আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ ছুৰা: ছুৰা আল-আম্বীয়া   আয়াত:

सूरा अल्-अम्बिया

ছুৰাৰ উদ্দেশ্য:
إثبات الرسالة وبيان وحدة غاية الأنبياء وعناية الله بهم.
ईशदूतता (पैग़ंबरी) का प्रमाणन, तथा अंबिया (पैग़ंबरों) के उद्देश्य की एकता और उनके लिए अल्लाह की देखभाल का बयान।

اِقْتَرَبَ لِلنَّاسِ حِسَابُهُمْ وَهُمْ فِیْ غَفْلَةٍ مُّعْرِضُوْنَ ۟ۚ
क़ियामत के दिन लोगों के लिए उनके कार्यों का हिसाब बहुत निकट आ गया। इसके बावजूद वे लापरवाही में पड़े हुए हैं, आख़िरत से मुँह मोड़कर दुनिया में व्यस्त हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
مَا یَاْتِیْهِمْ مِّنْ ذِكْرٍ مِّنْ رَّبِّهِمْ مُّحْدَثٍ اِلَّا اسْتَمَعُوْهُ وَهُمْ یَلْعَبُوْنَ ۟ۙ
उनके पास उनके पालनहार की ओर से क़ुरआन की जो भी नई अवतरित बात आती है, तो वे उसे लाभ उठाने के लिए (गंभीरता से) नहीं सुनते हैं। बल्कि, वे इस बात की परवाह किए बिना कि उसमें क्या है, हँसी-खेल करते हुए सुनते हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
لَاهِیَةً قُلُوْبُهُمْ ؕ— وَاَسَرُّوا النَّجْوَی ۖۗ— الَّذِیْنَ ظَلَمُوْا ۖۗ— هَلْ هٰذَاۤ اِلَّا بَشَرٌ مِّثْلُكُمْ ۚ— اَفَتَاْتُوْنَ السِّحْرَ وَاَنْتُمْ تُبْصِرُوْنَ ۟
उन्होंने इसे इस हाल में सुना कि उनके दिल इससे पूरी तरह ग़ाफ़िल थे। और कुफ़्र के द्वारा अत्याचार करने वालों ने उस बात को गुप्त रखा, जो वे आपस में यह कहते हुए कानाफूसी कर रहे थे : यह व्यक्ति जो रसूल होने का दावा करता है, तुम्हारे ही जैसे एक इनसान के सिवा क्या है, जिसे तुमसे हटकर कोई विशिष्टता प्राप्त नहीं है?! तथा वह जो कुछ लेकर आया है, केवल जादू है। तो क्या तुम यह जानते हुए भी कि वह तुम्हारे ही जैसा एक इनसान है और वह जो कुछ लेकर आया है, मात्र जादू है, तुम उसके पीछे चलने के लिए तैयार हो?!
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
قٰلَ رَبِّیْ یَعْلَمُ الْقَوْلَ فِی السَّمَآءِ وَالْاَرْضِ ؗ— وَهُوَ السَّمِیْعُ الْعَلِیْمُ ۟
रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने कहा : तुमने गुप्त रूप से जो बात कही है, मेरा पालनहार उसे खूब जानता है। क्योंकि वह आकाशों और धरती में बोलने वाले के मुँह से निकलने वाली हर बात को जानता है। वह अपने बंदों की बातों को सुनने वाला, उनके कार्यों को जानने वाला है और वह उन्हें उनका बदला देगा।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
بَلْ قَالُوْۤا اَضْغَاثُ اَحْلَامٍ بَلِ افْتَرٰىهُ بَلْ هُوَ شَاعِرٌ ۖۚ— فَلْیَاْتِنَا بِاٰیَةٍ كَمَاۤ اُرْسِلَ الْاَوَّلُوْنَ ۟
बल्कि सच्चाई यह है कि मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम जो क़ुरआन लाए हैं, उसके बारे में वे असमंजस में पड़े हुए हैं। चुनाँचे कभी कहते हैं कि ये मिश्रित सपने हैं जिनकी कोई व्याख्या नहीं होती। कभी कहते हैं कि नहीं, बल्कि आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने इसे गढ़ लिया है, जिसका कोई आधार नहीं है। तथा कभी कहते हैं कि आप शायर हैं। और यदि आप अपने दावे में सच्चे हैं, तो पहले रसूलों की तरह हमारे पास कोई चमत्कार लेकर आएँ। क्योंकि वे चमत्कार लाए थे, जैसे कि मूसा अलैहिस्सलाम की लाठी और सालेह अलैहिस्सलाम की ऊँटनी।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
مَاۤ اٰمَنَتْ قَبْلَهُمْ مِّنْ قَرْیَةٍ اَهْلَكْنٰهَا ۚ— اَفَهُمْ یُؤْمِنُوْنَ ۟
इन चमत्कार की माँग करने वालों से पहले कोई बस्ती, जिसने चमत्कारों का प्रस्ताव रखा, फिर उसे उसके सुझाव के अनुसार दिया गया, ईमान नहीं लाई। बल्कि उन्होंने उसे झुठला दिया, तो हमने उन्हें नष्ट कर दिया। तो क्या ये लोग ईमान ले आएँगे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَمَاۤ اَرْسَلْنَا قَبْلَكَ اِلَّا رِجَالًا نُّوْحِیْۤ اِلَیْهِمْ فَسْـَٔلُوْۤا اَهْلَ الذِّكْرِ اِنْ كُنْتُمْ لَا تَعْلَمُوْنَ ۟
और (ऐ रसूल!) हमने आपसे पहले मनुष्यों ही में से कुछ पुरुषों को रसूल बनाकर भेजे, जिनकी ओर हम वह़्य (प्रकाशना) करते थे। हमने रसूल बनाकर फ़रिश्तों को नहीं भेजा। इसलिए, यदि तुम नहीं जानते हो, तो अपने से पहले किताब वालों से पूछ लो।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَمَا جَعَلْنٰهُمْ جَسَدًا لَّا یَاْكُلُوْنَ الطَّعَامَ وَمَا كَانُوْا خٰلِدِیْنَ ۟
हमने उन रसूलों को, जिन्हें हम भेजते थे, ऐसे शरीर वाले नहीं बनाए थे, जो खाना न खाते हों। बल्कि वे अन्य लोगों की तरह खाते-पीते थे। तथा वे इस दुनिया में हमेशा रहने वाले अमर नहीं थे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
ثُمَّ صَدَقْنٰهُمُ الْوَعْدَ فَاَنْجَیْنٰهُمْ وَمَنْ نَّشَآءُ وَاَهْلَكْنَا الْمُسْرِفِیْنَ ۟
फिर हमने अपने रसूलों से किए हुए अपने वचन को पूरा कर दिया। चुनाँचे हमने उन्हें और जिन मोमिनों को चाहा, विनाश से बचा लिया, और उन लोगों को नष्ट कर दिया, जो अल्लाह का इनकार करके और गुनाह के कार्यों में पड़कर हद से आगे बढ़ने वाले थे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
لَقَدْ اَنْزَلْنَاۤ اِلَیْكُمْ كِتٰبًا فِیْهِ ذِكْرُكُمْ ؕ— اَفَلَا تَعْقِلُوْنَ ۟۠
हमने तुम्हारी ओर क़ुरआन उतारा है, जिसमें तुम्हारा सम्मान और गौरव है अगर तुम उसे सत्य मानो और उसकी शिक्षाओं पर अमल करो। तो क्या तुम इस बात को नहीं समझते, कि तुम उसपर ईमान लाने में जल्दी करो और उसमें जो कुछ है, उसके अनुसार कार्य करो?!
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• قُرْب القيامة مما يستوجب الاستعداد لها.
• क़ियामत का निकट होना, जो उसके लिए तैयारी करने की अपेक्षा करता है।

• انشغال القلوب باللهو يصرفها عن الحق.
• दिलों का आमोद-प्रमोद में व्यस्त होना, उन्हें सत्य से फेर देता है।

• إحاطة علم الله بما يصدر من عباده من قول أو فعل.
• अल्लाह का ज्ञान बंदे के मुँह से निकलने वाली हर बात और उसके हर कार्य को घेरे हुए है।

• اختلاف المشركين في الموقف من النبي صلى الله عليه وسلم يدل على تخبطهم واضطرابهم.
• अल्लाह के नबी सल्ललल्लाहु अलैहि व सल्लम के प्रति दृष्टिकोण (स्थिति) के बारे में मुश्रिकों का मतभेद, उनके भ्रम की स्थिति और उलझन को इंगित करता है।

• أن الله مع رسله والمؤمنين بالتأييد والعون على الأعداء.
• अल्लाह अपने समर्थन और दुश्मनों के विरुद्ध सहायता के द्वारा अपने रसूलों और ईमान वालों के साथ है।

• القرآن شرف وعز لمن آمن به وعمل به.
• क़ुरआन उसके लिए सम्मान और गर्व है, जो उस पर ईमान रखता और उसके अनुसार कार्य करता है।

