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ترجمة معاني سورة: القيامة   آية:

سورة القيامة - सूरा अल्-क़ियामह

من مقاصد السورة:
إظهار قدرة الله على بعث الخلق وجمعهم يوم القيامة.
मरने के बाद लोगों को पुनर्जीवित करने और क़ियामत के दिन उन्हें एकत्र करने पर अल्लाह की क्षमता का प्रदर्शन।

لَاۤ اُقْسِمُ بِیَوْمِ الْقِیٰمَةِ ۟ۙ
अल्लाह ने क़ियामत के दिन की क़सम खाई है, जिस दिन लोग सर्व संसार के पालनहार के सामने खड़े होंगे।
التفاسير العربية:
وَلَاۤ اُقْسِمُ بِالنَّفْسِ اللَّوَّامَةِ ۟
तथा अल्लाह ने अच्छी आत्मा की क़सम खाई है, जो इनसान को अच्छे काम में कोताही करने पर और बुरे कामों के करने पर मलामत (निंदा) करती है। अल्लाह ने इन दोनों चीज़ों की क़सम खाकर कहा है कि वह लोगों को हिसाब और बदले के लिए ज़रूर पुनर्जीवित करेगा।
التفاسير العربية:
اَیَحْسَبُ الْاِنْسَانُ اَلَّنْ نَّجْمَعَ عِظَامَهٗ ۟ؕ
क्या इनसान यह सोचता है कि पुनर्जीवित करने के लिए उसकी मृत्यु के बाद हम उसकी हड्डियों को इकट्ठा नहीं करेंगे?!
التفاسير العربية:
بَلٰى قٰدِرِیْنَ عَلٰۤی اَنْ نُّسَوِّیَ بَنَانَهٗ ۟
क्यों नहीं? हम उनको एकत्र करने के साथ-साथ, उसकी उँगलियों की पोरों को पहले की तरह बिलकुल ठीक करने की भी शक्ति रखते हैं।
التفاسير العربية:
بَلْ یُرِیْدُ الْاِنْسَانُ لِیَفْجُرَ اَمَامَهٗ ۟ۚ
बल्कि इनसान मरणोपरांत दोबारा उठाए जाने का इनकार करके यह चाहता है कि वह आगे भी किसी रोक-टोक के बिना कुकर्म करता चला जाए।
التفاسير العربية:
یَسْـَٔلُ اَیَّانَ یَوْمُ الْقِیٰمَةِ ۟ؕ
वह असंभव समझते हुए क़ियामत के दिन के बारे में पूछता है : वह कब होगा?
التفاسير العربية:
فَاِذَا بَرِقَ الْبَصَرُ ۟ۙ
जब आँख उस चीज़ को देखकर चौंधिया जाएगी और चकित रह जाएगी, जिसे वह दुनिया में झुठलाया करता था।
التفاسير العربية:
وَخَسَفَ الْقَمَرُ ۟ۙ
और चाँद की रोशनी चली जाएगी।
التفاسير العربية:
وَجُمِعَ الشَّمْسُ وَالْقَمَرُ ۟ۙ
और सूरज एवं चाँद इकट्ठे कर दिए जाएँगे।
التفاسير العربية:
یَقُوْلُ الْاِنْسَانُ یَوْمَىِٕذٍ اَیْنَ الْمَفَرُّ ۟ۚ
उस दिन कुकर्मी इनसान कहेगा कि भागने का स्थान कहाँ है?!
التفاسير العربية:
كَلَّا لَا وَزَرَ ۟ؕ
उस दिन भागने का कोई अवसर न होगा और न ही कोई शरण स्थल होगा, जहाँ कुकर्मी शरण ले सके और न कोई बचने का स्थान होगा, जहाँ पहुँचकर बच सके।
التفاسير العربية:
اِلٰى رَبِّكَ یَوْمَىِٕذِ ١لْمُسْتَقَرُّ ۟ؕ
उस दिन (ऐ रसूल) तेरे पालनहार ही की ओर हिसाब और प्रतिफल के लिए लौटकर जाना होगा।
التفاسير العربية:
یُنَبَّؤُا الْاِنْسَانُ یَوْمَىِٕذٍ بِمَا قَدَّمَ وَاَخَّرَ ۟ؕ
उस दिन इनसान को उसके कर्मों के बारे में सूचित किया जाएगा कि क्या उसने आगे भेजा और क्या उसने पीछे छोड़ा।
التفاسير العربية:
بَلِ الْاِنْسَانُ عَلٰی نَفْسِهٖ بَصِیْرَةٌ ۟ۙ
बल्कि मनुष्य खुद के खिलाफ़ एक गवाह है, क्योंकि उसके शरीर के अंग उसके खिलाफ़ गवाही देंगे कि उसने क्या पाप किए हैं।
التفاسير العربية:
وَّلَوْ اَلْقٰى مَعَاذِیْرَهٗ ۟ؕ
यद्यपि वह तरह-तरह के बहाने पेश करके अपने बारे में यह तर्क दे कि उसने कुछ भी गलत नहीं किया है, लेकिन इसका उसे कुछ लाभ नहीं होगा।
التفاسير العربية:
لَا تُحَرِّكْ بِهٖ لِسَانَكَ لِتَعْجَلَ بِهٖ ۟ؕ
(ऐ रसूल) क़ुरआन के साथ अपनी ज़ुबान को न हिलाएँ इस बात के लिए जल्दी करते हुए कि कहीं वह आपकी याददाश्त से निकल न जाए।
التفاسير العربية:
اِنَّ عَلَیْنَا جَمْعَهٗ وَقُرْاٰنَهٗ ۟ۚۖ
निश्चय यह काम हमारे ही ज़िम्मे है कि हम उसे आपके सीने में एकत्र कर दें और उसके पठन को आपकी ज़ुबान पर साबित कर दें।
التفاسير العربية:
فَاِذَا قَرَاْنٰهُ فَاتَّبِعْ قُرْاٰنَهٗ ۟ۚ
अतः जब हमारे संदेष्टा जिबरील उसे आपके सामने पढ़ें, तो आप उसके पठन को कान लगाकर सुनें और ख़ामोश रहें।
التفاسير العربية:
ثُمَّ اِنَّ عَلَیْنَا بَیَانَهٗ ۟ؕ
फिर उसकी व्याख्या करना और आपको उसका अर्थ बताना भी हमारी ज़िम्मेदारी है।
التفاسير العربية:
من فوائد الآيات في هذه الصفحة:
• مشيئة العبد مُقَيَّدة بمشيئة الله.
• बंदे की इच्छा अल्लाह की इच्छा के अधीन है।

