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ترجمة معاني سورة: المعارج   آية:

سورة المعارج - सूरा अल्-मआ़रिज

من مقاصد السورة:
بيان حال وجزاء الخلق يوم القيامة.
क़ियामत के दिन सृष्टि की स्थिति और बदले का वर्णन।

سَاَلَ سَآىِٕلٌۢ بِعَذَابٍ وَّاقِعٍ ۟ۙ
मुश्रिकों में से एक व्यक्ति ने खुद पर और अपनी जाति के लोगों पर यातना का आह्वान किया, यदि वह यातना आने वाली है। यह उसने उपहास के तौर पर किया, हालाँकि वह क़ियामत के दिन घटित होने वाली है।
التفاسير العربية:
لِّلْكٰفِرِیْنَ لَیْسَ لَهٗ دَافِعٌ ۟ۙ
(वह यातना) अल्लाह का इनकार करने वालों पर आने वाली है। इस यातना को कोई टाल नहीं सकता।
التفاسير العربية:
مِّنَ اللّٰهِ ذِی الْمَعَارِجِ ۟ؕ
अल्लाह की ओर से, जो ऊँचाइयों वाला, दर्जों वाला, अनुग्रहों और नेमतों वाला है।
التفاسير العربية:
تَعْرُجُ الْمَلٰٓىِٕكَةُ وَالرُّوْحُ اِلَیْهِ فِیْ یَوْمٍ كَانَ مِقْدَارُهٗ خَمْسِیْنَ اَلْفَ سَنَةٍ ۟ۚ
फ़रिश्ते और जिबरील (अलैहिस्सलाम) क़ियामत के दिन उन सीढ़ियों के माध्यम से उसकी ओर चढ़ेंगे, और यह एक लंबा दिन है जिसकी मात्रा पचास हज़ार साल है।
التفاسير العربية:
فَاصْبِرْ صَبْرًا جَمِیْلًا ۟
अतः (ऐ नबी) आप ऐसा धैर्य रखें, जिसमें न बेचैनी (घबराहट) हो और न शिकायत के शब्द मुँह से निकालें।
التفاسير العربية:
اِنَّهُمْ یَرَوْنَهٗ بَعِیْدًا ۟ۙ
वे लोग इस यातना को दूर तथा असंभव समझ रहे हैं।
التفاسير العربية:
وَّنَرٰىهُ قَرِیْبًا ۟ؕ
और हम उसे निश्चित रूप से निकट ही घटित होने वाली समझते हैं।
التفاسير العربية:
یَوْمَ تَكُوْنُ السَّمَآءُ كَالْمُهْلِ ۟ۙ
जिस दिन आकाश पिघले हुए तांबे और सोने आदि के जैसा हो जाएगा।
التفاسير العربية:
وَتَكُوْنُ الْجِبَالُ كَالْعِهْنِ ۟ۙ
और पहाड़ ऊन की तरह हल्के हो जाएँगे।
التفاسير العربية:
وَلَا یَسْـَٔلُ حَمِیْمٌ حَمِیْمًا ۟ۚۖ
और कोई निकट संबंधी अपने निकट संबंधी का हाल नहीं पूछेगा, क्योंकि हर कोई अपने आप में व्यस्त होगा।
التفاسير العربية:
من فوائد الآيات في هذه الصفحة:
• تنزيه القرآن عن الشعر والكهانة.
• क़ुरआन न तो शेर है, न काहिन की बात।

• خطر التَّقَوُّل على الله والافتراء عليه سبحانه.
• अल्लाह पर कोई बात गढ़ने और उसपर मिथ्यारोपण करने का खतरा।

• الصبر الجميل الذي يحتسب فيه الأجر من الله ولا يُشكى لغيره.
• 'अच्छा धैर्य' वह धैर्य है, जिसमें अल्लाह से बदले की उम्मीद रखी जाए और उसके सिवा किसी अन्य के सामने शिकायत न की जाए।