وَكَمْ قَصَمْنَا مِنْ قَرْیَةٍ كَانَتْ ظَالِمَةً وَّاَنْشَاْنَا بَعْدَهَا قَوْمًا اٰخَرِیْنَ ۟
और कितनी ही बस्तियाँ ऐसी हैं, जिन्हें हमने उनके कुफ़्र के द्वारा अत्याचार करने के कारण नष्ट कर दिया और उनके बाद दूसरे लोगों को पैदा कर दिया।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
فَلَمَّاۤ اَحَسُّوْا بَاْسَنَاۤ اِذَا هُمْ مِّنْهَا یَرْكُضُوْنَ ۟ؕ
चुनाँजे जब विनष्ट लोगों ने हमारी उन्मूलनकारी यातना को देखा, तो विनाश से बचने के लिए अपनी बस्ती से बहुत तेज़ी के साथ भागने लगे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
لَا تَرْكُضُوْا وَارْجِعُوْۤا اِلٰی مَاۤ اُتْرِفْتُمْ فِیْهِ وَمَسٰكِنِكُمْ لَعَلَّكُمْ تُسْـَٔلُوْنَ ۟
तो उनसे उपहास के तौर पर कहा जाएगा : भागो नहीं, और अपने उन सुखों की ओर जिनका तुम आनंद ले रहे थे, और अपने घरों की ओर लौट चलो, ताकि तुमसे तुम्हारी दुनिया के बारे में कुछ पूछा जाए।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
قَالُوْا یٰوَیْلَنَاۤ اِنَّا كُنَّا ظٰلِمِیْنَ ۟
इन अत्याचारियों ने अपने पाप को स्वीकार करते हुए कहा : हाय हमारा विनाश और हमारा नुकसान! निश्चय हम अत्याचारी थे क्योंकि हम अल्लाह का इनकार करते थे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
فَمَا زَالَتْ تِّلْكَ دَعْوٰىهُمْ حَتّٰی جَعَلْنٰهُمْ حَصِیْدًا خٰمِدِیْنَ ۟
तो उनका अपने पाप को स्वीकार करना और अपने हक़ में विनाश की बद्-दुआ करना ही उनकी निरंतर पुकार रही, जिसे वे दोहराते रहे, यहाँ तक कि हमने उन्हें कटी हुई खेती की तरह, मरे हुए बना दिया, उनमें कोई हरकत नहीं थी।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَمَا خَلَقْنَا السَّمَآءَ وَالْاَرْضَ وَمَا بَیْنَهُمَا لٰعِبِیْنَ ۟
हमने आकाश और धरती तथा उन दोनों के बीच मौजूद चीज़ों को खेल-तमाशा के तौर पर और व्यर्थ नहीं बनाया, बल्कि हमने उन्हें अपनी शक्ति एवं सामर्थ्य के संकेत के रूप में बनाया है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
لَوْ اَرَدْنَاۤ اَنْ نَّتَّخِذَ لَهْوًا لَّاتَّخَذْنٰهُ مِنْ لَّدُنَّاۤ ۖۗ— اِنْ كُنَّا فٰعِلِیْنَ ۟
यदि हम पत्नी या पुत्र बनाना चाहते, तो निश्चय हम उसे उससे बना लेते जो हमारे पास है। हालाँकि हम ऐसा करने वाले नहीं हैं, क्योंकि हम इससे पवित्र हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
بَلْ نَقْذِفُ بِالْحَقِّ عَلَی الْبَاطِلِ فَیَدْمَغُهٗ فَاِذَا هُوَ زَاهِقٌ ؕ— وَلَكُمُ الْوَیْلُ مِمَّا تَصِفُوْنَ ۟
बल्कि हम उस सत्य को, जिसकी हम अपने रसूल की ओर वह़्य करते हैं, कुफ़्र वालों के असत्य पर फेंक मारते हैं, तो वह उसे खंडित कर देता है। फिर एकाएक उनका असत्य नष्ट-भ्रष्ट होने वाला होता है। और (ऐ अल्लाह के पत्नी और पुत्र बनाने का दावा करने वालो!) तुम्हारे लिए विनाश है, क्योंकि तुम अल्लाह को ऐसी चीज़ के साथ विशेषित करते हो, जो उसके लिए योग्य नहीं है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَلَهٗ مَنْ فِی السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ ؕ— وَمَنْ عِنْدَهٗ لَا یَسْتَكْبِرُوْنَ عَنْ عِبَادَتِهٖ وَلَا یَسْتَحْسِرُوْنَ ۟ۚ
तथा अकेले अल्लाह ही के लिए आकाशों और धरती का राज्य है। और उसके पास जो फ़रिश्ते हैं, उसकी इबादत से अभिमान नहीं करते और न ही वे उससे थकते हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
یُسَبِّحُوْنَ الَّیْلَ وَالنَّهَارَ لَا یَفْتُرُوْنَ ۟
वे हमेशा अल्लाह की पवित्रता का गान करते हैं। उससे उकताते नहीं हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اَمِ اتَّخَذُوْۤا اٰلِهَةً مِّنَ الْاَرْضِ هُمْ یُنْشِرُوْنَ ۟
बल्कि मुश्रिकों ने अल्लाह के अलावा ऐसे पूज्य बना लिए हैं, जो मरे हुए लोगों को ज़िंदा नहीं कर सकते। तो फिर वे इससे असमर्थ की पूजा कैसे करते हैं?!
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
لَوْ كَانَ فِیْهِمَاۤ اٰلِهَةٌ اِلَّا اللّٰهُ لَفَسَدَتَا ۚ— فَسُبْحٰنَ اللّٰهِ رَبِّ الْعَرْشِ عَمَّا یَصِفُوْنَ ۟
यदि आकाशों और धरती में अल्लाह के अलावा कई पूज्य होते, तो राज्य (प्रभुत्व) को लेकर पूज्यों के बीच विवाद (संघर्ष) के कारण दोनों नष्ट-भ्रष्ट हो जाते। जबकि वस्तुस्थिति इसके विपरीत है। इसलिए, अर्श का मालिक अल्लाह उससे पवित्र है, जो मुश्रिक लोग झूठे तरीक़े से उसके बारे में वर्णन करते हैं कि उसके कोई साझेदार हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
لَا یُسْـَٔلُ عَمَّا یَفْعَلُ وَهُمْ یُسْـَٔلُوْنَ ۟
अल्लाह अपने राज्य और निर्णय में अकेला है। उसके किसी फ़ैसले और निर्णय के बारे में कोई उससे पूछ नहीं सकता। जबकि वह अपने बंदों से उनके कार्यों के बारे में पूछेगा और उन्हें उनके कर्मों का बदला देगा।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اَمِ اتَّخَذُوْا مِنْ دُوْنِهٖۤ اٰلِهَةً ؕ— قُلْ هَاتُوْا بُرْهَانَكُمْ ۚ— هٰذَا ذِكْرُ مَنْ مَّعِیَ وَذِكْرُ مَنْ قَبْلِیْ ؕ— بَلْ اَكْثَرُهُمْ لَا یَعْلَمُوْنَ ۙ— الْحَقَّ فَهُمْ مُّعْرِضُوْنَ ۟
बल्कि उन्होंने अल्लाह के अलावा कई पूज्य बना लिए हैं। (ऐ रसूल!) आप इन मुश्रिकों से कह दें : तुम इनके पूजा के योग्य होने पर अपना प्रमाण प्रस्तुत करो। क्योंकि मुझपर उतरने वाली इस किताब (क़ुरआन) और पिछले रसूलों पर उतरने वाली किताबों में तुम्हारे लिए कोई प्रमाण नहीं है। बल्कि असल बात यह है कि अधिकांश मुश्रिक केवल अज्ञानता और बाप-दादों के अनुकरण पर भरोसा करते हैं। अतः वे सत्य को स्वीकार करने से मुँह फेरने वाले हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• الظلم سبب في الهلاك على مستوى الأفراد والجماعات.
• अत्याचार, व्यक्तियों और समूहों के स्तर पर विनाश का एक कारण है।

• ما خلق الله شيئًا عبثًا؛ لأنه سبحانه مُنَزَّه عن العبث.
• अल्लाह ने कुछ भी व्यर्थ नहीं बनाया; क्योंकि वह महिमावान व्यर्थता से पाक है।

• غلبة الحق، ودحر الباطل سُنَّة إلهية.
• सत्य का प्रभुत्व और असत्य को परास्त करना, एक ईश्वरीय नियम है।

• إبطال عقيدة الشرك بدليل التَّمَانُع.
• शिर्क के अक़ीदे का दलील -ए- तमानु (एक तर्कसंगत प्रमाण) द्वारा खंडन। (जिसका मतलब यह है कि यदि इस ब्रह्मांड में एक से अधिक पूज्य होते, तो वे एक-दूसरे के कार्य में हस्तक्षेप करते और ब्रह्मांड का संतुलन बिगड़ जाता। चूँकि हम इस ब्रह्मांड में कोई असंतुलन या दोष नहीं देखते, तो इसका आवश्यक अर्थ यह हुआ कि इस ब्रह्मांड में केवल एक ही पूज्य है।

