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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - আল-মুখতাচাৰ ফী তাফছীৰিল কোৰআনিল কাৰীমৰ হিন্দী অনুবাদ * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ ছুৰা: আল-ইছৰা   আয়াত:
وَاِنْ كَادُوْا لَیَسْتَفِزُّوْنَكَ مِنَ الْاَرْضِ لِیُخْرِجُوْكَ مِنْهَا وَاِذًا لَّا یَلْبَثُوْنَ خِلٰفَكَ اِلَّا قَلِیْلًا ۟
निश्चय ही काफ़िर लोग अपनी दुश्मनी से आपको परेशान करने वाले थे, ताकि आपको मक्का से बाहर निकाल दें। परंतु अल्लाह ने उन्हें आपको बाहर निकालने से रोक दिया, यहाँ तक कि आप अपने पालनहार की आज्ञा से वहाँ से हिजरत कर (निकल) गए। और यदि वे आपको निष्कासित कर देते, तो वे आपको निकालने के पश्चात थोड़े ही समय के लिए रह पाते।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
سُنَّةَ مَنْ قَدْ اَرْسَلْنَا قَبْلَكَ مِنْ رُّسُلِنَا وَلَا تَجِدُ لِسُنَّتِنَا تَحْوِیْلًا ۟۠
यह निर्णय कि वे आपके बाद वहाँ केवल थोड़े समय के लिए रहेंगे, अल्लाह का वह नियम है, जो आपसे पूर्व भेजे गए रसूलों में निरंतर जारी है। और वह यह है कि जिस रसूल को भी उसकी जाति के लोगों ने अपने बीच से निकाल दिया, अल्लाह ने उनपर अपना अज़ाब भेज दिया। और - ऐ रसूल - आप कदापि हमारे नियम में परिवर्तन नहीं पाएँगे, बल्कि उसे स्थिर और नित्य पाँएगे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اَقِمِ الصَّلٰوةَ لِدُلُوْكِ الشَّمْسِ اِلٰی غَسَقِ الَّیْلِ وَقُرْاٰنَ الْفَجْرِ ؕ— اِنَّ قُرْاٰنَ الْفَجْرِ كَانَ مَشْهُوْدًا ۟
नमाज़ स्थापित करें, इस प्रकार कि उसे सबसे पूर्ण तरीक़े से उसके नियत समय पर अदा करें; आकाश के बीच से सूर्य के ढलने से, जिसमें ज़ुहर और अस्र की नमाज़ें शामिल हैं, रात के अंधेरे तक, जिसमें मग़रिब और इशा की नमाज़ें शामिल हैं। तथा फ़ज्र की नमाज़ क़ायम करें और उसमें क़ुरआन की तिलावत लंबी करें। क्योंकि फ़ज्र की नमाज़ में रात और दिन के फ़रिश्ते उपस्थित होते हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَمِنَ الَّیْلِ فَتَهَجَّدْ بِهٖ نَافِلَةً لَّكَ ۖۗ— عَسٰۤی اَنْ یَّبْعَثَكَ رَبُّكَ مَقَامًا مَّحْمُوْدًا ۟
और (ऐ रसूल) आप रात के कुछ समय में उठकर नमाज़ पढ़ें। ताकि यह नमाज़ आपके दर्जों को बुलंद करने में वृद्धि का कारण बने। यह इच्छा करते हुए कि आपका पालनहार आपको क़ियामत के दिन लोगों को उस दिन की भयावहता से मुक्ति दिलाने के लिए सिफ़ारिशी बनाकर उठाए और आपको महान सिफारिश का वह स्थान प्राप्त हो, जिसपर पहले और बाद के सभी लोग आपकी प्रशंसा करेंगे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَقُلْ رَّبِّ اَدْخِلْنِیْ مُدْخَلَ صِدْقٍ وَّاَخْرِجْنِیْ مُخْرَجَ صِدْقٍ وَّاجْعَلْ لِّیْ مِنْ لَّدُنْكَ سُلْطٰنًا نَّصِیْرًا ۟
और (ऐ रसूल) आप यह कहकर प्रार्थना कीजिए : ऐ मेरे पालनहार! मेरा प्रवेश करना और मेरा निकलना, सब कुछ अपने आज्ञापालन में और अपनी प्रसन्नता के अनुकूल कर दे। तथा तू मुझे अपनी ओर से एक स्पष्ट प्रमाण (तर्क) प्रदान कर, जिसके द्वारा तू मेरे दुश्मन पर मेरी मदद कर।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَقُلْ جَآءَ الْحَقُّ وَزَهَقَ الْبَاطِلُ ؕ— اِنَّ الْبَاطِلَ كَانَ زَهُوْقًا ۟
और (ऐ रसूल) आप इन मुश्रिकों से कह दीजिए : इस्लाम आ गया और अल्लाह ने उसकी मदद का जो वादा किया था, पूरा हुआ। तथा शिर्क और कुफ़्र मिट गए। निश्चित रूप से असत्य तो मिटने ही वाला है, वह सत्य के सामने नहीं टिक सकता।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَنُنَزِّلُ مِنَ الْقُرْاٰنِ مَا هُوَ شِفَآءٌ وَّرَحْمَةٌ لِّلْمُؤْمِنِیْنَ ۙ— وَلَا یَزِیْدُ الظّٰلِمِیْنَ اِلَّا خَسَارًا ۟
और हम क़ुरआन में से जो कुछ उतारते हैं, वह अज्ञानता, अविश्वास और संदेह (के रोगों) से दिलों के लिए एक उपचार है। इसी प्रकार वह शरीर के लिए भी इलाज है, यदि उसके द्वारा रुक़्या (दम) किया जाए। तथा वह उन मोमिनों के लिए दया है जो उसके अनुसार कार्य करने वाले हैं। लेकिन इस क़ुरआन से काफिरों के विनाश ही में वृद्धि होती है। क्योंकि इसे सुनने से उन्हें चिढ़ होती है, तथा इससे उनका इनकार करना और उससे मुँह फेरना बढ़ जाता है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَاِذَاۤ اَنْعَمْنَا عَلَی الْاِنْسَانِ اَعْرَضَ وَنَاٰ بِجَانِبِهٖ ۚ— وَاِذَا مَسَّهُ الشَّرُّ كَانَ یَـُٔوْسًا ۟
और जब हम मनुष्य को कोई नेमत, जैसे स्वास्थ्य और मालदारी आदि प्रदान करते हैं, तो वह अल्लाह का शुक्रिया अदा करने और उसका आज्ञापालन करने से मुँह फेर लेता है, और घमंड के कारण दूर चला जाता है। और जब वह किसी बीमारी या गरीबी आदि से पीड़ित होता है, तो अल्लाह की दया से बहुत निराश और हताश हो जाता है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
قُلْ كُلٌّ یَّعْمَلُ عَلٰی شَاكِلَتِهٖ ؕ— فَرَبُّكُمْ اَعْلَمُ بِمَنْ هُوَ اَهْدٰی سَبِیْلًا ۟۠
(ऐ रसूल) आप कह दीजिए : प्रत्येक व्यक्ति अपनी उस पद्धति के अनुसार काम करता है जो मार्गदर्शन और पथ-भ्रष्टता में उसकी स्थिति के समान होती है। चुनाँचे आपका पालनहार सबसे अधिक जानता है कि कौन सबसे ज़्यादा सत्य मार्ग पर है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَیَسْـَٔلُوْنَكَ عَنِ الرُّوْحِ ؕ— قُلِ الرُّوْحُ مِنْ اَمْرِ رَبِّیْ وَمَاۤ اُوْتِیْتُمْ مِّنَ الْعِلْمِ اِلَّا قَلِیْلًا ۟
(ऐ रसूल) अह्ले किताब में से काफ़िर लोग आपसे रूह़ (आत्मा) की वास्तविकता के बारे में प्रश्न करते हैं, तो आप उनसे कह दें : अल्लाह के अलावा रूह़ की हक़ीक़त को कोई नहीं जानता है। तथा तुम्हें और सारी सृष्टि को सर्वशक्तिमान अल्लाह के ज्ञान की तुलना में बहुत कम ज्ञान दिया गया है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَلَىِٕنْ شِئْنَا لَنَذْهَبَنَّ بِالَّذِیْۤ اَوْحَیْنَاۤ اِلَیْكَ ثُمَّ لَا تَجِدُ لَكَ بِهٖ عَلَیْنَا وَكِیْلًا ۟ۙ
अल्लाह की क़सम, यदि हम (ऐ रसूल) आपकी ओर उतारी हुई वह़्य को, उसे सीनों और पुस्तकों से मिटाकर, (वापस) ले जाना चाहें, तो हम उसे ले जा सकते हैं। फिर आपको कोई ऐसा व्यक्ति नहीं मिलेगा, जो आपका समर्थन करे और उसे वापस लौटा सके।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• في الآيات دليل على شدة افتقار العبد إلى تثبيت الله إياه، وأنه ينبغي له ألا يزال مُتَمَلِّقًا لربه أن يثبته على الإيمان.
• इन आयतों में इस बात का प्रमाण है कि बंदे को अल्लाह के सुदृढ़ीकरण की सख़्त ज़रूरत है तथा उसे निरंतर अपने पालनहार की खुशामद करते रहना चाहिए कि उसे ईमान पर सुदृढ़ कर दे।

