ترجمة معاني القرآن الكريم - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - فهرس التراجم


ترجمة معاني آية: (51) سورة: النمل
فَانْظُرْ كَیْفَ كَانَ عَاقِبَةُ مَكْرِهِمْ ۙ— اَنَّا دَمَّرْنٰهُمْ وَقَوْمَهُمْ اَجْمَعِیْنَ ۟
तो (ऐ रसूल!) आप ग़ौर कीजिए कि उनकी साज़िश और चाल का परिणाम कैसा रहा? हमने उन्हें अपनी ओर से यातना देकर सबको विनष्ट कर दिया।
التفاسير العربية:
من فوائد الآيات في هذه الصفحة:
• الاستغفار من المعاصي سبب لرحمة الله.
• पापों से क्षमा माँगना अल्लाह की दया का कारण है।

• التشاؤم بالأشخاص والأشياء ليس من صفات المؤمنين.
• व्यक्तियों तथा वस्तुओं से अपशकुन लेना मोमिनों की विशेषताओं में से नहीं है।

• عاقبة التمالؤ على الشر والمكر بأهل الحق سيئة.
• सच्चे लोगों के प्रति बुराई और साज़िश पर एक-दूसरे की मदद करने का परिणाम बुरा होता है।

• إعلان المنكر أقبح من الاستتار به.
• बुराई को खुल्लम-खुल्ला करना, उसे छुपाकर करने के मुक़ाबले में अधिक बुरा है।

• الإنكار على أهل الفسوق والفجور واجب.
• अवज्ञा और पाप करने वालों की निंदा करना ज़रूरी है।

 
ترجمة معاني آية: (51) سورة: النمل
فهرس السور رقم الصفحة
 
ترجمة معاني القرآن الكريم - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - فهرس التراجم

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

إغلاق