وَمَاۤ اَرْسَلْنَا مِنْ قَبْلِكَ مِنْ رَّسُوْلٍ اِلَّا نُوْحِیْۤ اِلَیْهِ اَنَّهٗ لَاۤ اِلٰهَ اِلَّاۤ اَنَا فَاعْبُدُوْنِ ۟
(ऐ रसूल!) हमने आपसे पहले जो भी रसूल भेजा, उसकी ओर यही वह़्य (प्रकाशना) करते रहे कि मेरे सिवा कोई सत्य पूज्य नहीं है। इसलिए एकमात्र मेरी इबादत करो और मेरे साथ किसी भी चीज़ को साझी न बनाओ।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَقَالُوا اتَّخَذَ الرَّحْمٰنُ وَلَدًا سُبْحٰنَهٗ ؕ— بَلْ عِبَادٌ مُّكْرَمُوْنَ ۟ۙ
और मुश्रिकों (बहुदेववादियों) ने कहा : अल्लाह ने फ़रिश्तों को बेटियाँ बना लिया है। अल्लाह उनके इस झूठ से पाक एवं पवित्र है। बल्कि फ़रिश्ते अल्लाह के बंदे हैं। उसकी ओर से सम्मान दिए गए हैं और उसके निकटवर्ती हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
لَا یَسْبِقُوْنَهٗ بِالْقَوْلِ وَهُمْ بِاَمْرِهٖ یَعْمَلُوْنَ ۟
वे अपने पालनहार से आगे बढ़कर नहीं बोलते। चुनाँचे उसकी अनुमति के बिना कोई बात नहीं करते, तथा वे उसके आदेश के अनुसार ही काम करते हैं। अतः उसके किसी आदेश का विरोध नहीं करते।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
یَعْلَمُ مَا بَیْنَ اَیْدِیْهِمْ وَمَا خَلْفَهُمْ وَلَا یَشْفَعُوْنَ ۙ— اِلَّا لِمَنِ ارْتَضٰی وَهُمْ مِّنْ خَشْیَتِهٖ مُشْفِقُوْنَ ۟
वह उनके अगले और पिछले कर्मों को जानता है। वे (क़ियामत के दिन) उसकी अनुमति ही से केवल उसके हक़ में सिफ़ारिश करेंगे, जिसके लिए सिफ़ारिश को वह पसंद करेगा। तथा वे अल्लाह के भय से सहमे हुए रहते हैं। चुनाँचे किसी आदेश या निषेध में उसका विरोध नहीं करते।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَمَنْ یَّقُلْ مِنْهُمْ اِنِّیْۤ اِلٰهٌ مِّنْ دُوْنِهٖ فَذٰلِكَ نَجْزِیْهِ جَهَنَّمَ ؕ— كَذٰلِكَ نَجْزِی الظّٰلِمِیْنَ ۟۠
मान लिया जाए कि यदि फ़रिश्तों में से कोई यह कहे कि मैं अल्लाह के सिवा पूज्य हूँ, तो हम उसे उसके इस कथन के कारण क़ियामत के दिन जहन्नम की सज़ा देंगे, जिसमें वह हमेशा रहेगा। तथा हम अल्लाह के साथ कुफ़्र और शिर्क के द्वारा अत्याचार करने वालों को इसी तरह दंडित करते हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اَوَلَمْ یَرَ الَّذِیْنَ كَفَرُوْۤا اَنَّ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ كَانَتَا رَتْقًا فَفَتَقْنٰهُمَا ؕ— وَجَعَلْنَا مِنَ الْمَآءِ كُلَّ شَیْءٍ حَیٍّ ؕ— اَفَلَا یُؤْمِنُوْنَ ۟
क्या अल्लाह का इनकार करने वाले नहीं जानते कि आकाश और धरती दोनों आपस में मिले हुए थे, दोनों के बीच कोई खाली स्थान नहीं था, जहाँ से बारिश उतरती, तो हमने दोनों को अलग-अलग कर दिया। तथा हमने आसमान से धरती पर उतरने वाली बारिश से हर तरह की जानदार चीज़ें और पौधे बनाए। तो क्या वे इन बातों से सीख नहीं लेते और एक अल्लाह पर ईमान नहीं लाते?!
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَجَعَلْنَا فِی الْاَرْضِ رَوَاسِیَ اَنْ تَمِیْدَ بِهِمْ وَجَعَلْنَا فِیْهَا فِجَاجًا سُبُلًا لَّعَلَّهُمْ یَهْتَدُوْنَ ۟
और हमने धरती में स्थिर पहाड़ बनाए, ताकि वह अपने ऊपर मौजूद लोगों को लेकर हिलने-डुलने न लगे, और हमने उसमें चौड़े रास्ते बना दिए, ताकि लोग अपनी यात्राओं में अपने गंतव्यों तक मार्ग प्राप्त कर सकें।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَجَعَلْنَا السَّمَآءَ سَقْفًا مَّحْفُوْظًا ۖۚ— وَّهُمْ عَنْ اٰیٰتِهَا مُعْرِضُوْنَ ۟
और हमने आकाश को एक खंभे के बिना गिरने से संरक्षित, तथा शैतानों के चोरी-छिपे सुनने से सुरक्षित छत बनाया। जबकि मुश्रिकों का हाल यह है कि वे आकाश में मौजूद निशानियों (जैसे सूर्य और चाँद) से मुँह फेरने वाले हैं, उनसे सीख नहीं लेते।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَهُوَ الَّذِیْ خَلَقَ الَّیْلَ وَالنَّهَارَ وَالشَّمْسَ وَالْقَمَرَ ؕ— كُلٌّ فِیْ فَلَكٍ یَّسْبَحُوْنَ ۟
अकेला अल्लाह ही है, जिसने आराम के लिए रात बनाई और रोज़ी-रोटी कमाने के लिए दिन बनाया, तथा सूर्य को दिन का संकेत और चाँद को रात का संकेत बनाया। प्रत्येक सूर्य और चंद्रमा अपनी कक्षा में चल रहे हैं, कोई उससे विचलित और इधर-उधर नहीं होता।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَمَا جَعَلْنَا لِبَشَرٍ مِّنْ قَبْلِكَ الْخُلْدَ ؕ— اَفَاۡىِٕنْ مِّتَّ فَهُمُ الْخٰلِدُوْنَ ۟
(ऐ रसूल!) हमने आपसे पहले किसी मनुष्य को इस जीवन में हमेशा रहने वाला नहीं बनाया। फिर क्या यदि इस जीवन में आपका नियत समय पूरा हो जाए और आपकी मृत्यु हो जाए, तो ये लोग आपके बाद हमेशा रहने वाले हैं?! हरगिज़ नहीं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
كُلُّ نَفْسٍ ذَآىِٕقَةُ الْمَوْتِ ؕ— وَنَبْلُوْكُمْ بِالشَّرِّ وَالْخَیْرِ فِتْنَةً ؕ— وَاِلَیْنَا تُرْجَعُوْنَ ۟
प्रत्येक प्राणी को, चाहे मोमिन हो या काफ़िर, इस दुनिया में मौत का स्वाद चखना है। और (ऐ लोगो!) हम दुनिया के जीवन में शरई कर्तव्यों का पाबंद बनाकर तथा नेमतों और विपत्तियों से ग्रस्त कर तुम्हारी आज़माइश करते हैं। फिर तुम अपनी मौत के बाद केवल हमारी ही ओर लौटाए जाओगे। फिर हम तुम्हें तुम्हारे कार्यों का बदला देंगे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• تنزيه الله عن الولد.
• अल्लाह को संतान से पवित्र ठहराना।

• منزلة الملائكة عند الله أنهم عباد خلقهم لطاعته، لا يوصفون بالذكورة ولا الأنوثة، بل عباد مكرمون.
• अल्लाह के पास फ़रिश्तों का स्थान यह है कि वे उसके बंदे हैं, जिन्हें उसने अपनी आज्ञा का पालन करने के लिए पैदा किया है, उन्हें पुरुषत्व या स्त्रीत्व के साथ वर्णित नहीं किया जाएगा, बल्कि वे अल्लाह के सम्मानित बंदे हैं।

• خُلِقت السماوات والأرض وفق سُنَّة التدرج، فقد خُلِقتا مُلْتزِقتين، ثم فُصِل بينهما.
• आकाश और धरती अल्लाह के 'चरण–दर–चरण' नियम के अनुसार पैदा किए गए हैं। चुनाँचे वे (पहले) आपस में मिले हुए पैदा किए गए थे, फिर दोनों को अलग किया गया।

• الابتلاء كما يكون بالشر يكون بالخير.
• आज़माइश बुराई तथा भलाई दोनों से होती है।