• حرص رسول الله صلى الله عليه وسلم على حفظ ما يوحى إليه من القرآن، وتكفّل الله له بجمعه في صدره وحفظه كاملًا فلا ينسى منه شيئًا.
• अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम, क़ुरआन में से जो कुछ आपकी ओर वह़्य उतरती थी, उसे याद करने के लिए उत्सुक होते थे। तथा अल्लाह ने उसे आपके सीने में इकट्ठा करने और उसे पूर्ण रूप से संरक्षित करने की ज़िम्मेदारी ली है। इसलिए आप उसमें से कुछ भी नहीं भूलेंगे।

كَلَّا بَلْ تُحِبُّوْنَ الْعَاجِلَةَ ۟ۙ
हरगिज़ नहीं, मामला वैसा नहीं है, जैसा तुमने मरणोपरांत पुनर्जीवित होने की असंभवता का दावा किया है। क्योंकि तुम खुद जानते हो कि जो तुम्हें शुरुआत में पैदा करने में सक्षम है, वह तुम्हारी मृत्यु के बाद तुम्हें पुनर्जीवित करने में असमर्थ नहीं होगा। लेकिन तुम्हारे मरणोपरांत पुनर्जीवित होकर उठने के इनकार का कारण इस नश्वर दुनिया से तुम्हारा प्यार है।
التفاسير العربية:
وَتَذَرُوْنَ الْاٰخِرَةَ ۟ؕ
तथा तुम्हारा आख़िरत के जीवन को छोड़ देना है, जिसका रास्ता अल्लाह के आदेशों का पालन करना और उसकी हराम की हुई चीज़ों से बचना है।
التفاسير العربية:
وُجُوْهٌ یَّوْمَىِٕذٍ نَّاضِرَةٌ ۟ۙ
उस दिन ईमान और सौभाग्य वालों के चेहरे सुंदर और प्रकाशमान् होंगे।
التفاسير العربية:
اِلٰى رَبِّهَا نَاظِرَةٌ ۟ۚ
वे अपने रब की ओर देख रहे होंगे और उससे आनंदित हो रहे होंगे।
التفاسير العربية:
وَوُجُوْهٌ یَّوْمَىِٕذٍ بَاسِرَةٌ ۟ۙ
और काफ़िरों तथा दुर्भाग्यशाली लोगों के चेहरे उस दिन बिगड़े हुए होंगे।
التفاسير العربية:
تَظُنُّ اَنْ یُّفْعَلَ بِهَا فَاقِرَةٌ ۟ؕ
उन्हें विश्वास होगा कि उनपर बड़ी सज़ा और दर्दनाक यातना उतरने वाली है।
التفاسير العربية:
كَلَّاۤ اِذَا بَلَغَتِ التَّرَاقِیَ ۟ۙ
मामला वैसा नहीं है, जैसा मुश्रिकों ने समझ लिया है कि जब वे मर जाएँगे तो उन्हें यातना का सामना नहीं होगा। जब तुममें से किसी का प्राण उसके सीने के ऊपरी भाग (हँसली) तक पहुँच जाएगा।
التفاسير العربية:
وَقِیْلَ مَنْ ٚ— رَاقٍ ۟ۙ
और कुछ लोग एक-दूसरे से कहेंगे : कौन इसकी झाड़-फूँक करेगा, शायद वह ठीक हो जाए!?
التفاسير العربية:
وَّظَنَّ اَنَّهُ الْفِرَاقُ ۟ۙ
और जो उस समय मरणासन्न दशा में होगा, उसे विश्वास हो जाएगा कि यह मौत के द्वारा दुनिया से जुदाई की घड़ी है।
التفاسير العربية:
وَالْتَفَّتِ السَّاقُ بِالسَّاقِ ۟ۙ
इस दुनिया के अंत और इसके बाद की दुनिया (आख़रित) की शुरुआत में कठिनाइयाँ एकत्र हो जाएँगी।
