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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - আল-মুখতাচাৰ ফী তাফছীৰিল কোৰআনিল কাৰীমৰ হিন্দী অনুবাদ * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ ছুৰা: হূদ   আয়াত:
قَالَ یٰقَوْمِ اَرَءَیْتُمْ اِنْ كُنْتُ عَلٰی بَیِّنَةٍ مِّنْ رَّبِّیْ وَاٰتٰىنِیْ مِنْهُ رَحْمَةً فَمَنْ یَّنْصُرُنِیْ مِنَ اللّٰهِ اِنْ عَصَیْتُهٗ ۫— فَمَا تَزِیْدُوْنَنِیْ غَیْرَ تَخْسِیْرٍ ۟
सालेह ने अपनी जाति के लोगों को उत्तर देते हुए कहा : ऐ मेरी जाति के लोगो! मुझे बताओ कि यदि मैं अपने पालनहार की ओर से स्पष्ट प्रमाण पर हूँ और उसने मुझे अपनी ओर से दया अर्थात नुबुव्वत प्रदान की हो, फिर यदि मैं उस बात को पहुँचाना छोड़कर जिसे उसने मुझे तुम तक पहुँचाने का आदेश दिया है, उसकी अवज्ञा करूँ, तो ऐसी परिस्थिति में मुझे उसकी सज़ा से कौन बचाएगा? तुम लोग तो मुझे केवल और अधिक गुमराह और अल्लाह की प्रसन्नता से दूर ही करोगे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَیٰقَوْمِ هٰذِهٖ نَاقَةُ اللّٰهِ لَكُمْ اٰیَةً فَذَرُوْهَا تَاْكُلْ فِیْۤ اَرْضِ اللّٰهِ وَلَا تَمَسُّوْهَا بِسُوْٓءٍ فَیَاْخُذَكُمْ عَذَابٌ قَرِیْبٌ ۟
और ऐ मेरी जाति के लोगो! यह अल्लाह की ऊँटनी तुम्हारे लिए मेरी सत्यता की निशानी है। अतः तुम इसे अल्लाह की धरती में चरने दो और उसे कोई नुकसान न पहुँचाओ। अन्यथा तुम्हारे उसको मारने के समय के निकट ही तुम्हें यातना आ घेरेगी।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
فَعَقَرُوْهَا فَقَالَ تَمَتَّعُوْا فِیْ دَارِكُمْ ثَلٰثَةَ اَیَّامٍ ؕ— ذٰلِكَ وَعْدٌ غَیْرُ مَكْذُوْبٍ ۟
उन लोगों ने झुठलाने में अति करते हुए उसे मार डाला। तब सालेह ने उनसे कहा : तुम इसकी हत्या करने से लेकर तीन दिन तक अपनी भूमि में जीवन के मज़े ले लो। फिर तुमपर अल्लाह की यातना आएगी। क्योंकि इसके बाद उसके अज़ाब का आना एक अपरिहार्य वादा है जो झूठा नहीं है, बल्कि वह एक सच्चा वादा है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
فَلَمَّا جَآءَ اَمْرُنَا نَجَّیْنَا صٰلِحًا وَّالَّذِیْنَ اٰمَنُوْا مَعَهٗ بِرَحْمَةٍ مِّنَّا وَمِنْ خِزْیِ یَوْمِىِٕذٍ ؕ— اِنَّ رَبَّكَ هُوَ الْقَوِیُّ الْعَزِیْزُ ۟
फिर जब उनको नष्ट करने का हमारा आदेश आ गया, तो हमने सालेह और उनके ईमान वाले साथियों को अपनी दया से बचा लिया तथा उन्हें उस दिन के अपमान और तिरस्कार से सुरक्षित रखा। निःसंदेह (ऐ रसूल!) आपका पालनहार ही शक्तिशाली और प्रभुत्वशाली है, जिसे कोई पराजित नहीं कर सकता। इसीलिए उसने झुठलाने वाले समुदायों को विनष्ट कर दिया।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَاَخَذَ الَّذِیْنَ ظَلَمُوا الصَّیْحَةُ فَاَصْبَحُوْا فِیْ دِیَارِهِمْ جٰثِمِیْنَ ۟ۙ
और समूद को एक विनाशकारी भयानक ध्वनि ने पकड़ लिया, जिसकी तीव्रता से उनकी मृत्यु हो गई और वे इस तरह औंधे पड़े हुए थे कि उनके चेहरे मिट्टी से चिपक गए थे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