وَاِذَا رَاٰكَ الَّذِیْنَ كَفَرُوْۤا اِنْ یَّتَّخِذُوْنَكَ اِلَّا هُزُوًا ؕ— اَهٰذَا الَّذِیْ یَذْكُرُ اٰلِهَتَكُمْ ۚ— وَهُمْ بِذِكْرِ الرَّحْمٰنِ هُمْ كٰفِرُوْنَ ۟
और (ऐ रसूल!) जब ये मुश्रिक लोग आपको देखते हैं, तो आपका मज़ाक़ उड़ाने लगते हैं और अपने अनुयायियों को यह कहकर आपसे नफ़रत दिलाते हैं कि : क्या यही वह व्यक्ति है, जो तुम्हारे देवताओं को, जिनकी तुम पूजा करते हो, बुरा-भला कहता है?! वे आपका मज़ाक उड़ाने के साथ-साथ उस क़ुरआन का भी इनकार करने वाले हैं, जो अल्लाह ने उनपर अवतरित किया है तथा उन नेमतों की नाशुक्री करते हैं, जो उसने उन्हें प्रदान की हैं। इसलिए वे खुद ही दोष के सबसे अधिक योग्य हैं क्योंकि उनके अंदर हर तरह की बुराई पाई जाती है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
خُلِقَ الْاِنْسَانُ مِنْ عَجَلٍ ؕ— سَاُورِیْكُمْ اٰیٰتِیْ فَلَا تَسْتَعْجِلُوْنِ ۟
जल्दबाज़ी मनुष्य की प्रकृित में शामिल है। इसलिए वह चीज़ों के होने से पहले ही उनके लिए जल्दी मचाने लगता है। इसी का एक उदाहरण मुश्रिकों का यातना के लिए जल्दी मचाना है। (ऐ मेरी यातना के लिए जल्दी मचाने वालो!) मैं निकट ही तुम्हें वह चीज़ दिखाऊँगा, जिसके लिए तुमने जल्दी मचाई है। इसलिए उसे जल्दी करने के लिए न कहो।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَیَقُوْلُوْنَ مَتٰی هٰذَا الْوَعْدُ اِنْ كُنْتُمْ صٰدِقِیْنَ ۟
मरणोपरांत दोबारा जीवित होने का इनकार करने वाले जल्दी मचाते हुए कहते हैं : (ऐ मुसलमानो!) यदि तुम अपने इस दावे में सच्चे हो कि हमें मरने के बाद दोबारा जीवित होकर उठना है, तो यह वादा कब पूरा होगा?!
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
لَوْ یَعْلَمُ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا حِیْنَ لَا یَكُفُّوْنَ عَنْ وُّجُوْهِهِمُ النَّارَ وَلَا عَنْ ظُهُوْرِهِمْ وَلَا هُمْ یُنْصَرُوْنَ ۟
अगर मरणोपरांत दोबारा जीवित होने का इनकार करने वाले ये काफ़िर उस समय को जान लेते, जब वे अपने चेहरों और अपनी पीठों से आग को दूर नहीं कर सकेंगे, और यह कि उनका कोई मददगार नहीं होगा, जो उनसे अज़ाब को दूर कर सके। अगर इन्हें इस बात का यक़ीन होता, तो वे अज़ाब की जल्दी न मचाते।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
بَلْ تَاْتِیْهِمْ بَغْتَةً فَتَبْهَتُهُمْ فَلَا یَسْتَطِیْعُوْنَ رَدَّهَا وَلَا هُمْ یُنْظَرُوْنَ ۟
यह आग, जिसके द्वारा उन्हें अज़ाब दिया जाएगा, इस तरह नहीं आएगी कि उन्हें उसका ज्ञान होगा। बल्कि, यह उनपर अचानक आएगी। इसलिए वे उसे अपने आपसे दूर नहीं कर पाएँगे, और न उन्हें इतनी मोहलत दी जाएगी कि तौबा कर लें और उन्हें अल्लाह की दया प्राप्त हो जाए।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَلَقَدِ اسْتُهْزِئَ بِرُسُلٍ مِّنْ قَبْلِكَ فَحَاقَ بِالَّذِیْنَ سَخِرُوْا مِنْهُمْ مَّا كَانُوْا بِهٖ یَسْتَهْزِءُوْنَ ۟۠
यदि आपकी जाति ने आपका मज़ाक़ उड़ाया है, तो आप इस मामले में कोई अनूठे नहीं हैं। निश्चय (ऐ रसूल!) आपसे पहले भी कई रसूलों का मज़ाक़ उड़ाया गया। तो उन काफ़िरों को जो उनका मज़ाक़ उड़ाते थे, उसी यातना ने घेर लिया, जिसका वे दुनिया में मज़ाक़ उड़ाते थे, जब उनके रसूल उन्हें उससे डराते थे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
قُلْ مَنْ یَّكْلَؤُكُمْ بِالَّیْلِ وَالنَّهَارِ مِنَ الرَّحْمٰنِ ؕ— بَلْ هُمْ عَنْ ذِكْرِ رَبِّهِمْ مُّعْرِضُوْنَ ۟
(ऐ रसूल!) इन यातना की जल्दी मचाने वालों से कह दें : वह कौन है जो रात और दिन में 'रहमान' (अत्यंत दयावान् अल्लाह) की ओर से तुमपर उतरने वाले अज़ाब और विनाश से तुम्हारी रक्षा करता है? बल्कि वे अपने पालनहार के उपदेशों और तर्कों को याद करने से मुँह फेरने वाले हैं, अपनी अज्ञानता और मूर्खता के कारण उनमें से किसी भी चीज़ पर विचार नहीं करते हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اَمْ لَهُمْ اٰلِهَةٌ تَمْنَعُهُمْ مِّنْ دُوْنِنَا ؕ— لَا یَسْتَطِیْعُوْنَ نَصْرَ اَنْفُسِهِمْ وَلَا هُمْ مِّنَّا یُصْحَبُوْنَ ۟
या क्या उनके पास ऐसे पूज्य हैं, जो उन्हें हमारी यातना से बचाते हैं? वे तो अपने आपसे नुक़सान को दूर करके या अपने आपको लाभ पहुँचाकर खुद की भी मदद नहीं कर सकते। और जो खुद अपनी मदद नहीं कर सकता, वह किसी और की मदद कैसे करेगा?! और न ही कोई उन्हें हमारी यातना से बचाने वाला होगा।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
بَلْ مَتَّعْنَا هٰۤؤُلَآءِ وَاٰبَآءَهُمْ حَتّٰی طَالَ عَلَیْهِمُ الْعُمُرُ ؕ— اَفَلَا یَرَوْنَ اَنَّا نَاْتِی الْاَرْضَ نَنْقُصُهَا مِنْ اَطْرَافِهَا ؕ— اَفَهُمُ الْغٰلِبُوْنَ ۟
बल्कि हमने इन काफ़िरों और इनके बाप-दादों के लिए, उन्हें ढील देते हुए, दुनिया की नेमतें विस्तारित कर दीं, यहाँ तक कि उनपर लंबा समय बीत गया, तो इससे वे धोखे में पड़ गए, और अपने कुफ़्र पर क़ायम रहे। तो क्या हमारी नेमतों से धोखा खाने वाले और हमारी यातना के लिए जल्दी मचाने वाले ये काफ़िर नहीं देखते कि हम धरती के लोगों को पराजित करके, उसे उसके किनारों से कम करते आ रहे हैं। इसलिए उन्हें इससे सीख ग्रहण करना चाहिए ताकि उनके साथ भी वही न हो, जो दूसरों के साथ हुआ?! चुनाँचे ये लोग विजयी (प्रभावी) रहने वाले नहीं हैं, बल्कि ये पराजित (हारे हुए) हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• بيان كفر من يستهزئ بالرسول، سواء بالقول أو الفعل أو الإشارة.
• इस बात का सबूत कि रसूल का मज़ाक उड़ाने वाला काफ़िर है, चाहे वह शब्द या कर्म या संकेत द्वारा हो।

• من طبع الإنسان الاستعجال، والأناة خلق فاضل.
• जल्दबाज़ी करना मनुष्य का स्वभाव है, जबकि संजीदगी एक अच्छा आचरण है।

• لا يحفظ من عذاب الله إلا الله.
• अल्लाह की यातना से उसके सिवा कोई नहीं बचा सकता।

• مآل الباطل الزوال، ومآل الحق البقاء.
• असत्य अन्ततः मिट जाता है और सत्य ही बाकी रहता है।

