ترجمة معاني القرآن الكريم - الترجمة الهندية * - فهرس التراجم

XML CSV Excel API
تنزيل الملفات يتضمن الموافقة على هذه الشروط والسياسات

ترجمة معاني آية: (5) سورة: يوسف
قَالَ یٰبُنَیَّ لَا تَقْصُصْ رُءْیَاكَ عَلٰۤی اِخْوَتِكَ فَیَكِیْدُوْا لَكَ كَیْدًا ؕ— اِنَّ الشَّیْطٰنَ لِلْاِنْسَانِ عَدُوٌّ مُّبِیْنٌ ۟
उसने कहा : ऐ मेरे बेटे! अपना स्वप्न अपने भाइयों को न बताना[2], अन्यथा वे तेरे विरुद्ध कोई चाल चलेंगे। निःसंदेह शैतान इनसान का खुला दुश्मन है।
2. यूसुफ़ अलैहिस्सलाम की दूसरी माँओं से दस भाई थे। और एक सगा भाई था। याक़ूब अलैहिस्सलाम यह जानते थे कि सौतीले भाई, यूसुफ़ से ईर्ष्या करते हैं। इसलिए उनको सावधान कर दिया कि अपना स्वप्न उन्हें न बताएँ।
التفاسير العربية:
 
ترجمة معاني آية: (5) سورة: يوسف
فهرس السور رقم الصفحة
 
ترجمة معاني القرآن الكريم - الترجمة الهندية - فهرس التراجم

ترجمة معاني القرآن الكريم إلى اللغة الهندية، ترجمها عزيز الحق العمري.

إغلاق