كَاَنْ لَّمْ یَغْنَوْا فِیْهَا ؕ— اَلَاۤ اِنَّ ثَمُوْدَاۡ كَفَرُوْا رَبَّهُمْ ؕ— اَلَا بُعْدًا لِّثَمُوْدَ ۟۠
वे ऐसे हो गए, जैसे कि वे अपने देश में अनुग्रह और समृद्धि में रहे ही नहीं थे। सुन लो, समूद ने अल्लाह के साथ कुफ्र किया। वे सदैव अल्लाह कि दया से दूर रहें।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَلَقَدْ جَآءَتْ رُسُلُنَاۤ اِبْرٰهِیْمَ بِالْبُشْرٰی قَالُوْا سَلٰمًا ؕ— قَالَ سَلٰمٌ فَمَا لَبِثَ اَنْ جَآءَ بِعِجْلٍ حَنِیْذٍ ۟
फ़रिश्ते इब्राहीम अलैहिस्सलाम के पास, उन्हें और उनकी पत्नी को इसहाक़ और फिर याक़ूब की शुभ सूचना देने के लिए पुरुषों के रूप में आए। फरिश्तों ने कहा : सलाम हो! तो इबराहीम अलैहिस्सलाम उन्हें यह कहकर उत्तर दिया : सलाम हो। फिर वह जल्दी से गए और उनके पास एक भुना हुआ बछड़ा लेकर आए; ताकि वे उससे खाएँ यह सोचकर कि वे पुरुष हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
فَلَمَّا رَاٰۤ اَیْدِیَهُمْ لَا تَصِلُ اِلَیْهِ نَكِرَهُمْ وَاَوْجَسَ مِنْهُمْ خِیْفَةً ؕ— قَالُوْا لَا تَخَفْ اِنَّاۤ اُرْسِلْنَاۤ اِلٰی قَوْمِ لُوْطٍ ۟ؕ
फिर जब इबराहीम ने देखा कि उनके हाथ बछड़े की ओर नहीं बढ़ रहे हैं और उन्होंने उसे नहीं खाया, तो वह उनके प्रति अचंभे में पड़ गए और अपने दिल में उनसे भय महसूस किया। जब फरिश्तों ने उनका डर देखा तो कहा : हमसे मत डरो, हमें अल्लाह ने लूत की जाति को यातना देने के लिए भेजा है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَامْرَاَتُهٗ قَآىِٕمَةٌ فَضَحِكَتْ فَبَشَّرْنٰهَا بِاِسْحٰقَ ۙ— وَمِنْ وَّرَآءِ اِسْحٰقَ یَعْقُوْبَ ۟
और इबराहीम की पत्नी 'सारा' खड़ी थी, तो हमने उसे यह प्रसन्न करने वाली सूचना दी कि वह इसहाक को जन्म देगी और इसहाक का एक लड़का होगा, जिसका नाम याक़ूब होगा। यह सुनकर वह हँस पड़ी और खुश हो गई।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• عناد واستكبار المشركين حيث لم يؤمنوا بآية صالح عليه السلام وهي من أعظم الآيات.
• बहुदेववादियों की हठधर्मिता और अभिमान, क्योंकि वे सालेह अलैहिस्सलाम की निशानी पर ईमान नहीं लाए। हालाँकि वह एक बहुत बड़ी निशानी थी।

• استحباب تبشير المؤمن بما هو خير له.
• मोमिन को उस बात की शुभसूचना देना अच्छा है, जो उसके लिए भली हो।

• مشروعية السلام لمن دخل على غيره، ووجوب الرد.
• किसी के पास जाते समय सलाम करने की वैधता और सलाम का जवाब देने की अनिवार्यता।

• وجوب إكرام الضيف.
• अतिथि का आदर-सत्कार करने की अनिवार्यता।

 
অৰ্থানুবাদ ছুৰা: হূদ
ছুৰাৰ তালিকা পৃষ্ঠা নং
 
আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - আল-মুখতাচাৰ ফী তাফছীৰিল কোৰআনিল কাৰীমৰ হিন্দী অনুবাদ - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

তাফছীৰ চেণ্টাৰ ফৰ কোৰানিক ষ্টাডিজৰ ফালৰ পৰা প্ৰচাৰিত।

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