قُلْ اِنَّمَاۤ اُنْذِرُكُمْ بِالْوَحْیِ ۖؗ— وَلَا یَسْمَعُ الصُّمُّ الدُّعَآءَ اِذَا مَا یُنْذَرُوْنَ ۟
(ऐ रसूल!) कह दें : (ऐ लोगो!) मैं तुम्हें अल्लाह की यातना से उस वह़्य के अनुसार डराता हूँ, जो मेरा रब मेरी ओर भेजता है। परंतु सत्य से बहरे, जब अल्लाह की यातना से डराए जाते हैं, तो उसे स्वीकार करने के उद्देश्य से नहीं सुनते।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَلَىِٕنْ مَّسَّتْهُمْ نَفْحَةٌ مِّنْ عَذَابِ رَبِّكَ لَیَقُوْلُنَّ یٰوَیْلَنَاۤ اِنَّا كُنَّا ظٰلِمِیْنَ ۟
और यदि इन यातना के लिए जल्दी मचाने वाले लोगों को (ऐ रसूल!) आपके पालनहार की यातना का तनिक हिस्सा भी छू जाए, तो वे उस समय अवश्य कहेंगे : हाय हमारा विनाश और हमारा नुक़सान! निश्चय हम अल्लाह का साझी बनाकर और मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की लाई हुई शरीयत का इनकार करके अत्याचार करने वाले थे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَنَضَعُ الْمَوَازِیْنَ الْقِسْطَ لِیَوْمِ الْقِیٰمَةِ فَلَا تُظْلَمُ نَفْسٌ شَیْـًٔا ؕ— وَاِنْ كَانَ مِثْقَالَ حَبَّةٍ مِّنْ خَرْدَلٍ اَتَیْنَا بِهَا ؕ— وَكَفٰی بِنَا حٰسِبِیْنَ ۟
और हम क़ियामत के दिन लोगों के कर्मों को तौलने के लिए न्याय के तराज़ू स्थापित करेंगे। तो उस दिन किसी व्यक्ति पर उसके अच्छे कर्मों में कमी या उसके बुरे कर्मों में वृद्धि द्वारा ज़ुल्म नहीं किया जाएगा। यदि राई के एक दाने के बराबर भी कोई चीज़ होगी, तो हम उसे ले आएँगे। और हम अपने बंदों के कामों को गिनने के लिए काफ़ी हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَلَقَدْ اٰتَیْنَا مُوْسٰی وَهٰرُوْنَ الْفُرْقَانَ وَضِیَآءً وَّذِكْرًا لِّلْمُتَّقِیْنَ ۟ۙ
हमने मूसा और हारून अलैहिमस्सलाम को तौरात दिया, जो सत्य तथा असत्य और हलाल तथा हराम के बीच अंतर करने वाला, उसपर ईमान लाने वालों को राह दिखाने वाला और अपने रब से डरने वालों के लिए उपदेश था।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
الَّذِیْنَ یَخْشَوْنَ رَبَّهُمْ بِالْغَیْبِ وَهُمْ مِّنَ السَّاعَةِ مُشْفِقُوْنَ ۟
जो अपने उस रब की यातना से डरते हैं, जिसपर वे ईमान रखते हैं, जबकि उन्होंने उसे नहीं देखा है और वे क़ियामत से डरने वाले हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَهٰذَا ذِكْرٌ مُّبٰرَكٌ اَنْزَلْنٰهُ ؕ— اَفَاَنْتُمْ لَهٗ مُنْكِرُوْنَ ۟۠
मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर उतरने वाला यह क़ुरआन, उन लोगों के लिए एक स्मरण और उपदेश है, जो इससे उपदेश ग्रहण करना चाहें, बहुत लाभ और भलाई वाला है। तो क्या इन सब के बावजूद तुम इसका इनकार कर रहे हो?! न इसकी शिक्षाओं को स्वीकार करने वाले हो और न उनपर अमल करने वालो हो?!
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَلَقَدْ اٰتَیْنَاۤ اِبْرٰهِیْمَ رُشْدَهٗ مِنْ قَبْلُ وَكُنَّا بِهٖ عٰلِمِیْنَ ۟ۚ
और हमने इबराहीम को बचपन में उनकी जाति के विरुद्ध तर्क प्रदान किया था और हम उन्हें अच्छी तरह जानते थे। इसलिए हमने उन्हें उनकी जाति के विरुद्ध वह तर्क प्रदान किया, जिसके वह हमारे ज्ञान के अनुसार योग्य थे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اِذْ قَالَ لِاَبِیْهِ وَقَوْمِهٖ مَا هٰذِهِ التَّمَاثِیْلُ الَّتِیْۤ اَنْتُمْ لَهَا عٰكِفُوْنَ ۟
जब उन्होंने अपने पिता आज़र और अपनी जाति से कहा : ये मूर्तियाँ क्या हैं, जिन्हें तुमने अपने हाथों से बनाया है और जिनकी तुम पूजा में लगे हुए हो?!
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
قَالُوْا وَجَدْنَاۤ اٰبَآءَنَا لَهَا عٰبِدِیْنَ ۟
उनकी जाति के लोगों ने उनसे कहा : हमने अपने बाप-दादा को इनकी पूजा करते हुए पाया है, इसलिए उनका अनुकरण करते हुए हमने भी इनकी पूजा की।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
قَالَ لَقَدْ كُنْتُمْ اَنْتُمْ وَاٰبَآؤُكُمْ فِیْ ضَلٰلٍ مُّبِیْنٍ ۟
इबराहीम अलैहिस्सलाम ने उनसे कहा : (ऐ अपने बाप-दादा के अनुयायियो!) निश्चय तुम और तुम्हारे बाप-दादा, जिनका तुमने अनुकरण किया है, सत्य के मार्ग से स्पष्ट रूप से भटके हुए थे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
قَالُوْۤا اَجِئْتَنَا بِالْحَقِّ اَمْ اَنْتَ مِنَ اللّٰعِبِیْنَ ۟
उनकी जाति के लोगों ने उनसे कहा : आपने जो यह बात कही है, गंभीरता से कही है या आप मज़ाक़ कर रहे हैं?
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
قَالَ بَلْ رَّبُّكُمْ رَبُّ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ الَّذِیْ فَطَرَهُنَّ ۖؗ— وَاَنَا عَلٰی ذٰلِكُمْ مِّنَ الشّٰهِدِیْنَ ۟
इबराहीम अलैहिस्सलाम ने कहा : यह मज़ाक़ नहीं है, बल्कि मैंने गंभीरता से यह बात कही है। क्योंकि तुम्हारा रब वह है, जो आकाशों और धरती का रब है, जिसने उन्हें भूतपूर्व नमूने के बिना पैदा किया है। तथा मैं इस बात का गवाह हूँ कि वही तुम्हारा रब और आकाशों तथा धरती का रब है, और तुम्हारी मूर्तियों का इसमें कोई हिस्सा नहीं है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَتَاللّٰهِ لَاَكِیْدَنَّ اَصْنَامَكُمْ بَعْدَ اَنْ تُوَلُّوْا مُدْبِرِیْنَ ۟
इबराहीम अलैहिस्सलाम ने इस तरह से कहा कि उनकी जाति के लोग उसे न सुनें : अल्लाह की क़सम! मैं अवश्य ही तुम्हारी मूर्तियों के प्रति ऐसा उपाय करूँगा, जो तुम नापसंद करोगे, इसके बाद कि तुम उन्हें छोड़कर अपने उत्सव में चले जाओगे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• نَفْع الإقرار بالذنب مشروط بمصاحبة التوبة قبل فوات أوانها.
• गुनाह के इक़रार का फ़ायदा उसी समय है, जब समय रहते तौबा कर ली जाए।

• إثبات العدل لله، ونفي الظلم عنه.
• अल्लाह के लिए 'न्याय' का प्रमाण, तथा उससे 'अत्याचार' का खंडन।

• أهمية قوة الحجة في الدعوة إلى الله.
• अल्लाह की ओर बुलाने के काम में, तर्क की शक्ति का महत्व।

• ضرر التقليد الأعمى.
• अंधे अनुकरण का नुक़सान।

• التدرج في تغيير المنكر، والبدء بالأسهل فالأسهل، فقد بدأ إبراهيم بتغيير منكر قومه بالقول والصدع بالحجة، ثم انتقل إلى التغيير بالفعل.
• बुराई को धीरे-धीरे बदलना और उसकी शुरूआत सबसे आसान से करना फिर उससे कम आसान की ओर आना। क्योंकि इबराहीम अलैहिस्सलाम ने अपनी जाति के अंदर मौजूद बुराई को बदलने की शुरूआत अपने कथन से उसकी निंदा करके और उसपर तर्क प्रस्तुत करके की। फिर उसे कार्य (हाथ) के द्वारा बदलने की ओर आए।