• عند ظهور الحق يَضْمَحِل الباطل، ولا يعلو الباطل إلا في الأزمنة والأمكنة التي يكسل فيها أهل الحق.
• जब सत्य प्रकट होता है, तो असत्य मिट जाता है। तथा असत्य केवल उन समयों और स्थानों में सिर उठाता है, जहाँ सत्य के अनुयायी (हक़परस्त) आलसी होते हैं।

• الشفاء الذي تضمنه القرآن عام لشفاء القلوب من الشُّبَه، والجهالة، والآراء الفاسدة، والانحراف السيئ والمقاصد السيئة.
• क़ुरआन जिस शिफ़ा (आरोग्य) पर आधारित है, वह संदेहों, अज्ञानता, भ्रष्ट विचारों, बुरे विचलन और बुरे उद्देश्यों से दिलों के आरोग्य को व्यापक है।

• في الآيات دليل على أن المسؤول إذا سئل عن أمر ليس في مصلحة السائل فالأولى أن يعرض عن جوابه، ويدله على ما يحتاج إليه، ويرشده إلى ما ينفعه.
• इन आयतों में इस बात का प्रमाण है कि यदि किसी व्यक्ति से ऐसी चीज़ के बारे में पूछा जाए जो प्रश्नकर्ता के हित में नहीं है, तो उसके लिए बेहतर यह है कि उसका उत्तर देने से उपेक्षा करे और उसका मार्गदर्शन उस चीज़ की ओर करे, जिसकी उसे आवश्यकता हो और उसे ऐसी चीज़ों के बारे में बताए जो उसके लिए लाभदायक हों।

 
অৰ্থানুবাদ ছুৰা: আল-ইছৰা
ছুৰাৰ তালিকা পৃষ্ঠা নং
 
আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - আল-মুখতাচাৰ ফী তাফছীৰিল কোৰআনিল কাৰীমৰ হিন্দী অনুবাদ - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

তাফছীৰ চেণ্টাৰ ফৰ কোৰানিক ষ্টাডিজৰ ফালৰ পৰা প্ৰচাৰিত।

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