یُّبَصَّرُوْنَهُمْ ؕ— یَوَدُّ الْمُجْرِمُ لَوْ یَفْتَدِیْ مِنْ عَذَابِ یَوْمِىِٕذٍ بِبَنِیْهِ ۟ۙ
प्रत्येक व्यक्ति अपने निकट के संबंधी को देख रहा होगा, वह उससे छिपा नहीं होगा। फिर भी, उस स्थिति की भयावहता के कारण, कोई किसी को नहीं पूछेगा। तथा वह व्यक्ति जो जहन्नम का हक़दार बन गया होगा, यह चाहेगा कि अपने बजाय अपने बच्चों को यातना के लिए पेश कर दे।
التفاسير العربية:
وَصَاحِبَتِهٖ وَاَخِیْهِ ۟ۙ
और वह अपनी पत्नी तथा अपने भाई को छुड़ौती के रूप में प्रस्तुत कर दे।
التفاسير العربية:
وَفَصِیْلَتِهِ الَّتِیْ تُـْٔوِیْهِ ۟ۙ
और अपने सबसे क़रीबी परिवार वालों को छुड़ौती के रूप में प्रस्तुत कर दे, जो कठिन परिस्थितियों में उसके साथ खड़े होते थे।
التفاسير العربية:
وَمَنْ فِی الْاَرْضِ جَمِیْعًا ۙ— ثُمَّ یُنْجِیْهِ ۟ۙ
और धरती पर मौजूद मनुष्य, जिन्न और अन्य सहित सभी को छुड़ौती के रूप में दे दे। फिर यह फ़िदया देना उसे जहन्नम की यातना से बचा ले।
التفاسير العربية:
كَلَّا ؕ— اِنَّهَا لَظٰی ۟ۙ
मामला वैसा नहीं है, जैसा कि इस अपराधी ने कामना की है। निश्चय वह आख़िरत की आग है, जो भड़क रही है और लपट मार रही है।
التفاسير العربية:
نَزَّاعَةً لِّلشَّوٰی ۟ۚۖ
जो अपनी गर्मी और प्रज्वलन की तीव्रता से गंभीर रूप से सिर की खाल उधेड़ देगी।
التفاسير العربية:
تَدْعُوْا مَنْ اَدْبَرَ وَتَوَلّٰی ۟ۙ
वह उस व्यक्ति को पुकारेगी, जिसने सत्य से मुँह मोड़ा और उससे दूर भागा, न उसपर ईमान लाया और न उसपर अमल किया।
التفاسير العربية:
وَجَمَعَ فَاَوْعٰی ۟
और उसने धन जमा किया और उसे अल्लाह के रास्ते में खर्च करने में कंजूसी की।
التفاسير العربية:
اِنَّ الْاِنْسَانَ خُلِقَ هَلُوْعًا ۟ۙ
निश्चय इनसान सख़्त लालची पैदा किया गया है।
التفاسير العربية:
اِذَا مَسَّهُ الشَّرُّ جَزُوْعًا ۟ۙ
जब वह बीमारी या गरीबी जैसी किसी तकलीफ से पीड़ित होता है, तो अधीर हो जाता है।
التفاسير العربية:
وَّاِذَا مَسَّهُ الْخَیْرُ مَنُوْعًا ۟ۙ
और जब उसे उर्वरता और मालदारी जैसी कोई खुशी देने वाली चीज़ मिलती है, तो वह उसे अल्लाह के मार्ग में खर्च करने से बहुत ज़्यादा रोकने वाला होता है।
التفاسير العربية:
اِلَّا الْمُصَلِّیْنَ ۟ۙ
सिवाय उन बंदों के जो नमाज़ अदा करने वाले हैं। चुनाँचे वे इन निंदनीय विशेषताओं से सुरक्षित हैं।
التفاسير العربية:
الَّذِیْنَ هُمْ عَلٰی صَلَاتِهِمْ دَآىِٕمُوْنَ ۟
जो हमेशा अपनी नमाज़ की पाबंदी करते हैं। वे कभी उससे ग़ाफ़िल नहीं होते तथा सदा उसे उसके निर्दिष्ट समय पर अदा करते हैं।
التفاسير العربية:
وَالَّذِیْنَ فِیْۤ اَمْوَالِهِمْ حَقٌّ مَّعْلُوْمٌ ۟
और जिन लोगों के धनों में एक अनिवार्य निर्धारित हिस्सा है।
التفاسير العربية:
لِّلسَّآىِٕلِ وَالْمَحْرُوْمِ ۟
वे उसे उस व्यक्ति को देते हैं, जो उनसे माँगता है तथा उस व्यक्ति को देते हैं, जो उनसे नहीं माँगता है, जो किसी कारण से अपनी आजीविका से वंचित है।
التفاسير العربية:
وَالَّذِیْنَ یُصَدِّقُوْنَ بِیَوْمِ الدِّیْنِ ۟
और जो क़ियामत के दिन को सत्य मानते हैं, जिस दिन अल्लाह हर एक को वह बदला देगा, जिसका वह हक़दार है।
التفاسير العربية:
وَالَّذِیْنَ هُمْ مِّنْ عَذَابِ رَبِّهِمْ مُّشْفِقُوْنَ ۟ۚ
और जो अपने पालनहार की यातना से डरने वाले हैं, जबकि वे नेकी के काम किए हुए होते हैं।
التفاسير العربية:
اِنَّ عَذَابَ رَبِّهِمْ غَیْرُ مَاْمُوْنٍ ۪۟
निश्चय उनके पालनहार की यातना डरने की चीज़ है, जिससे कोई समझदार व्यक्ति निश्चिंत नहीं हो सकता।