فَجَعَلَهُمْ جُذٰذًا اِلَّا كَبِیْرًا لَّهُمْ لَعَلَّهُمْ اِلَیْهِ یَرْجِعُوْنَ ۟
इबराहीम अलैहिस्सलाम ने उनकी मूर्तियों को तोड़कर उनके छोटे-छोटे टुकड़े कर दिए। और उनमें से सबसे बड़े को रहने दिया, ताकि वे उससे यह पूछने के लिए लौटें कि उन्हें किसने तोड़ा।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
قَالُوْا مَنْ فَعَلَ هٰذَا بِاٰلِهَتِنَاۤ اِنَّهٗ لَمِنَ الظّٰلِمِیْنَ ۟
जब वे वापस आए और देखा कि उनकी मूर्तियों के टुकड़े-टुकड़े कर दिए गए हैं, तो उन्होंने एक-दूसरे से पूछा : हमारे पूज्यों को किसने तोड़ डाला? निःसंदेह जिसने उन्हें तोड़ा है, वह निश्चय ज़ालिमों में से है। क्योंकि उसने उसका तिरस्कार किया जो सम्मान और पवित्रीकरण के योग्य है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
قَالُوْا سَمِعْنَا فَتًی یَّذْكُرُهُمْ یُقَالُ لَهٗۤ اِبْرٰهِیْمُ ۟ؕ
उनमें से किसी ने कहा : हमने एक नवयुवक को सुना है, जो इनकी बुराई कर रहा था, उसे इबराहीम कहा जाता है। शायद उसी ने इनके टुकड़े-टुकड़े किए हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
قَالُوْا فَاْتُوْا بِهٖ عَلٰۤی اَعْیُنِ النَّاسِ لَعَلَّهُمْ یَشْهَدُوْنَ ۟
उनके सरदारों ने कहा : इबराहीम को लोगों की दृष्टि के सामने लाओ, ताकि वे उसके अपने किए का इक़रार करने पर गवाह हो जाएँ। फिर उसका इक़रार तुम्हारे लिए उसके ख़िलाफ़ सबूत बन जाए।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
قَالُوْۤا ءَاَنْتَ فَعَلْتَ هٰذَا بِاٰلِهَتِنَا یٰۤاِبْرٰهِیْمُ ۟ؕ
अतः उन्होंने इबराहीम अलैहिस्सलाम को हाज़िर किया और उनसे पूछा : ऐ इबराहीम! क्या तूने ही हमारी मूर्तियों के साथ यह घिनौना काम किया है?!
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
قَالَ بَلْ فَعَلَهٗ ۖۗ— كَبِیْرُهُمْ هٰذَا فَسْـَٔلُوْهُمْ اِنْ كَانُوْا یَنْطِقُوْنَ ۟
इबराहीम अलैहिस्सलाम ने (उनका मज़ाक़ उड़ाते हुए, लोगों की दृष्टि के सामने उनकी मूर्तियों की विवशता उजागर करते हुए) कहा : मैंने ऐसा नहीं किया, बल्कि यह काम सबसे बड़ी मूर्ति का है। इसलिए अपनी मूर्तियों से पूछ लो, यदि वे बोलती हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
فَرَجَعُوْۤا اِلٰۤی اَنْفُسِهِمْ فَقَالُوْۤا اِنَّكُمْ اَنْتُمُ الظّٰلِمُوْنَ ۟ۙ
उन्होंने अपने मन में विचार और चिंतन किया, तो उनके लिए यह स्पष्ट हो गया कि उनकी मूर्तियाँ लाभ या हानि पहुँचाने की मालिक नहीं हैं। इसलिए वे अल्लाह को छोड़कर उनकी पूजा करने के कारण खुद ही ज़ालिम हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
ثُمَّ نُكِسُوْا عَلٰی رُءُوْسِهِمْ ۚ— لَقَدْ عَلِمْتَ مَا هٰۤؤُلَآءِ یَنْطِقُوْنَ ۟
फिर वे अपने हठ और इनकार पर लौट आए और बोले : (ऐ इबराहीम!) तुम अच्छी तरह जानते हो कि ये मूर्तियाँ बोलती नहीं हैं, तो तुम हमें उनसे पूछने का आदेश कैसे देते हो? यह बात उन्होंने अपने लिए एक तर्क के रूप में कही, लेकिन यह खुद उनके खिलाफ़ तर्क बन गई।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
قَالَ اَفَتَعْبُدُوْنَ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ مَا لَا یَنْفَعُكُمْ شَیْـًٔا وَّلَا یَضُرُّكُمْ ۟ؕ
इबराहीम अलैहिस्सलाम ने (उनका खंडन करते हुए) कहा : क्या तुम अल्लाह को छोड़कर ऐसी मूर्तियों की पूजा करते हो, जो न तुम्हें कुछ लाभ पहुँचाती हैं, और न तुम्हें हानि पहुँचाती है। बल्कि वे खुद से हानि को टालने या अपने आपको लाभ पहुँचाने में असमर्थ हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اُفٍّ لَّكُمْ وَلِمَا تَعْبُدُوْنَ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ ؕ— اَفَلَا تَعْقِلُوْنَ ۟
तुम्हारा बुरा हो, और उन मूर्तियों का भी बुरा हो, जिन्हें तुम अल्लाह को छोड़कर पूजने में लगे हो, जो न लाभ पहुँचाती हैं न हानि। क्या तुम यह बात नहीं समझते, कि उनकी पूजा छोड़ दो।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
قَالُوْا حَرِّقُوْهُ وَانْصُرُوْۤا اٰلِهَتَكُمْ اِنْ كُنْتُمْ فٰعِلِیْنَ ۟
जब वे तर्क द्वारा उनका सामना करने में असमर्थ रहे, तो उन्होंने बल का सहारा लिया और बोले : अपनी उन मूर्तियों का समर्थन करते हुए, इबराहीम को आग से जला दो, जिन्हें इसने तोड़कर नष्ट कर दिया, यदि तुम इसे एक निवारक सज़ा देना चाहते हो।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
قُلْنَا یٰنَارُ كُوْنِیْ بَرْدًا وَّسَلٰمًا عَلٰۤی اِبْرٰهِیْمَ ۟ۙ
उन्होंने एक आग जलाई और इबराहीम अलैहिस्सलाम को उसमें फेंक दिया, तो हमने कहा : ऐ आग! इबराहीम पर ठंडक और सुरक्षा बन जा। चुनाँचे वह ऐसी हो गई। इसलिए उन्हें कोई कष्ट नहीं पहुँचा।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَاَرَادُوْا بِهٖ كَیْدًا فَجَعَلْنٰهُمُ الْاَخْسَرِیْنَ ۟ۚ
इबराहीम अलैहिस्सलाम की जाति के लोगों ने उनके साथ यह चाल चलनी चाही कि उन्हें जला दें, तो हमने उनकी चाल को निरस्त कर दिया और उन्हीं को विनष्ट एवं पराजित होने वाले कर दिया।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَنَجَّیْنٰهُ وَلُوْطًا اِلَی الْاَرْضِ الَّتِیْ بٰرَكْنَا فِیْهَا لِلْعٰلَمِیْنَ ۟
और हमने उन्हें और लूत को बचा लिया और दोनों को निकालकर शाम (लेवंत) की भूमि पर ले गए, जिसमें हमने बरकत रखी। क्योंकि हमने उसमें नबियों को भेजे और लोगों के लिए उसमें भलाइयाँ रख दीं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَوَهَبْنَا لَهٗۤ اِسْحٰقَ ؕ— وَیَعْقُوْبَ نَافِلَةً ؕ— وَكُلًّا جَعَلْنَا صٰلِحِیْنَ ۟
हमने उन्हें इसहाक़ प्रदान किया, जब उन्होंने अपने रब से एक पुत्र देने के लिए दुआ की, तथा हमने उन्हें एक अतिरिक्त याक़ूब भी प्रदान किया। इबराहीम और उनके बेटे इसहाक़ और (पोते) याक़ूब में से हर एक को हमने नेक और अल्लाह का आज्ञाकारी बनाया।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• جواز استخدام الحيلة لإظهار الحق وإبطال الباطل.
• सत्य को प्रकट करने और असत्य को ग़लत साबित करने के लिए ह़ीला उपयोग करने की अनुमति।

• تعلّق أهل الباطل بحجج يحسبونها لهم، وهي عليهم.
• असत्यवादी ऐसे तर्कों का सहारा लेते हैं, जिन्हें वे अपने हित में समझते हैं, जबकि दरअसल वे उनके विरुद्ध होते हैं।

• التعنيف في القول وسيلة من وسائل التغيير للمنكر إن لم يترتّب عليه ضرر أكبر.
• सख़्त लहजा अपनाना बुराई को मिटाने का एक साधन है, यदि उसके परिणाम स्वरूप उससे बड़ा नुक़सान न हो।

• اللجوء لاستخدام القوة برهان على العجز عن المواجهة بالحجة.
• बल प्रयोग का सहारा लेना, तर्क के साथ सामना करने में असमर्थता का प्रमाण है।

• نَصْر الله لعباده المؤمنين، وإنقاذه لهم من المحن من حيث لا يحتسبون.
• अल्लाह अपने मोमिन बंदों की इस तरह सहायता करता और उन्हें विपत्तियों से बचाता है कि वे सोच भी नहीं सकते।

