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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - আল-মুখতাচাৰ ফী তাফছীৰিল কোৰআনিল কাৰীমৰ হিন্দী অনুবাদ * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ ছুৰা: ইউনুছ   আয়াত:
لِلَّذِیْنَ اَحْسَنُوا الْحُسْنٰی وَزِیَادَةٌ ؕ— وَلَا یَرْهَقُ وُجُوْهَهُمْ قَتَرٌ وَّلَا ذِلَّةٌ ؕ— اُولٰٓىِٕكَ اَصْحٰبُ الْجَنَّةِ ۚ— هُمْ فِیْهَا خٰلِدُوْنَ ۟
जिन लोगों ने अल्लाह के अनिवार्य किए हुए पूजा कार्यों (आज्ञाकारिता) को करके, तथा उसके निषिद्ध किए हुए पापों को त्यागकर अच्छा काम किया; उनके लिए सबसे अच्छा बदला अर्थात् जन्नत है, तथा उनके लिए इससे अधिक एक और वस्तु अर्थात् पवित्र अल्लाह के चेहरे के दर्शन का सौभाग्य है। और उनके चेहरों पर न धूल छाएगी और न ही उनपर तिरस्कार व अपमान छाएगा, एहसान के गुण से विशिष्ट यही लोग जन्नत वाले हैं, जिसमें वे सदैव रहेंगे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَالَّذِیْنَ كَسَبُوا السَّیِّاٰتِ جَزَآءُ سَیِّئَةٍ بِمِثْلِهَا ۙ— وَتَرْهَقُهُمْ ذِلَّةٌ ؕ— مَا لَهُمْ مِّنَ اللّٰهِ مِنْ عَاصِمٍ ۚ— كَاَنَّمَاۤ اُغْشِیَتْ وُجُوْهُهُمْ قِطَعًا مِّنَ الَّیْلِ مُظْلِمًا ؕ— اُولٰٓىِٕكَ اَصْحٰبُ النَّارِ ۚ— هُمْ فِیْهَا خٰلِدُوْنَ ۟
और जिन लोगों ने कुफ़्र और पाप जैसे बुरे कर्म किए, उनके लिए उस बुराई का बदला जो उन्होंने किया है, आख़िरत में उसी के समान अल्लाह की सज़ा है, और उनके चेहरों पर तिरस्कार व अपमान छाया होगा। जब अल्लाह उनपर अपनी यातना उतारेगा, तो कोई उन्हें अल्लाह के अज़ाब से बचाने वाला नहीं होगा, मानो कि उनके चेहरों पर अंधेरी रात की तारीकी ओढ़ा दी गई हो। स्याही की यह अधिकता जहन्नम के धुएँ तथा उसकी तारीकी छा जाने के कारण होगी। इन गुणों से विशिष्ट यही लोग जहन्नम वाले हैं, जिसमें वे हमेशा रहेंगे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَیَوْمَ نَحْشُرُهُمْ جَمِیْعًا ثُمَّ نَقُوْلُ لِلَّذِیْنَ اَشْرَكُوْا مَكَانَكُمْ اَنْتُمْ وَشُرَكَآؤُكُمْ ۚ— فَزَیَّلْنَا بَیْنَهُمْ وَقَالَ شُرَكَآؤُهُمْ مَّا كُنْتُمْ اِیَّانَا تَعْبُدُوْنَ ۟
(ऐ रसूल!) आप क़ियामत के दिन को याद करें, जब हम सभी प्राणियों को एकत्र करेंगे, फिर हम उन लोगों से कहेंगे, जिन्होंने दुनिया में अल्लाह के साथ शिर्क किया था : (ऐ मुश्रिको!) अपने-अपने स्थान पर ठहरे रहो, तुम भी और तुम्हारे वे पूज्य भी, जिन्हें तुम अल्लाह के सिवा पूजा करते थे। फिर हम पूज्यों (जिनकी पूजा की जाती थी) और पूजकों (पूजा करने वालों) के बीच अलगाव पैदा कर देंगे। तथा जिनकी पूजा की जाती थी, वे पूजा करने वालों से यह कहते हुए अलग हो जाएँगे : तुम दुनिया में हमारी तो पूजा नहीं करते थे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
فَكَفٰی بِاللّٰهِ شَهِیْدًا بَیْنَنَا وَبَیْنَكُمْ اِنْ كُنَّا عَنْ عِبَادَتِكُمْ لَغٰفِلِیْنَ ۟
उस समय उनके वे देवी-देवता, जिनकी उन्होंने अल्लाह के सिवा पूजा की थी, यह कहते हुए अलग हो जाएँगे : अल्लाह गवाह है (और अकेले उसी की गवाही पर्याप्त है) कि हम अपने लिए तुम्हारी पूजा से प्रसन्न नहीं थे। न हमने तुम्हें इसका आदेश दिया था और न हमें तुम्हारी पूजा की ख़बर थी।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
هُنَالِكَ تَبْلُوْا كُلُّ نَفْسٍ مَّاۤ اَسْلَفَتْ وَرُدُّوْۤا اِلَی اللّٰهِ مَوْلٰىهُمُ الْحَقِّ وَضَلَّ عَنْهُمْ مَّا كَانُوْا یَفْتَرُوْنَ ۟۠