التفاسير العربية:
اِلٰى رَبِّكَ یَوْمَىِٕذِ ١لْمَسَاقُ ۟ؕ۠
ऐसा घटित होने पर मृतक को उसके पालनहार के पास ले जाया जाएगा।
التفاسير العربية:
فَلَا صَدَّقَ وَلَا صَلّٰى ۟ۙ
काफ़िर ने न तो रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के लाए हुए संदेश को सत्य माना, और न सर्वशक्तिमान अल्लाह के लिए नमाज़ पढ़ी।
التفاسير العربية:
وَلٰكِنْ كَذَّبَ وَتَوَلّٰى ۟ۙ
लेकिन उसने रसूल के लाए हुए संदेश को झुठलाया और उससे दूर हो गया।
التفاسير العربية:
ثُمَّ ذَهَبَ اِلٰۤی اَهْلِهٖ یَتَمَطّٰى ۟ؕ
फिर यह काफ़िर अहंकार से अकड़ता हुआ अपने परिवार के पास गया।
التفاسير العربية:
اَوْلٰى لَكَ فَاَوْلٰى ۟ۙ
इसलिए अल्लाह ने काफ़िर को धमकी दी कि अल्लाह की यातना उसके निकट आ चुकी है।
التفاسير العربية:
ثُمَّ اَوْلٰى لَكَ فَاَوْلٰى ۟ؕ
फिर अल्लाह ने बल देने के लिए इस वाक्य को दोहराया। चुनाँचे फरमाया : ''फि तेरे लिए विनाश है, फिर तेरे लिए बर्बादी है।''
التفاسير العربية:
اَیَحْسَبُ الْاِنْسَانُ اَنْ یُّتْرَكَ سُدًی ۟ؕ
क्या इनसान यह समझता है कि अल्लाह उसे शरीयत का बाध्य किए बिना यूँ ही बेकार छोड़ देगा?!
التفاسير العربية:
اَلَمْ یَكُ نُطْفَةً مِّنْ مَّنِیٍّ یُّمْنٰى ۟ۙ
क्या यह इनसान किसी दिन गर्भाशय में गिराए जाने वाले वीर्य की एक बूँद नहीं था?!
التفاسير العربية:
ثُمَّ كَانَ عَلَقَةً فَخَلَقَ فَسَوّٰى ۟ۙ
फिर उसके बाद वह जमे हुए रक्त का टुकड़ा हो गया, फिर अल्लाह ने उसे पैदा किया और उसकी रचना को ठीक-ठाक बनाया।
التفاسير العربية:
فَجَعَلَ مِنْهُ الزَّوْجَیْنِ الذَّكَرَ وَالْاُ ۟ؕ
फिर उसने उसकी जाति से दो प्रकार : नर और मादा बनाए।
التفاسير العربية:
اَلَیْسَ ذٰلِكَ بِقٰدِرٍ عَلٰۤی اَنْ یُّحْیِ الْمَوْتٰى ۟۠
क्या जिसने मनुष्य को वीर्य फिर जमे हुए रक्त से पैदा किया, वह मरे हुए लोगों को हिसाब और बदले के लिए पुन: जीवित करने में सक्षम नहीं है?! क्यों नहीं, निश्चय वह अवश्य सक्षम है।
التفاسير العربية:
من فوائد الآيات في هذه الصفحة:
• خطر حب الدنيا والإعراض عن الآخرة.
• दुनिया को प्यार करने और आख़िरत से दूर होने का खतरा।

• ثبوت الاختيار للإنسان، وهذا من تكريم الله له.
• इनसान के लिए 'इख़्तियार' (चुनने) का सबूत। यह अल्लाह की ओर से उसे सम्मान देना है।

• النظر لوجه الله الكريم من أعظم النعيم.
• अल्लाह के पवित्र चेहरे को देखना सबसे बड़ी नेमत है।

 
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