وَجَعَلْنٰهُمْ اَىِٕمَّةً یَّهْدُوْنَ بِاَمْرِنَا وَاَوْحَیْنَاۤ اِلَیْهِمْ فِعْلَ الْخَیْرٰتِ وَاِقَامَ الصَّلٰوةِ وَاِیْتَآءَ الزَّكٰوةِ ۚ— وَكَانُوْا لَنَا عٰبِدِیْنَ ۟ۙ
और हमने उन्हें पेशवा बनाया, जिनसे लोग भलाई में मार्गदर्शन प्राप्त करते थे। वे अल्लाह की अनुमति से लोगों को अकेले अल्लाह की इबादत की ओर बुलाते थे। तथा हमने उनकी ओर वह़्य भेजी कि अच्छे कार्य करो, संपूर्ण तरीक़े से नमाज़ अदा करो और ज़कात दो। और वे हमारे आज्ञाकारी थे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَلُوْطًا اٰتَیْنٰهُ حُكْمًا وَّعِلْمًا وَّنَجَّیْنٰهُ مِنَ الْقَرْیَةِ الَّتِیْ كَانَتْ تَّعْمَلُ الْخَبٰٓىِٕثَ ؕ— اِنَّهُمْ كَانُوْا قَوْمَ سَوْءٍ فٰسِقِیْنَ ۟ۙ
और लूत को हमने विरोधियों के बीच निर्णय करने की क्षमता प्रदान की और उन्हें उनके धर्म का ज्ञान दिया, तथा उन्हें उस यातना से बचा लिया, जिसे हमने उनकी बस्ती (सदूम) पर उतारी थी, जिसके लोग अनैतिक कार्य करते थे। निश्चय वे भ्रष्ट लोग थे, जो अपने रब के आज्ञापालन से निकलने वाले थे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَاَدْخَلْنٰهُ فِیْ رَحْمَتِنَا ؕ— اِنَّهٗ مِنَ الصّٰلِحِیْنَ ۟۠
और हमने उन्हें उनकी जाति पर उतरने वाली यातना से बचाकर, अपनी दया में दाखिल कर लिया। वह उन नेक लोगों में से थे, जो हमारे आदेश का पालन करते हैं और हमारे निषेधों से बचते हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَنُوْحًا اِذْ نَادٰی مِنْ قَبْلُ فَاسْتَجَبْنَا لَهٗ فَنَجَّیْنٰهُ وَاَهْلَهٗ مِنَ الْكَرْبِ الْعَظِیْمِ ۟ۚ
और (ऐ रसूल!) नूह़ अलैहिस्सलाम की कहानी को याद करो, जब उन्होंने इबराहीम और लूत अलैहिमस्सलाम से पहले अल्लाह को पुकारा, तो हमने उनकी पुकार का जवाब देते हुए उनकी माँग पूरी कर दी। फिर हमने उन्हें और उनके ईमान वाले परिजनों को बड़े दुःख से बचा लिया।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَنَصَرْنٰهُ مِنَ الْقَوْمِ الَّذِیْنَ كَذَّبُوْا بِاٰیٰتِنَا ؕ— اِنَّهُمْ كَانُوْا قَوْمَ سَوْءٍ فَاَغْرَقْنٰهُمْ اَجْمَعِیْنَ ۟
और हमने उन्हें उस जाति की चाल से बचाया, जिन्होंने रसूल की सच्चाई को दर्शाने वाली उन निशानियों को झुठलाया, जिनके द्वारा हमने उनका समर्थन किया था। निश्चय वे बिगाड़ और बुराई वाले लोग थे। तो हमने उन सभी को डुबो कर नष्ट कर दिया।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَدَاوٗدَ وَسُلَیْمٰنَ اِذْ یَحْكُمٰنِ فِی الْحَرْثِ اِذْ نَفَشَتْ فِیْهِ غَنَمُ الْقَوْمِ ۚ— وَكُنَّا لِحُكْمِهِمْ شٰهِدِیْنَ ۟ۙ
और (ऐ रसूल!) दाऊद और उनके बेटे सुलैमान अलैहिमस्सलाम की कहानी को याद करें, जब दोनों, दो झगड़ने वालों के मामले में फ़ैसला कर रहे थे, जो उनके पास आए थे। मामला यह था एक व्यक्ति की बकरियों ने रात को दूसरे व्यक्ति के खेत में घुसकर नुक़सान कर दिया था। और हम दाऊद और सुलैमान के फ़ैसले को देख रहे थे। उनके फैसले से कुछ भी हमारी निगाहों से ओझल नहीं था।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
فَفَهَّمْنٰهَا سُلَیْمٰنَ ۚ— وَكُلًّا اٰتَیْنَا حُكْمًا وَّعِلْمًا ؗ— وَّسَخَّرْنَا مَعَ دَاوٗدَ الْجِبَالَ یُسَبِّحْنَ وَالطَّیْرَ ؕ— وَكُنَّا فٰعِلِیْنَ ۟
तो हमने दाऊद के बजाय, उनके बेटे सुलैमान को इस मामले का सही निर्णय सुझा दिया। जबकि दाऊद और सुलैमान में से हर एक को हमने नुबुव्वत और शरीयत के अहकाम का ज्ञान दिया था। ऐसा नहीं था कि ये चीज़ें केवल सुलैमान को प्रदान की गई हों। और हमने पहाड़ों को दाऊद के अधीन कर दिया था, जो उनके साथ अल्लाह की पवित्रता बयान करते थे। और पक्षियों को भी उनके अधीन कर दिया था। और ये मामले की समझ, हुक्म और ज्ञान प्रदान करने वाले तथा वस्तुओं को उनके अधीन करने वाले हम ही थे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَعَلَّمْنٰهُ صَنْعَةَ لَبُوْسٍ لَّكُمْ لِتُحْصِنَكُمْ مِّنْ بَاْسِكُمْ ۚ— فَهَلْ اَنْتُمْ شٰكِرُوْنَ ۟
और हमने सुलैमान के बिना, दाऊद को कवच बनाने का हुनर सिखाया, ताकि वह हथियारों के तुम्हारे शरीर को आघात पहुँचाने से तुम्हारी रक्षा करें। तो क्या (ऐ लोगो!) तुम अपने ऊपर अल्लाह की इस नेमत का शुक्रिया अदा करने वाले हो?!
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَلِسُلَیْمٰنَ الرِّیْحَ عَاصِفَةً تَجْرِیْ بِاَمْرِهٖۤ اِلَی الْاَرْضِ الَّتِیْ بٰرَكْنَا فِیْهَا ؕ— وَكُنَّا بِكُلِّ شَیْءٍ عٰلِمِیْنَ ۟
और हमने तेज़ बहने वाली हवा को सुलैमान के अधीन कर दिया, जो उनके आदेश पर शाम (लेवंत) की भूमि की ओर बहती थी, जिसमें हमने नबियों को भेजकर और भलाइयाँ फैलाकर बरकतें रखी थीं। और हम हमेशा से हर वस्तु को जानने वाले हैं। उसमें से कोई चीज़ हमसे छिपी नहीं है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• فعل الخير والصلاة والزكاة، مما اتفقت عليه الشرائع السماوية.
• अच्छा कार्य करना, नमाज़ पढ़ना और ज़कात देना, ऐसे कार्य हैं, जिनपर आसमानी शरीयतें सहमत हैं।

• ارتكاب الفواحش سبب في وقوع العذاب المُسْتَأْصِل.
• अश्लील (अनैतिक) कार्य करना विनाशकारी यातना के आने का कारण है।

• الصلاح سبب في الدخول في رحمة الله.
• धर्म-परायणता अल्लाह की दया में दाखिल होने का कारण है।

