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ترجمة معاني القرآن الكريم - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - فهرس التراجم


ترجمة معاني سورة: يس   آية:
اَوَلَمْ یَرَوْا اَنَّا خَلَقْنَا لَهُمْ مِّمَّا عَمِلَتْ اَیْدِیْنَاۤ اَنْعَامًا فَهُمْ لَهَا مٰلِكُوْنَ ۟
क्या उन्होंने नहीं देखा कि हमने उनके लिए चौपाए पैदा किए हैं, तो वे उन चौपायों के मालिक बने हुए हैं; वे उनमें अपने हितों के अनुसार व्यवहार करते हैं?
التفاسير العربية:
وَذَلَّلْنٰهَا لَهُمْ فَمِنْهَا رَكُوْبُهُمْ وَمِنْهَا یَاْكُلُوْنَ ۟
और हमने उन मवेशियों को उनके वश में और उनके अधीन कर दिया है। अतः वे उनमें से कुछ की पीठ पर सवार होते हैं और अपना बोझ लादते हैं, तथा उनमें से कुछ (जानवरों) का वे माँस खाते हैं।
التفاسير العربية:
وَلَهُمْ فِیْهَا مَنَافِعُ وَمَشَارِبُ ؕ— اَفَلَا یَشْكُرُوْنَ ۟
उनके लिए उन (चौपायों) में उनकी सवारी करने और उनका माँस खाने के अलावा अन्य लाभ भी हैं; जैसे उनके ऊन, उनके रोवें, उनके बाल और उनकी क़ीमतें; चुनाँचे वे उनसे बिछौने (गद्दे) और वस्त्र बनाते हैं। तथा उनके लिए उनमें पीने की चीज़ें हैं, जैसे कि वे उनका दूध पीते हैं। तो क्या वे अल्लाह का शुक्रिया अदा नहीं करते, जिसने उन्हें ये और इनके अलावा अन्य नेमतें प्रदान की हैं।
التفاسير العربية:
وَاتَّخَذُوْا مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ اٰلِهَةً لَّعَلَّهُمْ یُنْصَرُوْنَ ۟ؕ
और मुश्रिकों ने अल्लाह के अतिरिक्त अन्य पूज्य बना लिए हैं, जिनकी वे इस आशा में इबादत करते हैं कि वे (पूज्य) उनकी सहायता करें और उन्हें अल्लाह की यातना से बचाएँ।
التفاسير العربية:
لَا یَسْتَطِیْعُوْنَ نَصْرَهُمْ وَهُمْ لَهُمْ جُنْدٌ مُّحْضَرُوْنَ ۟
वे असत्य पूज्य जो उन्होंने ठहरा लिए हैं, वे न स्वयं अपनी मदद कर सकते हैं और न उन लोगों की मदद कर सकते हैं, जो अल्लाह को छोड़कर उनकी पूजा करते हैं। बल्कि वे और उनकी मूर्तियाँ सब के सब यातना में उपस्थित किए जाएँगे और उनमें से हर एक दूसरे से बरी होने की घोषणा करेगा।
التفاسير العربية:
فَلَا یَحْزُنْكَ قَوْلُهُمْ ۘ— اِنَّا نَعْلَمُ مَا یُسِرُّوْنَ وَمَا یُعْلِنُوْنَ ۟
अतः (ऐ रसूल!) आपको उनकी यह बात शोकग्रस्त न करे कि आप भेजे हुए रसूल नहीं हैं, या आप शायर (कवि) हैं और इस तरह के उनके अन्य मिथ्यारोप। निःसंदेह हम जानते हैं जो कुछ वे इस तरह की बातों में से छिपाते हैं और जो कुछ ज़ाहिर करते हैं। इसमें से कुछ भी हमसे छिपा नहीं है, और हम उन्हें इसका बदला देंगे।
التفاسير العربية:
اَوَلَمْ یَرَ الْاِنْسَانُ اَنَّا خَلَقْنٰهُ مِنْ نُّطْفَةٍ فَاِذَا هُوَ خَصِیْمٌ مُّبِیْنٌ ۟
क्या उस आदमी ने, जो मरणोपरांत दोबारा जीवित किए जाने का इनकार करता है, इस बात पर सोच-विचार नहीं किया कि हमने उसे वीर्य से पैदा किया है। फिर वह कई चरणों से गुज़रता हुआ पैदा हुआ और पला-बढ़ा। फिर वह बड़ा झगड़ालू और बहस करने वाला बन गया। क्या उसने इसपर विचार नहीं किया ताकि वह उसके द्वारा मरणोपरांत पुनः जीवित होने की संभावना पर तर्क ग्रहण करता।
التفاسير العربية:
وَضَرَبَ لَنَا مَثَلًا وَّنَسِیَ خَلْقَهٗ ؕ— قَالَ مَنْ یُّحْیِ الْعِظَامَ وَهِیَ رَمِیْمٌ ۟
इस काफ़िर ने सड़ी-गली हड्डियों द्वारा मरणोपरांत पुनः जीवित किए जाने के असंभव होने पर तर्क ग्रहण करके लापरवाही और अज्ञानता का सबूत दिया है। चुनाँचे वह कहने लगा : उन्हें कौन दोबारा जीवित करेगा? और स्वयं उसका अनस्तित्व से अस्तित्व में आना उससे ओझल रह गया।
