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ترجمة معاني القرآن الكريم - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - فهرس التراجم


ترجمة معاني سورة: البقرة   آية:
وَمَثَلُ الَّذِیْنَ یُنْفِقُوْنَ اَمْوَالَهُمُ ابْتِغَآءَ مَرْضَاتِ اللّٰهِ وَتَثْبِیْتًا مِّنْ اَنْفُسِهِمْ كَمَثَلِ جَنَّةٍ بِرَبْوَةٍ اَصَابَهَا وَابِلٌ فَاٰتَتْ اُكُلَهَا ضِعْفَیْنِ ۚ— فَاِنْ لَّمْ یُصِبْهَا وَابِلٌ فَطَلٌّ ؕ— وَاللّٰهُ بِمَا تَعْمَلُوْنَ بَصِیْرٌ ۟
उन ईमान वालों का उदाहरण, जो अपना धन अल्लाह की प्रसन्नता की तलाश में खर्च करते हैं, इस हाल में कि उनके दिल बिना किसी मजबूरी के अल्लाह के वादे की सच्चाई से आश्वस्त होते हैं, उस बाग़ के उदाहरण जैसा है, जो किसी अच्छे ऊँचे स्थान पर हो। जिसपर एक भारी बारिश बरसे, तो वह (बाग़) दुगना फल उत्पन्न करे। फिर यदि उसपर भारी वर्षा न हो, तो उस पर एक हल्की वर्षा हो, जो उस भूमि के अच्छी होने के कारण उसके लिए काफी हो। इसी तरह, निष्ठावान लोगों के खर्च को अल्लाह स्वीकार करता और उनके प्रतिफल को कई गुना कर देता है, भले ही वह कम हो। और अल्लाह जो कुछ तुम करते हो, उसे देख रहा है। उससे दिखावा करने वालों और निष्ठा के साथ खर्च करने वालों का हाल छिपा हुआ नहीं है और वह प्रत्येक को वह बदला देगा, जिसका वह योग्य है।
التفاسير العربية:
اَیَوَدُّ اَحَدُكُمْ اَنْ تَكُوْنَ لَهٗ جَنَّةٌ مِّنْ نَّخِیْلٍ وَّاَعْنَابٍ تَجْرِیْ مِنْ تَحْتِهَا الْاَنْهٰرُ ۙ— لَهٗ فِیْهَا مِنْ كُلِّ الثَّمَرٰتِ ۙ— وَاَصَابَهُ الْكِبَرُ وَلَهٗ ذُرِّیَّةٌ ضُعَفَآءُ ۖۚ— فَاَصَابَهَاۤ اِعْصَارٌ فِیْهِ نَارٌ فَاحْتَرَقَتْ ؕ— كَذٰلِكَ یُبَیِّنُ اللّٰهُ لَكُمُ الْاٰیٰتِ لَعَلَّكُمْ تَتَفَكَّرُوْنَ ۟۠
क्या तुममें से किसी को पसंद है कि उसके पास खजूरों और अँगूरों का एक बाग़ हो, जिसके बीच से मीठा पानी बहता हो। उस बाग़ में उसके लिए प्रत्येक प्रकार के अच्छे फल हों। उस बाग़ के मालिक को बुढ़ापा आ पहुँचे और वह इतना बूढ़ा हो गया हो कि काम करने और कमाने में असमर्थ हो, तथा उसके कमज़ोर छोटे-छोटे बच्चे हों, जो काम न कर सकते हों। फिर उस बाग़ पर एक आँधी चले, जिसमें एक तेज़ आग हो और सारा बाग़ जलकर खाक हो जाए। हालाँकि अपने बुढ़ापे और अपने बच्चों की कमज़ोरी के कारण उसे इसकी सख़्त ज़रूरत थी?! अतः लोगों को दिखाने के लिए अपना धन खर्च करने वाले की स्थिति इसी आदमी की तरह है; वह क़ियामत के दिन अल्लाह के पास बिना नेकियों के आएगा, एक ऐसे समय में जब उसे उनकी सबसे अधिक आवश्यकता होगी। इसी प्रकार अल्लाह तुम्हारे लिए वे चीज़ें खोल-खोलकर बयान करती है, जो दुनिया और आख़िरत में तुम्हें लाभ पहुँचाने वाली हैं, ताकि तुम उनपर चिंतन करो।
التفاسير العربية:
یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْۤا اَنْفِقُوْا مِنْ طَیِّبٰتِ مَا كَسَبْتُمْ وَمِمَّاۤ اَخْرَجْنَا لَكُمْ مِّنَ الْاَرْضِ ۪— وَلَا تَیَمَّمُوا الْخَبِیْثَ مِنْهُ تُنْفِقُوْنَ وَلَسْتُمْ بِاٰخِذِیْهِ اِلَّاۤ اَنْ تُغْمِضُوْا فِیْهِ ؕ— وَاعْلَمُوْۤا اَنَّ اللّٰهَ غَنِیٌّ حَمِیْدٌ ۟
