የቅዱስ ቁርዓን ይዘት ትርጉም - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - የትርጉሞች ማዉጫ


የይዘት ትርጉም አንቀጽ: (126) ምዕራፍ: ሱረቱ አል-በቀራህ
وَاِذْ قَالَ اِبْرٰهٖمُ رَبِّ اجْعَلْ هٰذَا بَلَدًا اٰمِنًا وَّارْزُقْ اَهْلَهٗ مِنَ الثَّمَرٰتِ مَنْ اٰمَنَ مِنْهُمْ بِاللّٰهِ وَالْیَوْمِ الْاَخِرِ ؕ— قَالَ وَمَنْ كَفَرَ فَاُمَتِّعُهٗ قَلِیْلًا ثُمَّ اَضْطَرُّهٗۤ اِلٰی عَذَابِ النَّارِ ؕ— وَبِئْسَ الْمَصِیْرُ ۟
तथा (ऐ नबी!) याद कीजिए, जब इबराहीम अलैहिस्सलाम ने अपने पालनहार से दुआ करते हुए कहा : ऐ मेरे पालनहार! मक्का को एक शांति वाला (सुरक्षित) शहर बना दे, जिसमें किसी को कष्ट न पहुँचाया जाए, तथा उसमें रहने वालों को विभिन्न प्रकार के फल प्रदान कर, और उसे तुझपर और अंतिम दिन पर ईमान रखने वालों के लिए एक विशिष्ट रोज़ी बना दे। अल्लाह ने कहा : तथा उनमें से जो कुफ़्र करेगा, तो मैं उसे इस दुनिया में जो कुछ भी प्रदान करता हूँ, उसके साथ उसे थोड़ा-सा लाभ दूँगा, फिर आखिरत में उसे आग की यातना की ओर विवश कर दूँगा और वह बहुत बुरा ठिकाना है, जिसकी ओर वह क़ियामत के दिन लौटकर आएगा।
የአረብኛ ቁርኣን ማብራሪያ:
ከአንቀጾቹ የምንማራቸዉ ቁም ነገሮች:
• أن المسلمين مهما فعلوا من خير لليهود والنصارى؛ فلن يرضوا حتى يُخرجوهم من دينهم، ويتابعوهم على ضلالهم.
• मुसलमान यहूदियों और ईसाइयों के लिए कितना भी अच्छा क्यों न करें; वे तब तक संतुष्ट नहीं होंगे जब तक कि वे उन्हें उनके धर्म से निकाल न दें और ये उनकी गुमराही पर उनका अनुसरण न करने लगें।

• الإمامة في الدين لا تُنَال إلا بصحة اليقين والصبر على القيام بأمر الله تعالى.
• धर्म में इमामत (पेशवाई) सच्चे यक़ीन और अल्लाह के आदेश का पालन करने पर धैर्य के साथ ही प्राप्त होती है।

• بركة دعوة إبراهيم عليه السلام للبلد الحرام، حيث جعله الله مكانًا آمنًا للناس، وتفضّل على أهله بأنواع الأرزاق.
• सम्मानित शहर मक्का के लिए इबराहीम अलैहिस्सलाम की दुआ की बरकत। चुनाँचे अल्लाह ने उसे लोगों के लिए एक शांति स्थल (सुरक्षित स्थान) बना दिया और उसके वासियों को अपनी कृपा से सभी प्रकार की आजीविका प्रदान की।

 
የይዘት ትርጉም አንቀጽ: (126) ምዕራፍ: ሱረቱ አል-በቀራህ
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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