التفاسير العربية:
وَالَّذِیْنَ هُمْ لِفُرُوْجِهِمْ حٰفِظُوْنَ ۟ۙ
और जो अपने गुप्तांगों की, उन्हें ढंक कर और उन्हें अनैतिक आचरण से दूर रखकर, रक्षा करते हैं।
التفاسير العربية:
اِلَّا عَلٰۤی اَزْوَاجِهِمْ اَوْ مَا مَلَكَتْ اَیْمَانُهُمْ فَاِنَّهُمْ غَیْرُ مَلُوْمِیْنَ ۟ۚ
सिवाय अपनी पत्नियों और अपने स्वामित्व में आई हुई दासियों के। क्योंकि उनसे संभोग आदि से लाभ उठाने में उनपर कोई दोष नहीं है।
التفاسير العربية:
فَمَنِ ابْتَغٰی وَرَآءَ ذٰلِكَ فَاُولٰٓىِٕكَ هُمُ الْعٰدُوْنَ ۟ۚ
फिर जो उपर्युक्त पत्नियों और दासियों के अलावा से आनंद तलाश करे, तो वही लोग अल्लाह की सीमाओं का उल्लंघन करने वाले हैं।
التفاسير العربية:
وَالَّذِیْنَ هُمْ لِاَمٰنٰتِهِمْ وَعَهْدِهِمْ رٰعُوْنَ ۟
और जो लोग अपने पास अमानत रखे हुए धनों और भेदों आदि की तथा लोगों से की हुई अपनी प्रतिज्ञाओं की रक्षा करने वाले हैं। न तो उनकी अमानतों में ख़यानत करते हैं और न उनकी प्रतिज्ञाओं को तोड़ते हैं।
التفاسير العربية:
وَالَّذِیْنَ هُمْ بِشَهٰدٰتِهِمْ قَآىِٕمُوْنَ ۟
और जो लोग अपेक्षित तरीक़े से अपनी गवाही देते हैं। न तो रिश्तेदारी और न ही दुश्मनी उनकी गवाही को प्रभावित करती है।
التفاسير العربية:
وَالَّذِیْنَ هُمْ عَلٰی صَلَاتِهِمْ یُحَافِظُوْنَ ۟ؕ
और जो अपनी नमाज़ की रक्षा करते हैं; पवित्रता और हृदय शांति के साथ तथा उसके समय पर उसकी अदायगी करके। कोई चीज़ उन्हें नमाज़ से ग़ाफ़िल नहीं होने देती।
التفاسير العربية:
اُولٰٓىِٕكَ فِیْ جَنّٰتٍ مُّكْرَمُوْنَ ۟ؕ۠
जो लोग इन गुणों से विशिष्ट हैं, वे जन्नतों में सम्मानित हों। क्योंकि उन्हें स्थायी नेमतों का आनंद और अल्लाह के चेहरे के दीदार का सौभाग्य प्राप्त होगा।
التفاسير العربية:
فَمَالِ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا قِبَلَكَ مُهْطِعِیْنَ ۟ۙ
(ऐ रसूल!) आपकी जाति के इन मुश्रिकों को किस चीज़ ने आकर्षित किया कि वे आपके चारों ओर आपको झुठलाने के लिए दौड़े चले आ रहे हैं?!
التفاسير العربية:
عَنِ الْیَمِیْنِ وَعَنِ الشِّمَالِ عِزِیْنَ ۟
वे आपको समूहों में आपके दाहिने और बाएँ तरफ से घेरे हुए हैं।
التفاسير العربية:
اَیَطْمَعُ كُلُّ امْرِئٍ مِّنْهُمْ اَنْ یُّدْخَلَ جَنَّةَ نَعِیْمٍ ۟ۙ
क्या उनमें से हर आदमी यह आशा रखता है कि अल्लाह उसे नेमतों वाली जन्नत में दाख़िल करेगा, जिसमें वह उसकी सदाबहार नेमतों का आनंद लेगा, जबकि वह अपने कुफ़्र पर क़ायम है?!
التفاسير العربية:
كَلَّا ؕ— اِنَّا خَلَقْنٰهُمْ مِّمَّا یَعْلَمُوْنَ ۟
मामला वैसा नहीं है, जैसा कि उन्होंने कल्पना की है। निश्चय हमने उन्हें उस चीज़ से पैदा किया है, जिसे वे जानते हैं। हमने उन्हें एक तुच्छ पानी से पैदा किया है। अतः वे कमज़ोर हैं, अपने लिए लाभ या हानि के मालिक नहीं हैं। फिर उन्हें अभिमान कैसे शोभा देता है?!
التفاسير العربية:
فَلَاۤ اُقْسِمُ بِرَبِّ الْمَشٰرِقِ وَالْمَغٰرِبِ اِنَّا لَقٰدِرُوْنَ ۟ۙ
अल्लाह सर्वशक्तिमान ने स्वयं अपनी क़सम खाई है, और वह सूर्य, चंद्रमा और शेष सभी ग्रहों के उदय एवं यास्त के स्थानों का स्वामी है, कि निःसंदेह हम निश्चय सामर्थ्यवान् हैं।
التفاسير العربية:
من فوائد الآيات في هذه الصفحة:
• شدة عذاب النار حيث يود أهل النار أن ينجوا منها بكل وسيلة مما كانوا يعرفونه من وسائل الدنيا.
• जहन्नम की यातना इतनी कठोर होगी कि जहन्नमी चाहेंगे कि वे हर उस साधन के द्वारा उससे बच जाएँ, जिससे वे दुनिया में परिचित थे।

