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ترجمة معاني سورة: الليل   آية:

سورة الليل - सूरा अल्-लैल

من مقاصد السورة:
بيان أحوال الخلق في الإيمان والإنفاق وحال كل فريق.
ईमान और खर्च करने में सृष्टि की स्थितियों, तथा प्रत्येक समूह की स्थिति का वर्णन।

وَالَّیْلِ اِذَا یَغْشٰی ۟ۙ
अल्लाह ने रात की क़सम खाई है, जब वह आसमान और ज़मीन के बीच को अपने अंधेरे के साथ ढाँप ले।
التفاسير العربية:
وَالنَّهَارِ اِذَا تَجَلّٰی ۟ۙ
और दिन की क़सम खाई है, जब वह प्रकट होकर प्रकाशमान हो जाए।
التفاسير العربية:
وَمَا خَلَقَ الذَّكَرَ وَالْاُ ۟ۙ
तथा उसने अपने नर और मादा को पैदा करने की क़सम खाई है।
التفاسير العربية:
اِنَّ سَعْیَكُمْ لَشَتّٰی ۟ؕ
(ऐ लोगो) निश्चय तुम्हारे काम अलग-अलग प्रकार के हैं। कुछ अच्छे कर्म हैं, जो जन्नत में प्रवेश करने का कारण हैं, और कुछ बुरे कर्म हैं, जो नरक में प्रवेश करने का कारण हैं।
التفاسير العربية:
فَاَمَّا مَنْ اَعْطٰی وَاتَّقٰی ۟ۙ
फिर जिसने उस चीज़ को दिया, जिसे देने के लिए वह बाध्य है; जैसे ज़कात, गुज़ारा-भत्ता और कफ़्फ़ारा आदि, और उससे बचा, जिससे अल्लाह ने मना किया है।
التفاسير العربية:
وَصَدَّقَ بِالْحُسْنٰی ۟ۙ
और अल्लाह ने बदले का जो वादा किया है, उसे सच्चा माना।
التفاسير العربية:
فَسَنُیَسِّرُهٗ لِلْیُسْرٰی ۟ؕ
हम उसके लिए नेक काम करना और अल्लाह के मार्ग में ख़र्च करना आसान बना देंगे।
التفاسير العربية:
وَاَمَّا مَنْ بَخِلَ وَاسْتَغْنٰی ۟ۙ
रहा वह व्यक्ति जिसने अपने माल में कंजूसी की और उसे उस चीज़ में खर्च नहीं किया, जिसमें उसका ख़र्च करना उसके लिए अनिवार्य था, तथा अपने माल के साथ अल्लाह से बेपरवाह हो गया। इसलिए अल्लाह से उसके अनुग्रह में से कुछ नहीं मांगा।
التفاسير العربية:
وَكَذَّبَ بِالْحُسْنٰی ۟ۙ
और अल्लाह ने उससे प्रतिकार का और अपने रास्ते में धन खर्च करने पर सवाब का जो वादा किया है, उसे झुठलाया।
التفاسير العربية:
من فوائد الآيات في هذه الصفحة:
• أهمية تزكية النفس وتطهيرها.
• आत्म शुद्धिकरण का महत्व।

• المتعاونون على المعصية شركاء في الإثم.
• पाप में सहयोग करने वाले पाप में भागीदार होते हैं।

• الذنوب سبب للعقوبات الدنيوية.
• पाप, सांसारिक दंडों का कारण है।

• كلٌّ ميسر لما خلق له فمنهم مطيع ومنهم عاصٍ.
• हर व्यक्ति के लिए वह काम आसान कर दिया जाता है, जिसके लिए उसे पैदा किया गया है। अतः उनमें से कुछ आज्ञाकारी हैं और उनमें से कुछ अवज्ञाकारी हैं।

