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ترجمة معاني القرآن الكريم - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - فهرس التراجم


ترجمة معاني سورة: النور   آية:
فَاِنْ لَّمْ تَجِدُوْا فِیْهَاۤ اَحَدًا فَلَا تَدْخُلُوْهَا حَتّٰی یُؤْذَنَ لَكُمْ ۚ— وَاِنْ قِیْلَ لَكُمُ ارْجِعُوْا فَارْجِعُوْا هُوَ اَزْكٰی لَكُمْ ؕ— وَاللّٰهُ بِمَا تَعْمَلُوْنَ عَلِیْمٌ ۟
अगर तुम उन घरों में किसी को न पाओ, तो तुम उनमें प्रवेश न करो, यहाँ तक कि जिसके पास अनुमति देने का अधिकार हो, वह तुम्हें उनमें प्रवेश करने की अनुमति दे दे। और अगर घर के मालिक तुम्हें लौट जाने को कहें, तो लौट जाओ और उसमें प्रवेश न करो। क्योंकि यह तुम्हारे लिए अल्लाह के निकट अधिक पवित्र है। और अल्लाह, तुम जो कुछ करते हो, उससे पूरी तरह अवगत है। तुम्हारा कुछ भी काम उससे छिपा नहीं है। और वह तुम्हें उसका बदला देगा।
التفاسير العربية:
لَیْسَ عَلَیْكُمْ جُنَاحٌ اَنْ تَدْخُلُوْا بُیُوْتًا غَیْرَ مَسْكُوْنَةٍ فِیْهَا مَتَاعٌ لَّكُمْ ؕ— وَاللّٰهُ یَعْلَمُ مَا تُبْدُوْنَ وَمَا تَكْتُمُوْنَ ۟
ऐसे सार्वजनिक घरों में बिना अनुमति के प्रवेश करने में तुमपर कोई पाप नहीं, जो किसी व्यक्ति विशेष से संबंधित नहीं हैं, बल्कि सार्वजनिक उपयोग के लिए तैयार किए गए हैं, जैसे पुस्तकालयें और बाजारों में दुकानें। तथा तुम अपने कार्यों और अपनी स्थितियों में से जो छिपाते हो और जो ज़ाहिर करते हो, अल्लाह उन्हें भली-भाँति जानता है। उनमें से कुछ भी उससे छिपा नहीं है और वह तुम्हें उनका बदला देगा।
التفاسير العربية:
قُلْ لِّلْمُؤْمِنِیْنَ یَغُضُّوْا مِنْ اَبْصَارِهِمْ وَیَحْفَظُوْا فُرُوْجَهُمْ ؕ— ذٰلِكَ اَزْكٰی لَهُمْ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ خَبِیْرٌ بِمَا یَصْنَعُوْنَ ۟
(ऐ रसूल!) आप ईमान वालों से कह दें कि वे अपनी निगाहों को उन चीज़ों की ओर देखने से रोक लें, जो उनके लिए हलाल नहीं हैं, जैसे कि (पराई) स्त्रियाँ और गुप्तांग (निजी अंग), और अपने गुप्तांगों की हराम में पड़ने से तथा उन्हें प्रकट करने से रक्षा करें। यह अल्लाह की हराम की हुई चीज़ों को देखने से बाज़ रहना और गुप्तांगों को संरक्षित करना उनके लिए अल्लाह के निकट अधिक पवित्र है। निःसंदेह अल्लाह उससे पूरी तरह अवगत है, जो वे करते हैं। उसमें से कुछ भी उससे छिपा नहीं है और वह उन्हें उनके कर्मों का बदला देगा।
التفاسير العربية:
