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ترجمة معاني سورة: العلق   آية:

سورة العلق - सूरा अल्-अ़लक़

من مقاصد السورة:
الإنسان بين هدايته بالوحي وضلاله بالاستكبار والجهل.
मनुष्य वह़्य (प्रकाशना) के द्वारा अपने मार्गदर्शन तथा अहंकार और अज्ञानता द्वारा अपनी पथभ्रष्टता के बीच है।

اِقْرَاْ بِاسْمِ رَبِّكَ الَّذِیْ خَلَقَ ۟ۚ
(ऐ रसलू) अल्लाह आपकी ओर जो वह़्य कर रहा है, उसे अपने उस पालनहार के नाम से शुरू करते हुए पढ़िए, जिसने सभी प्राणियों को पैदा किया है।
التفاسير العربية:
خَلَقَ الْاِنْسَانَ مِنْ عَلَقٍ ۟ۚ
जिसने इनसान को एक जमे हुए रक्त के लोथड़े से पैदा किया, जो पहले पानी की बूँद था।
التفاسير العربية:
اِقْرَاْ وَرَبُّكَ الْاَكْرَمُ ۟ۙ
(ऐ रसलू) अल्लाह आपकी ओर जो वह़्य कर रहा है, उसे पढ़ें, और आपका पालनहार सबसे बड़ा उदार है, जिसकी उदारता की कोई उदार बराबरी नहीं कर सकता। क्योंकि वह बहुत उदारता और उपकार वाला है।
التفاسير العربية:
الَّذِیْ عَلَّمَ بِالْقَلَمِ ۟ۙ
जिसने क़लम से सुलेख और लिखना सिखाया।
التفاسير العربية:
عَلَّمَ الْاِنْسَانَ مَا لَمْ یَعْلَمْ ۟ؕ
उसने इनसान को वह कुछ सिखाया, जो वह नहीं जानता था।
التفاسير العربية:
كَلَّاۤ اِنَّ الْاِنْسَانَ لَیَطْغٰۤی ۟ۙ
वास्तव में, अबू जह्ल की तरह दुराचारी व्यक्ति अल्लाह की सीमाओं का उल्लंघन करने में हद को पार कर जाता है।
التفاسير العربية:
اَنْ رَّاٰهُ اسْتَغْنٰی ۟ؕ
इसलिए कि वह खुद को देखता है कि वह अपने पास मौजूद प्रतिष्ठा और धन के कारण बेनियाज़ हो गया है।
التفاسير العربية:
اِنَّ اِلٰی رَبِّكَ الرُّجْعٰی ۟ؕ
निश्चय (ऐ इनसान) क़ियामत के दिन तेरे रब ही की ओर वापस लौटना है। फिर वह हर एक को वह बदला देगा, जिसका वह हक़दार है।
التفاسير العربية:
اَرَءَیْتَ الَّذِیْ یَنْهٰی ۟ۙ
क्या आपने अबू जह्ल के मामले से अधिक आश्चर्यजनक कुछ देखा, जो रोकता है।
التفاسير العربية:
عَبْدًا اِذَا صَلّٰی ۟ؕ
हमारे बंदे मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को, जब वह काबा के पास नमाज़ पढ़ते हैं।
التفاسير العربية:
اَرَءَیْتَ اِنْ كَانَ عَلَی الْهُدٰۤی ۟ۙ
क्या आपने देखा कि यदि यह व्यक्ति जिसे रोका जा रहा है, अपने पालनहार की ओर से मार्गदर्शन और अंतर्दृष्टि पर है?!
التفاسير العربية:
اَوْ اَمَرَ بِالتَّقْوٰی ۟ؕ
या वह लोगों को अल्लाह के आदेशों का पालन करके और उसकी मना की हुई चीज़ों से बचकर उससे डरने का आदेश देता हो, क्या इस तरह के व्यक्ति को रोका जाना चाहिए?!
التفاسير العربية:
من فوائد الآيات في هذه الصفحة:
• رضا الله هو المقصد الأسمى.
अल्लाह तआला का अपने नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का सम्मान करते हुए आपके लिए आपके ज़िक्र को ऊँचा कर देना।

