ترجمة معاني القرآن الكريم - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - فهرس التراجم


ترجمة معاني آية: (12) سورة: الشورى
لَهٗ مَقَالِیْدُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ ۚ— یَبْسُطُ الرِّزْقَ لِمَنْ یَّشَآءُ وَیَقْدِرُ ؕ— اِنَّهٗ بِكُلِّ شَیْءٍ عَلِیْمٌ ۟
आकाशों तथा धरती के ख़ज़ानों की कुंजियाँ केवल उसी के पास हैं। वह अपने बंदों में से जिसके लिए चाहता है, उसकी आजीविका को विस्तृत कर देता है; उसके परीक्षण के लिए कि वह आभार व्यक्त करता है या अकृतज्ञ हो जाता है? और जिसकी चाहता है, आजीविका तंग कर देता है; उसे आज़माने के लिए कि वह धैर्य रखता है या अल्लाह की नियति पर क्रोध प्रकट करता है? निःसंदेह वह हर चीज़ का जानने वाला है। उससे अपने बंदों के हितों की कोई चीज़ छिपी नहीं है।
التفاسير العربية:
من فوائد الآيات في هذه الصفحة:
• دين الأنبياء في أصوله دين واحد.
• मूल सिद्धांतों में सभी नबियों का धर्म एक ही है।

• أهمية وحدة الكلمة، وخطر الاختلاف فيها.
• एकता का महत्व और विभेद का खतरा।

• من مقومات نجاح الدعوة إلى الله: صحة المبدأ، والاستقامة عليه، والبعد عن اتباع الأهواء، والعدل، والتركيز على المشترك، وترك الجدال العقيم، والتذكير بالمصير المشترك.
• अल्लाह की ओर बुलाने के कार्य की सफलता के कुछ आवश्यक तत्व ये हैं : सिद्धांत की परिशुद्धता, उसपर मज़बूती से क़ायम रहना, इच्छाओं का अनुसरण करने से दूर रहना, न्याय, समान हित पर ध्यान केंद्रित करना, निरर्थक बहस को त्याग कर देना और समान गंतव्य की याददिहानी।

 
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