وَقُلْ لِّلْمُؤْمِنٰتِ یَغْضُضْنَ مِنْ اَبْصَارِهِنَّ وَیَحْفَظْنَ فُرُوْجَهُنَّ وَلَا یُبْدِیْنَ زِیْنَتَهُنَّ اِلَّا مَا ظَهَرَ مِنْهَا وَلْیَضْرِبْنَ بِخُمُرِهِنَّ عَلٰی جُیُوْبِهِنَّ ۪— وَلَا یُبْدِیْنَ زِیْنَتَهُنَّ اِلَّا لِبُعُوْلَتِهِنَّ اَوْ اٰبَآىِٕهِنَّ اَوْ اٰبَآءِ بُعُوْلَتِهِنَّ اَوْ اَبْنَآىِٕهِنَّ اَوْ اَبْنَآءِ بُعُوْلَتِهِنَّ اَوْ اِخْوَانِهِنَّ اَوْ بَنِیْۤ اِخْوَانِهِنَّ اَوْ بَنِیْۤ اَخَوٰتِهِنَّ اَوْ نِسَآىِٕهِنَّ اَوْ مَا مَلَكَتْ اَیْمَانُهُنَّ اَوِ التّٰبِعِیْنَ غَیْرِ اُولِی الْاِرْبَةِ مِنَ الرِّجَالِ اَوِ الطِّفْلِ الَّذِیْنَ لَمْ یَظْهَرُوْا عَلٰی عَوْرٰتِ النِّسَآءِ ۪— وَلَا یَضْرِبْنَ بِاَرْجُلِهِنَّ لِیُعْلَمَ مَا یُخْفِیْنَ مِنْ زِیْنَتِهِنَّ ؕ— وَتُوْبُوْۤا اِلَی اللّٰهِ جَمِیْعًا اَیُّهَ الْمُؤْمِنُوْنَ لَعَلَّكُمْ تُفْلِحُوْنَ ۟
ईमान वाली स्त्रियों से कह दें कि जिन पर्दे की चीजों को देखना उनके लिए ह़लाल नहीं है, उनकी ओर देखने से अपनी निगाहों को बचाएँ। तथा व्यभिचार से दूर रहकर और खुद को परदे में रखकर अपने गुप्तांगों की रक्षा करें। और अपने श्रृंगार को अपरिचित व्यक्तियों के सामने ज़ाहिर न करें, सिवाय इसके कि उसमें से जो खुद से प्रकट हो जाए, जिसका छिपाना संभव न हो, जैसे कपड़े। और अपने बालों, चेहरों और गर्दनों को ढँकने के लिए अपने कपड़ों के ऊपरी हिस्से के खुले भाग पर अपनी ओढ़नियाँ (चादरें) डाल लिया करें। और अपने गुप्त श्रृंगार को किसी के सामने ज़ाहिर न करें, सिवाय अपने पतियों के, अथवा अपने पिताओं के, अथवा अपने पतियों के पिताओं के, अथवा अपने बेटों के, अथवा अपने पतियों के बेटों के, अथवा अपने भाइयों के, अथवा अपने भतीजों के, अथवा अपने भाँजों के, अथवा अपनी भरोसे के लायक़ स्त्रियों के, वह स्त्रियाँ मुसलमान हों या काफिर, अथवा उन दास-दासियों के, जिनकी वे मालिक हों, अथवा ऐसे अधीनस्थ पुरुषों के, जो स्त्रियों में किसी प्रकार की इच्छा न रखते हों, अथवा ऐसे छोटे बच्चों के, जो महिलाओं की छिपी बातों का ज्ञान न रखते हों। तथा औरतें धरती पर अपने पैर मारती हुई न चलें कि उनके छिपे हुए श्रृंगार जैसे पाज़ेब आदि का पता चल जाए। (ऐ मोमिनों!) तुम सब नज़र आदि के गुनाहों से अल्लाह के सामने तौबा करो, आशा है कि तुम अपनी अपेक्षित चीज़ को पाने में सफल हो जाओ और उस चीज़ से मुक्ति पा जाओ जिससे डरते हो।
التفاسير العربية:
من فوائد الآيات في هذه الصفحة:
• جواز دخول المباني العامة دون استئذان.
• सार्वजनिक भवनों में अनुमति के बिना दाख़िल होना जायज़ है।

• وجوب غض البصر على الرجال والنساء عما لا يحلّ لهم.
• पुरुषों तथा स्त्रियों के लिए उन चीज़ों से निगाह नीची रखना ज़रूरी है, जिन्हें देखना उनके लिए हलाल नहीं है।

• وجوب الحجاب على المرأة.
• महिला के लिए परदा अनिवार्य है।

• منع استخدام وسائل الإثارة.
• उत्तेजना के साधनों का उपयोग मना है।

 
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صادرة عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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