التفاسير العربية:
قُلْ یُحْیِیْهَا الَّذِیْۤ اَنْشَاَهَاۤ اَوَّلَ مَرَّةٍ ؕ— وَهُوَ بِكُلِّ خَلْقٍ عَلِیْمُ ۟ۙ
(ऐ मुहम्मद!) आप उसका उत्तर देते हुए कह दें : इन सड़ी-गली हड्डियों को वही जीवित करेगा, जिसने उन्हें प्रथम बार पैदा किया। क्योंकि जिसने उन्हें प्रथम बार पैदा किया, वह उन्हें दोबारा जीवित करने में असमर्थ नहीं हो सकता। वह महिमावान हर प्रकार की रचना को भली-भाँति जानता है, उससे कुछ भी छिपा नहीं है।
التفاسير العربية:
١لَّذِیْ جَعَلَ لَكُمْ مِّنَ الشَّجَرِ الْاَخْضَرِ نَارًا فَاِذَاۤ اَنْتُمْ مِّنْهُ تُوْقِدُوْنَ ۟
जिसने (ऐ लोगो!) तुम्हारे लिए नम हरे पेड़ से आग पैदा की, जिसे तुम उससे निकालते हो। फिर तुम उससे आग जलाते हो। तो जिसने दो विपरीत चीज़ों (हरे पेड़ के पानी की नमी और उसमें जलती आग) को मिला दिया, वह मृत लोगों को पुनर्जीवित करने में सक्षम है।
التفاسير العربية:
اَوَلَیْسَ الَّذِیْ خَلَقَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ بِقٰدِرٍ عَلٰۤی اَنْ یَّخْلُقَ مِثْلَهُمْ ؔؕ— بَلٰی ۗ— وَهُوَ الْخَلّٰقُ الْعَلِیْمُ ۟
क्या जिस (अल्लाह) ने इन भव्य आकाशों और विशाल धरती को पैदा किया, वह मृतकों को उन्हें मृत्यु देने के बाद पुनर्जीवित करने में सक्षम नहीं है? क्यों नही, वह ऐसा करने में अवश्य सक्षम है। वह तो सब कुछ पैदा करने वाला है, जिसने सभी प्राणियों को पेदा किया, वह उन्हें भली-भाँति जानने वाला है। अतः उनकी कोई भी चीज़ उससे छिपी नहीं है।
التفاسير العربية:
اِنَّمَاۤ اَمْرُهٗۤ اِذَاۤ اَرَادَ شَیْـًٔا اَنْ یَّقُوْلَ لَهٗ كُنْ فَیَكُوْنُ ۟
अल्लाह सर्वशक्तिमान का मामला तो केवल यह है कि जब वह किसी चीज़ को अस्तित्व में लाने का इरादा करता है, तो उससे कहता है 'हो जा', तो वह चीज़ जिसे वह चाहता है अस्तित्व में आ जाती है। और इसी में से उसका जीवित करने, मारने और मरणोपरांत पुनर्जीवित करके उठाने आदि का इरादा करना भी है।
التفاسير العربية:
فَسُبْحٰنَ الَّذِیْ بِیَدِهٖ مَلَكُوْتُ كُلِّ شَیْءٍ وَّاِلَیْهِ تُرْجَعُوْنَ ۟۠
अल्लाह उस विवशता से विहीन और पवित्र है, जिसकी निसबत मुश्रिक लोग उसकी ओर करते हैं। क्योंकि उसी के पास सभी चीजों का अधिकार है, वह अपनी इच्छा के अनुसार उनमें व्यवहार करता है। उसी के हाथ में हर चीज़ की चाबियाँ हैं। तथा आखिरत में तुम उसी की ओर लौटाए जाओगे, जहाँ वह तुम्हें तुम्हारे कर्मों का बदला देगा।
التفاسير العربية:
من فوائد الآيات في هذه الصفحة:
• من فضل الله ونعمته على الناس تذليل الأنعام لهم، وتسخيرها لمنافعهم المختلفة.
• लोगों पर अल्लाह की कृपा और अनुग्रह में से एक मवेशियों को उनके अधीन करना और उन्हें उनके विभिन्न लाभों के लिए वशीभूति करना है।

• وفرة الأدلة العقلية على يوم القيامة وإعراض المشركين عنها.
• क़ियामत के दिन पर बौद्धिक प्रमाणों की बहुतायत और अनेकेश्वरवादियों का उनसे मुँह मोड़ना।

• من صفات الله تعالى أن علمه تعالى محيط بجميع مخلوقاته في جميع أحوالها، في جميع الأوقات، ويعلم ما تنقص الأرض من أجساد الأموات وما يبقى، ويعلم الغيب والشهادة.
• अल्लाह सर्वशक्तिमान के गुणों में से एक यह है कि उसका ज्ञान उसके सभी प्राणियों को उनकी सभी स्थितियों में, हर समय घेरे हुए है। वह जानता है कि धरती मरे हुओं के शरीरों में से क्या कमी करती है और क्या बाकी रहता है, तथा वह परोक्ष और प्रत्यक्ष का ज्ञान रखता है।

 
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