• أهمية القراءة والكتابة في الإسلام.
• अल्लाह की प्रसन्नता ही सर्वोच्च लक्ष्य है।

• خطر الغنى إذا جرّ إلى الكبر والبُعد عن الحق.
• इस्लाम में लिखने-पढ़ने का महत्व।

• النهي عن المعروف صفة من صفات الكفر.
• संपन्नता का खतरा, अगर वह घमंड और सत्य से दूरी की ओर ले जाए।

• إكرام الله تعالى نبيه صلى الله عليه وسلم بأن رفع له ذكره.
• भले काम से रोकना, कुफ़्र की विशेषताओं में से एक है।

اَرَءَیْتَ اِنْ كَذَّبَ وَتَوَلّٰی ۟ؕ
भला बतलाओ तो सही कि यदि इस रोकने वाले न रसूल के लाए हुए संदेश को झुठलाया और उससे मुँह फेर लिया, तो क्या वह अल्लाह से डरता नहीं है?!
التفاسير العربية:
اَلَمْ یَعْلَمْ بِاَنَّ اللّٰهَ یَرٰی ۟ؕ
क्या इस बंदे को नमाज़ से रोकने वाले व्यक्ति ने नहीं जाना कि वह जो कुछ कर रहा है, अल्लाह उसे देख रहा है, उससे उसकी कोई चीज़ छिपी नहीं है?!
التفاسير العربية:
كَلَّا لَىِٕنْ لَّمْ یَنْتَهِ ۙ۬— لَنَسْفَعًا بِالنَّاصِیَةِ ۟ۙ
मामला वैसा नहीं है, जैसा इस मूर्ख ने समझ रखा है, यदि उसने हमारे बंदे को कष्ट पहुँचाना और उसे झुठलाना बंद नहीं किया, तो हम उसके माथे की लट पकड़कर जहन्नम की ओर घसीटेंगे।
التفاسير العربية:
نَاصِیَةٍ كَاذِبَةٍ خَاطِئَةٍ ۟ۚ
उस माथे की लट वाला अपने कथन में झूठा और अपने कार्य में गलत है।
التفاسير العربية:
فَلْیَدْعُ نَادِیَهٗ ۟ۙ
तो - जिस समय उसे उसके माथे की लट पकड़कर आग की ओर घसीटा जाएगा - वह अपने साथियों और अपनी सभा के लोगों को उनसे मदद लेने के लिए बुलाए ताकि वे उसे अज़ाब से बचा लें।
التفاسير العربية:
سَنَدْعُ الزَّبَانِیَةَ ۟ۙ
हम भी जहन्नम के कठोर दिल फ़रिश्तों को बुला लेंगे, जो अल्लाह के आदेश का उल्लंघन नहीं करते और वे वही करते हैं, जिसका उन्हें आदेश दिया जाता है। फिर वह देखे कि दोनों में से कौन-सा समूह अधिक शक्तिशाली और अधिक सक्षम है।
التفاسير العربية:
كَلَّا ؕ— لَا تُطِعْهُ وَاسْجُدْ وَاقْتَرِبْ ۟
मामला वैसा नहीं है, जैसा इस ज़ालिम ने समझ रखा है कि वह आपको कोई नुक़सान पहुँचा सकता है। अतः आप उसके किसी आदेश या निषेध को न मानें, बल्कि अल्लाह को सजदा करें और आज्ञाकारिता के कार्यों के द्वारा उसके निकट हो जाएँ, क्योंकि वे उससे निकट कर देती हैं।
التفاسير العربية:
من فوائد الآيات في هذه الصفحة:
• فضل ليلة القدر على سائر ليالي العام.
• लैलतुल क़द्र की वर्ष की अन्य सभी रातों पर श्रेष्ठता।

• الإخلاص في العبادة من شروط قَبولها.
• इबादत में इख़्लास (निष्ठा) का होना उसकी स्वीकृति की शर्तों में से एक है।

• اتفاق الشرائع في الأصول مَدعاة لقبول الرسالة.
• समस्त शरीयतों का मौलिक सिद्धांतों में समान होना, नबी के संदेश को स्वीकार करने का एक कारण है।

 
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