• الصلاة من أعظم ما تكفَّر به السيئات في الدنيا، ويتوقى بها من نار الآخرة.
• नमाज़ सबसे बड़ी चीज़ों में से है, जिसके द्वारा दुनिया में गुनाहों को मिटाया और आख़िरत की आग से बचा जा सकता है।

• الخوف من عذاب الله دافع للعمل الصالح.
• अल्लाह की यातना का डर अच्छे कामों के लिए प्रेरणा है।

عَلٰۤی اَنْ نُّبَدِّلَ خَیْرًا مِّنْهُمْ ۙ— وَمَا نَحْنُ بِمَسْبُوْقِیْنَ ۟
कि उन्हें नष्ट करके उनके बदले में ऐसे लोगों को ले आएँ, जो अल्लाह का आज्ञापालन करने वाले हों। हम ऐसा करने में असमर्थ नहीं हैं, तथा जब भी हम उन्हें नष्ट करना चाहें और उन्हें दूसरों के साथ बदलना चाहें, तो हम ऐसा करने में विवश नहीं हैं।
التفاسير العربية:
فَذَرْهُمْ یَخُوْضُوْا وَیَلْعَبُوْا حَتّٰی یُلٰقُوْا یَوْمَهُمُ الَّذِیْ یُوْعَدُوْنَ ۟ۙ
अतः (ऐ रसूल) आप उन्हें छोड़ दें कि वे अपने झूठ और गुमराही में पड़े रहें तथा अपने सांसारिक जीवन में खेलते रहें, यहाँ तक कि वे क़ियामत के दिन से जा मिलें, जिसका उनसे क़ुरआन में वादा किया जाता था।
التفاسير العربية:
یَوْمَ یَخْرُجُوْنَ مِنَ الْاَجْدَاثِ سِرَاعًا كَاَنَّهُمْ اِلٰی نُصُبٍ یُّوْفِضُوْنَ ۟ۙ
जिस दिन वे क़ब्रों से तेज़ दौड़ते हुए लिकलेंगे, जैसे वे किसी निशान की ओर दौड़े जा रहे हैं।
التفاسير العربية:
خَاشِعَةً اَبْصَارُهُمْ تَرْهَقُهُمْ ذِلَّةٌ ؕ— ذٰلِكَ الْیَوْمُ الَّذِیْ كَانُوْا یُوْعَدُوْنَ ۟۠
उनकी निगाहें झुकी होंगी, उनपर अपमान छाया होगा। यह वही दिन है, जिसका उनसे दुनिया में वादा किया जाता था और वे उसकी परवाह नहीं करते थे।
التفاسير العربية:
من فوائد الآيات في هذه الصفحة:
• خطر الغفلة عن الآخرة.
• आख़िरत से गफ़लत का खतरा।

• عبادة الله وتقواه سبب لغفران الذنوب.
• अल्लाह की इबादत और उसका भय पापों की क्षमा का एक कारण है।

• الاستمرار في الدعوة وتنويع أساليبها حق واجب على الدعاة.
• अल्लाह की ओर बुलाने के कार्य को जारी रखना और उसके तरीक़ों में विविधता लाना अल्लाह की ओर बुलाने वालों का अनिवार्य दायित्व है।

 
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