ترجمة معاني القرآن الكريم - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - فهرس التراجم


ترجمة معاني آية: (89) سورة: يوسف
قَالَ هَلْ عَلِمْتُمْ مَّا فَعَلْتُمْ بِیُوْسُفَ وَاَخِیْهِ اِذْ اَنْتُمْ جٰهِلُوْنَ ۟
यूसुफ़ ने जब उनकी बात सुनी तो उनपर दया आ गई और दिल पसीज गया और उनसे अपनी पहचान करा दी। उनसे फरमाया : तुम जानते हो कि तुमने यूसुफ़ और उसके सगे भाई के साथ क्या किया था, जब तुम उसके परिणाम से अनभिज्ञ थे जो तुमने उन दोनों के साथ किया था?!
التفاسير العربية:
من فوائد الآيات في هذه الصفحة:
• عظم معرفة يعقوب عليه السلام بالله حيث لم يتغير حسن ظنه رغم توالي المصائب ومرور السنين.
• याक़ूब अलैहिस्सलाम के अल्लाह के ज्ञान की महानता, कि लगातार विपत्तियों से ग्रस्त होने और वर्षों के बीत जाने के बावजूद अल्लाह के बारे में उनका अच्छा गुमान नहीं बदला।

• من خلق المعتذر الصادق أن يطلب التوبة من الله، ويعترف على نفسه ويطلب الصفح ممن تضرر منه.
• सच्चा क्षमायाचक अल्लाह से क्षमा चाहता है, अपनी त्रुटि को स्वीकार करता है और उस व्यक्ति से माफ़ी मांँगता है, जिसे उसके कारण नुक़सान पहुँचा है।

• بالتقوى والصبر تنال أعظم الدرجات في الدنيا وفي الآخرة.
• अल्लाह के भय और धैर्य के ज़रिए दुनिया एवं आख़िरत में सब से बड़े दर्जे प्राप्त किए जा सकते हैं।

• قبول اعتذار المسيء وترك الانتقام، خاصة عند التمكن منه، وترك تأنيبه على ما سلف منه.
• दोषी की क्षमायाचना को स्वीकार करना और बदला न लेना, विषेश रूप से उसपर सक्षम होने के समय, और जो उसने पहले किया था, उसपर उसे डांट-डपट न करना।

 
ترجمة معاني آية: (89) سورة: يوسف
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