنهى الوالدين أن يقتلوا أولادهم خوفًا من الفقر والإملاق وتكفل برزق الجميع.
• अल्लाह बच्चों पर उनके माता-पिता से अधिक दयालु है। इसी कारण उसने माता-पिता को निर्धनता और गरीबी के डर से अपने बच्चों की हत्या करने से मना किया है और सभी की आजीविका की ज़िम्मेदारी ली है।

• في الآيات دليل على أن الحق في القتل للولي، فلا يُقْتَص إلا بإذنه، وإن عفا سقط القصاص.
• इन आयतों में इस बात का प्रमाण है कि 'क़िसास' लेने का अधिकार वधित व्यक्ति के अभिभावक का है। अतः उसकी अनुमति के बिना क़िसास नहीं लिया जाएगा और उसके माफ़ कर देने पर क़िसास समाप्त हो जाएगा।

• من لطف الله ورحمته باليتيم أن أمر أولياءه بحفظه وحفظ ماله وإصلاحه وتنميته حتى يبلغ أشده.
• यह अनाथ के प्रति अल्लाह की दया और कृपा है कि उसने उसके अभिभावकों को उसकी रक्षा करने तथा उसके धन को संरक्षित करने, उसका सुधार करने और उसे बढ़ाने का आदेश दिया है, यहाँ तक कि वह परिपक्व हो जाए।

 
የይዘት ትርጉም አንቀጽ: (36) ምዕራፍ: ሱረቱ አል ኢስራዕ
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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