فَسَنُیَسِّرُهٗ لِلْعُسْرٰی ۟ؕ
हम उसके लिए बुराई करना आसान बना देंगे और अच्छा काम करना मुश्किल कर देंगे।
التفاسير العربية:
وَمَا یُغْنِیْ عَنْهُ مَالُهٗۤ اِذَا تَرَدّٰی ۟ؕ
जब वह विनष्ट होकर जहन्नम में प्रवेश करेगा, तो उसका वह धन जिसे खर्च करने में उसने कंजूसी की थी, उसके कुछ काम नहीं आएगा।
التفاسير العربية:
اِنَّ عَلَیْنَا لَلْهُدٰی ۟ؗۖ
निःसंदेह असत्य से सत्य का मार्ग स्पष्ट करना हमारे ही ज़िम्मे है।
التفاسير العربية:
وَاِنَّ لَنَا لَلْاٰخِرَةَ وَالْاُوْلٰی ۟
निःसंदेह हमारे ही अधिकार में आख़िरत का जीवन और हमारे ही अधिकार में सांसारिक जीवन है। हम जो कुछ भी चाहते हैं, उनमें करते हैं और यह अधिकार हमारे अलावा किसी और को नहीं है।
التفاسير العربية:
فَاَنْذَرْتُكُمْ نَارًا تَلَظّٰی ۟ۚ
तो (ऐ लोगो) यदि तुम अल्लाह की अवज्ञा करते हो, तो मैंने तुम्हें भड़कती हुई आग से सावधान कर दिया है।
التفاسير العربية:
لَا یَصْلٰىهَاۤ اِلَّا الْاَشْقَی ۟ۙ
इस आग की गर्मी को केवल वही व्यक्ति झेलेगा, जो सबसे बड़ा अभागा है और वह काफ़िर है।
التفاسير العربية:
الَّذِیْ كَذَّبَ وَتَوَلّٰی ۟ؕ
जिसने रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के लाए हुए संदेश को झुठला दिया और अल्लाह के आदेश का पालन करने से मुँह फेरा।
التفاسير العربية:
وَسَیُجَنَّبُهَا الْاَتْقَی ۟ۙ
और उससे सबसे बड़े परहेज़गार व्यक्ति अर्थात् अबू बक्र सिद्दीक़ रज़ियल्लाहु अन्हु को बचा लिया जाएगा।
التفاسير العربية:
الَّذِیْ یُؤْتِیْ مَالَهٗ یَتَزَكّٰی ۟ۚ
जो गुनाहों से पवित्र होने के लिए अपना धन नेकी के रास्तों में ख़र्च करता है।
التفاسير العربية:
وَمَا لِاَحَدٍ عِنْدَهٗ مِنْ نِّعْمَةٍ تُجْزٰۤی ۟ۙ
वह अपना माल इसलिए नहीं खर्च करता कि उसपर किसी का उपकार है, जिसे वह चुकाना चाहता है।
التفاسير العربية:
اِلَّا ابْتِغَآءَ وَجْهِ رَبِّهِ الْاَعْلٰی ۟ۚ
वह जो माल ख़र्च करता है, उससे वह केवल अपने रब का चेहरा चाहता है, जो अपनी मखलूक़ पर सर्वोच्च है।
التفاسير العربية:
وَلَسَوْفَ یَرْضٰی ۟۠
और निश्चय वह उस उदार बदले से संतुष्ट हो जाएगा, जो अल्लाह उसे प्रदान करेगा।
التفاسير العربية:
من فوائد الآيات في هذه الصفحة:
• منزلة النبي صلى الله عليه وسلم عند ربه لا تدانيها منزلة.
• नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का अपने रब के पास जो स्थान है, उसकी तुलना नहीं की जा सकती।

• شكر النعم حقّ لله على عبده.
• नेमतों का शुक्रिया अदा करना अल्लाह का अपने बंदे पर अधिकार है।

• وجوب الرحمة بالمستضعفين واللين لهم.
• कमज़ोर लोगों पर दया करने और उनके साथ नरमी बरतने की अनिवार्यता।

 
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