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ترجمة معاني آية: (1) سورة: يوسف

سورة يوسف - सूरा यूसुफ़

من مقاصد السورة:
الاعتبار بلطف تدبير الله لأوليائه وتمكينهم، وحسن عاقبتهم.
अल्लाह के अपने दोस्तों के लिए उपाय करने की सूक्ष्मता और उनके सशक्तिकरण, तथा उनके अच्छे परिणाम पर चिंतना करना।

الٓرٰ ۫— تِلْكَ اٰیٰتُ الْكِتٰبِ الْمُبِیْنِ ۟۫
{अलिफ़, लाम, रा।} यह और इस प्रकार के अक्षरों के संबंध में सूरतुल बक़रा के प्रारंभ में बात गुज़र चुकी है। इस सूरत में जो आयतें उतारी गई हैं, वे उस क़ुरआन की आयतें हैं जो अपने विषयों (सामग्रियों) में स्पष्ट है।
التفاسير العربية:
من فوائد الآيات في هذه الصفحة:
• بيان الحكمة من القصص القرآني، وهي تثبيت قلب النبي صلى الله عليه وسلم وموعظة المؤمنين.
• क़ुरआन में वर्णित कहानियों की हिकमत का वर्णन और वह नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के दिल को मज़बूत करना तथा मोमिनों को उपदेश करना है।

• انفراد الله تعالى بعلم الغيب لا يشركه فيه أحد.
• ग़ैब का ज्ञान केवस अल्लाह के पास है, इसमें उसका कोई साझी नहीं।

• الحكمة من نزول القرآن عربيًّا أن يعقله العرب؛ ليبلغوه إلى غيرهم.
• कुरआन के अरबी भाषा में उतरने की हिकमत यह है कि अरब उसे समझ सकें; ताकि वे उसे दूसरों तक पहुँचाएँ।

• اشتمال القرآن على أحسن القصص.
• कुरआन में सर्वश्रेष्ठ कहानियाँ शामिल हैं।

 
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