ترجمة معاني القرآن الكريم - الترجمة الهندية * - فهرس التراجم

XML CSV Excel API
تنزيل الملفات يتضمن الموافقة على هذه الشروط والسياسات

ترجمة معاني آية: (76) سورة: القصص
اِنَّ قَارُوْنَ كَانَ مِنْ قَوْمِ مُوْسٰی فَبَغٰی عَلَیْهِمْ ۪— وَاٰتَیْنٰهُ مِنَ الْكُنُوْزِ مَاۤ اِنَّ مَفَاتِحَهٗ لَتَنُوْٓاُ بِالْعُصْبَةِ اُولِی الْقُوَّةِ ۗ— اِذْ قَالَ لَهٗ قَوْمُهٗ لَا تَفْرَحْ اِنَّ اللّٰهَ لَا یُحِبُّ الْفَرِحِیْنَ ۟
निःसंदेह क़ारून[26] मूसा की जाति में से था। फिर उसने उनपर सरकशी की और हमने उसे इतने ख़ज़ाने दिए कि निःसंदेह उनकी कुंजियाँ एक बलशाली गिरोह पर भारी पड़ती थीं। जब उसकी जाति ने उससे कहा : मत इतरा। निःसंदेह अल्लाह इतराने वालों से प्रेम नहीं करता।
26. यहाँ से धन के गर्व तथा उसके दुष्परिणाम का एक उदाहरण दिया जा रहा है कि क़ारून, मूसा (अलैहिस्सलाम) के युग का एक धनी व्यक्ति था।
التفاسير العربية:
 
ترجمة معاني آية: (76) سورة: القصص
فهرس السور رقم الصفحة
 
ترجمة معاني القرآن الكريم - الترجمة الهندية - فهرس التراجم

ترجمة معاني القرآن الكريم إلى اللغة الهندية، ترجمها عزيز الحق العمري.

إغلاق