ऐ अल्लाह पर ईमान रखने और उसके रसूल का अनुसरण करने वालो! जो अच्छा हलाल (वैध) धन तुमने कमाया है, उसमें से खर्च करो, और जो कुछ हमने तुम्हारे लिए पृथ्वी के पौधों में से निकाला है, उसमें से खर्च करो, और उसमें से रद्दी (दोषपूर्ण) चीज़ का इरादा न करो कि तुम उसे खर्च करो, हालाँकि यदि वह तुमको दी जाए, तो तुम उसे नहीं लोगो, सिवाय इसके कि तुम उसकी बुराई (ख़राबी) की उनदेखी कर जाओ। तो तुम अल्लाह के लिए वह चीज़ कैसे पसंद करते हो, जो तुम अपने लिए पसंद नहीं करते?! और जान लो कि अल्लाह तुम्हारे खर्च से बेनियाज़ है, अपने अस्तित्व और अपने कार्यों में प्रशंसनीय है।
التفاسير العربية:
اَلشَّیْطٰنُ یَعِدُكُمُ الْفَقْرَ وَیَاْمُرُكُمْ بِالْفَحْشَآءِ ۚ— وَاللّٰهُ یَعِدُكُمْ مَّغْفِرَةً مِّنْهُ وَفَضْلًا ؕ— وَاللّٰهُ وَاسِعٌ عَلِیْمٌ ۟
शैतान तुम्हें ग़रीबी से डराता और कंजूसी पर उभारता है, तथा तुम्हें पाप और अवज्ञा करने के लिए बुलाता है। जबकि अल्लाह तुम्हारे पापों के लिए बड़ी क्षमा तथा व्यापक जीविका का वादा करता है। और अल्लाह विशाल अनुग्रह वाला, अपने बंदों की स्थितियों के बारे में ख़ूब जानने वाला है।
التفاسير العربية:
یُّؤْتِی الْحِكْمَةَ مَنْ یَّشَآءُ ۚ— وَمَنْ یُّؤْتَ الْحِكْمَةَ فَقَدْ اُوْتِیَ خَیْرًا كَثِیْرًا ؕ— وَمَا یَذَّكَّرُ اِلَّاۤ اُولُوا الْاَلْبَابِ ۟
अल्लाह अपने बंदों में से जिसे चाहता है, उसे कथन में सत्यता एवं कार्य में शुद्धता प्रदान करता है और जिसे यह विशेषता दे दी गई, तो वास्तव में उसे बहुत भलाई दी गई। तथा अल्लाह की निशानियों से केवल वे पूर्ण बुद्धि वाले उपदेश ग्रहण करते हैं, जो अल्लाह के प्रकाश से प्रकाश प्राप्त करते और उसके मार्गदर्शन से निर्देश हासिल करते हैं।
التفاسير العربية:
من فوائد الآيات في هذه الصفحة:
• المؤمنون بالله تعالى حقًّا واثقون من وعد الله وثوابه، فهم ينفقون أموالهم ويبذلون بلا خوف ولا حزن ولا التفات إلى وساوس الشيطان كالتخويف بالفقر والحاجة.
• अल्लाह पर सच्चा ईमान रखने वाले अल्लाह के वादे और प्रतिफल के प्रति आश्वस्त होते हैं। अतः वे बिना किसी डर या दुःख के अपना धन खर्च करते हैं और शैतान के बुरे विचारों, जैसे कि ग़रीबी और ज़रूरत से डराने, की ओर ध्यान नहीं देते हैं।

• الإخلاص من أعظم ما يبارك الأعمال ويُنمِّيها.
• इख़्लास (निष्ठा), सबसे बड़ी चीजों में से एक है जो कामों में बरकत देता और उनमें बढ़ोतरी प्रदान करता है।

• أعظم الناس خسارة من يرائي بعمله الناس؛ لأنه ليس له من ثواب على عمله إلا مدحهم وثناؤهم.
• सबसे अधिक घाटे में वह व्यक्ति है, जो लोगों को दिखाने के लिए काम करता है; क्योंकि उसके लिए अपने काम का लोगों की प्रशंसा और स्तुति के अलावा कोई प्रतिफल नहीं है।

 
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صادرة عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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