उस महान स्थान में, प्रत्येक व्यक्ति अपने सांसारिक जीवन में किए हुए कामों को जाँच लेगा और बहुदेववादियों को उनके सत्य पालनहार अर्थात अल्लाह की ओर लौटाया जाएगा, जो उनका हिसाब लेगा और उन्होंने अपनी मूर्तियों की सिफारिश की जो झूठी बात गढ़ ली थी, वह उनसे दूर चली जाएगी।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
قُلْ مَنْ یَّرْزُقُكُمْ مِّنَ السَّمَآءِ وَالْاَرْضِ اَمَّنْ یَّمْلِكُ السَّمْعَ وَالْاَبْصَارَ وَمَنْ یُّخْرِجُ الْحَیَّ مِنَ الْمَیِّتِ وَیُخْرِجُ الْمَیِّتَ مِنَ الْحَیِّ وَمَنْ یُّدَبِّرُ الْاَمْرَ ؕ— فَسَیَقُوْلُوْنَ اللّٰهُ ۚ— فَقُلْ اَفَلَا تَتَّقُوْنَ ۟
(ऐ रसूल!) आप अल्लाह के साथ शिर्क करने वाले इन लोगों से पूछें : वह कौन है, जो आकाश से बारिश बरसाकर तुम्हें जीविका प्रदान करता हैॽ तथा वह कौन है, जो तुम्हें धरती से उसमें उगने वाले पौधों और उसमें पाए जाने वाले खनिजों के साथ जीविका प्रदान करता है? और वह कौन है, जो जीव को निर्जीव से, जैसे मनुष्य को शुक्राणु से और पक्षी को अंडे से निकालता हैॽ तथा वह कौन है, जो निर्जीव को जीव से, जैसे शुक्राणु को जीवधारी से और अंडे को पक्षी से निकालता हैॽ और वह कौन है, जो आकाशों और धरती तथा उनमें रहने वाले प्राणियों के मामलों का प्रबंध करता हैॽ वे अवश्य जवाब देंगे कि इन सब चीज़ों का करने वाला अल्लाह ही है। तो आप उनसे कह दें : क्या तुम लोग इस बात को नहीं जानते और अल्लाह के आदेशों का पालन करके तथा उसके निषेधों से बचकर उससे डरते नहींॽ!
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
فَذٰلِكُمُ اللّٰهُ رَبُّكُمُ الْحَقُّ ۚ— فَمَاذَا بَعْدَ الْحَقِّ اِلَّا الضَّلٰلُ ۚ— فَاَنّٰی تُصْرَفُوْنَ ۟
तो (ऐ लोगो!) जो यह सब कर रहा है, वही सत्य अल्लाह तुम्हारा सृजनहार और तुम्हारे मामलों का प्रबंधन करने वाला है। फिर सत्य के ज्ञान के पश्चात् सत्य से दूरी और विनाश के सिवा और क्या रह जाता हैॽ! तो इस स्पष्ट सत्य को छोड़कर तुम्हारी बुद्धि कहाँ चली जाती हैॽ!
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
كَذٰلِكَ حَقَّتْ كَلِمَتُ رَبِّكَ عَلَی الَّذِیْنَ فَسَقُوْۤا اَنَّهُمْ لَا یُؤْمِنُوْنَ ۟
जिस प्रकार अल्लाह के लिए वास्तविक रुबूबियत (प्रतिपालकता) की बात सत्य सिद्ध हो चुकी है, उसी तरह (ऐ रसूल!) हठ के कारण सत्य मार्ग से निकल जाने वालों के प्रति आपके पालनहार की पूर्वनियति वचन भी सत्य होकर रही कि वे लोग ईमान नहीं लाएँगे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• أعظم نعيم يُرَغَّب به المؤمن هو النظر إلى وجه الله تعالى.
• सबसे बड़ी नेमत, जिसके द्वारा एक मोमिन को प्रलोभित किया जा सकता है, वह अल्लाह तआला के चेहरे का दर्शन है।

• بيان قدرة الله، وأنه على كل شيء قدير.
• अल्लाह की शक्ति का वर्णन, और यह कि वह सभी चीजों पर सर्वशक्तिमान है।

• التوحيد في الربوبية والإشراك في الإلهية باطل، فلا بد من توحيدهما معًا.
• अल्लाह के एकमात्र रब होने का इक़रार करना और इबादत में किसी और को उसका साझी बनाना अमान्य व अस्वीकार्य है। अतः उसे एक साथ दोनों में एक मानना आवश्यक है।

• إذا قضى الله بعدم إيمان قوم بسبب معاصيهم فإنهم لا يؤمنون.
• यदि अल्लाह किसी क़ौम की अवज्ञा के कारण उसके ईमान न लाने का निर्णय कर दे, तो वह ईमान नहीं ला सकती।

 
অৰ্থানুবাদ ছুৰা: ইউনুছ
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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - আল-মুখতাচাৰ ফী তাফছীৰিল কোৰআনিল কাৰীমৰ হিন্দী অনুবাদ - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

তাফছীৰ চেণ্টাৰ ফৰ কোৰানিক ষ্টাডিজৰ ফালৰ পৰা প্ৰচাৰিত।

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