• الدعاء سبب في النجاة من الكروب.
• दुआ, संकट से मुक्ति का कारण है।

وَمِنَ الشَّیٰطِیْنِ مَنْ یَّغُوْصُوْنَ لَهٗ وَیَعْمَلُوْنَ عَمَلًا دُوْنَ ذٰلِكَ ۚ— وَكُنَّا لَهُمْ حٰفِظِیْنَ ۟ۙ
और हमने शैतानों में से भी कुछ उनके अधीन कर दिए थे, जो उनके लिए समुद्रों में डुबकी लगाकर मोतियाँ और दूसरी चीज़ें निकालते थे और इसके अलावा अन्य कार्य भी करते थे, जैसे घर बनाना। और हम उनकी संख्या और उनके कार्यों को संरक्षित करने वाले थे। उसमें से कोई चीज़ हमसे नहीं छूटती।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَاَیُّوْبَ اِذْ نَادٰی رَبَّهٗۤ اَنِّیْ مَسَّنِیَ الضُّرُّ وَاَنْتَ اَرْحَمُ الرّٰحِمِیْنَ ۟ۚۖ
और (ऐ रसूल!) अय्यूब अलैहिस्सलाम की कहानी को याद करें, जब उन्होंने विपत्ति से ग्रस्त होने पर अपने रब को यह कहते हुए पुकारा : ऐ मेरे रब! मुझे बीमारी लग गई है और घर वाले बिछड़ गए। और तू सभी दया करने वालों में सबसे अधिक दया करने वाला है। अतः मुझसे उस विपत्ति को दूर कर दे, जो मुझे पहुँची है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
فَاسْتَجَبْنَا لَهٗ فَكَشَفْنَا مَا بِهٖ مِنْ ضُرٍّ وَّاٰتَیْنٰهُ اَهْلَهٗ وَمِثْلَهُمْ مَّعَهُمْ رَحْمَةً مِّنْ عِنْدِنَا وَذِكْرٰی لِلْعٰبِدِیْنَ ۟
तो हमने उनकी दुआ स्वीकार कर ली और उन्हें जो भी कष्ट पहुँचा था, उनसे दूर कर दिया और उन्हें उनके बिछड़े हुए परिजन और बच्चे प्रदान कर दिए और उनके साथ उनके बराबर और भी दिए। यह सब कुछ हमने अपनी ओर से दया के रूप में और हर उस व्यक्ति की याद-दहानी के लिए किया, जो इबादत के साथ अल्लाह का आज्ञापालन करने वाला है, ताकि वह भी अय्यूब अलैहिस्सलाम की तरह सब्र करे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَاِسْمٰعِیْلَ وَاِدْرِیْسَ وَذَا الْكِفْلِ ؕ— كُلٌّ مِّنَ الصّٰبِرِیْنَ ۟
और (ऐ रसूल!) इसमाईल, इदरीस और ज़ुल-किफ़्ल अलैहिमुस्सलाम को याद करें। इनमें से हर एक विपत्ति पर और अल्लाह की दी हुई ज़िम्मेवारी को अदा करने पर धैर्य से काम लेने वालों में से था।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَاَدْخَلْنٰهُمْ فِیْ رَحْمَتِنَا ؕ— اِنَّهُمْ مِّنَ الصّٰلِحِیْنَ ۟
हमने उन्हें अपनी दया में दाख़िल कर लिया। चुनाँचे हमने उन्हें नबी बनाए और उन्हें जन्नत में दाखिल किए। वे अल्लाह के उन सदाचारी बंदों में से थे, जिन्होंने अपने पालनहार की आज्ञा का पालन किया और उनके ज़ाहिर-ओ-बातिन (अंदर और बाहर) अच्छे थे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَذَا النُّوْنِ اِذْ ذَّهَبَ مُغَاضِبًا فَظَنَّ اَنْ لَّنْ نَّقْدِرَ عَلَیْهِ فَنَادٰی فِی الظُّلُمٰتِ اَنْ لَّاۤ اِلٰهَ اِلَّاۤ اَنْتَ سُبْحٰنَكَ ۖۗ— اِنِّیْ كُنْتُ مِنَ الظّٰلِمِیْنَ ۟ۚۖ
और (ऐ रसूल!) मछली वाले नबी, यूनुस अलैहिस्सलाम की कहानी याद करें, जब वह अपनी जाति के लोगों की लगातार अवज्ञा के कारण उनसे नाराज़ होकर अपने रब की अनुमति के बिना चले गए। उन्होंने समझा कि हम उनके चले जाने की सज़ा के तौर पर उन्हें तंगी में नहीं डालेंगे। लेकिन जब मछली ने उन्हें निगल लिया, तो वह गंभीर तंगी और क़ैद से पीड़ित हुए। तो उन्होंने मछली के पेट, समुद्र और रात के अंधेरे में, अपने पाप को स्वीकार करते हुए, अल्लाह के सामने तौबा करते हुए दुआ की : तेरे सिवा कोई सच्चा पूज्य नहीं, तू पाक एवं पवित्र है। निश्चय मैं ही अत्याचारियों में से हो गया हूँ।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
فَاسْتَجَبْنَا لَهٗ ۙ— وَنَجَّیْنٰهُ مِنَ الْغَمِّ ؕ— وَكَذٰلِكَ نُـجِی الْمُؤْمِنِیْنَ ۟
तो हमने उनकी दुआ स्वीकार कर ली और उन्हें अंधेरों से और मछली के पेट से निकालकर, उस संकट की तीव्रता से मुक्ति प्रदान की। और जिस तरह यूनुस अलैहिस्सलाम को संकट से मुक्ति दी, उसी तरह हम मोमिनों को मुक्ति देते हैं, यदि वे किसी संकट में पड़ जाएँ और अल्लाह से दुआ करें।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَزَكَرِیَّاۤ اِذْ نَادٰی رَبَّهٗ رَبِّ لَا تَذَرْنِیْ فَرْدًا وَّاَنْتَ خَیْرُ الْوٰرِثِیْنَ ۟ۚۖ
और (ऐ रसूल!) ज़करिया अलैहिस्सलाम की कहानी को याद करें, जब उन्होंने अपने पालनहार को यह कहते हुए पुकारा : ऐ मेरे रब! मुझे अकेला न छोड़ कि मेरी कोई औलाद न हो। और तू सबसे बेहतर बाक़ी रहने वाला है। इसलिए मुझे एक बेटा प्रदान कर, जो मेरे बाद बाक़ी रहे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
فَاسْتَجَبْنَا لَهٗ ؗ— وَوَهَبْنَا لَهٗ یَحْیٰی وَاَصْلَحْنَا لَهٗ زَوْجَهٗ ؕ— اِنَّهُمْ كَانُوْا یُسٰرِعُوْنَ فِی الْخَیْرٰتِ وَیَدْعُوْنَنَا رَغَبًا وَّرَهَبًا ؕ— وَكَانُوْا لَنَا خٰشِعِیْنَ ۟
तो हमने उनकी दुआ स्वीकार कर ली और उन्हें यह़या के रूप में एक बेटा प्रदान किया और उनकी पत्नी को ठीक कर दिया। चुनाँचे वह बच्चा जनने वाली हो गई, जबकि वह पहले बच्चा जनने के योग्य नहीं थी। निश्चय ज़करिया, उनकी पत्नी और उनके बेटे, नेकियाँ करने में बहुत जल्दी करते थे तथा वे हमें हमारे सवाब के लोभ में और हमारी सज़ा से डरते हुए पुकारते थे और हमारे सामने गिड़गिड़ाने वाले थे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• الصلاح سبب للرحمة.
• अच्छाई (धर्म-परायणता) दया का कारण है।

• الالتجاء إلى الله وسيلة لكشف الكروب.
• अल्लाह का सहारा लेना संकटों को दूर करने का कारण है।

• فضل طلب الولد الصالح ليبقى بعد الإنسان إذا مات.
• अल्लाह से नेक संतान माँगने की फज़ीलत, ताकि वह आदमी के मरने के बाद बाक़ी रहे।

• الإقرار بالذنب، والشعور بالاضطرار لله وشكوى الحال له، وطاعة الله في الرخاء من أسباب إجابة الدعاء وكشف الضر.
• गुनाह का इक़रार करना, अल्लाह के प्रति अपनी विवशता की भावना, उसी से अपनी स्थिति की शिकायत करना और खुशहाली में अल्लाह की आज्ञा का पालन करना, दुआ के क़बूल होने और संकट के मोचन के कारणों में से है।

وَالَّتِیْۤ اَحْصَنَتْ فَرْجَهَا فَنَفَخْنَا فِیْهَا مِنْ رُّوْحِنَا وَجَعَلْنٰهَا وَابْنَهَاۤ اٰیَةً لِّلْعٰلَمِیْنَ ۟
तथा (ऐ रसूल!) मरयम अलैहस्सलाम की कहानी को याद करें, जिसने अपने गुप्तांग को व्यभिचार से सुरक्षित रखा, तो अल्लाह ने उनकी ओर जिबरील अलैहिस्सलाम को भेजा, जिन्होंने उनके भीतर फूँक मारी, तो उन्होंने ईसा अलैहिस्सलाम का गर्भ धारण कर लिया। वह और उनके बेटे ईसा अलैहिस्सलाम, लोगों के लिए अल्लाह के सामर्थ्य की निशानी थे, और यह कि उसे कोई भी चीज़ विवश नही कर सकती, क्योंकि उसने उन्हें बिना पिता के पैदा किया था।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اِنَّ هٰذِهٖۤ اُمَّتُكُمْ اُمَّةً وَّاحِدَةً ۖؗ— وَّاَنَا رَبُّكُمْ فَاعْبُدُوْنِ ۟
(ऐ लोगो!) यह तुम्हारा धर्म एक ही धर्म है। और वह एकेश्वरवाद (तौहीद) है, जो इस्लाम का धर्म है। और मैं तुम्हारा रब हूँ, इसलिए एकमात्र मेरी ही इबादत करो।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَتَقَطَّعُوْۤا اَمْرَهُمْ بَیْنَهُمْ ؕ— كُلٌّ اِلَیْنَا رٰجِعُوْنَ ۟۠
और लोग विभिन्न गुटों में बट गए। चुनाँचे उनमें कोई एकेश्वरवादी तो कोई बहुदेववादी, कोई काफ़िर तो कोई मोमिन हो गया। तथा ये सभी अलग-अलग हो जाने वाले लोग क़ियामत के दिन केवल हमारी ही ओर लौटकर आने वाले हैं। फिर हम उन्हें उनके कर्मों का बदला देंगे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
فَمَنْ یَّعْمَلْ مِنَ الصّٰلِحٰتِ وَهُوَ مُؤْمِنٌ فَلَا كُفْرَانَ لِسَعْیِهٖ ۚ— وَاِنَّا لَهٗ كٰتِبُوْنَ ۟
उनमें से जो व्यक्ति भी नेक अमल करेगा और वह अल्लाह, उसके रसूल और आख़िरत के दिन पर ईमान रखने वाला होगा, तो उसके अच्छे कार्य को नकारा नहीं जाएगा, बल्कि अल्लाह उसका आदर करते हुए उसके प्रतिफल को कई गुना कर देगा, और वह उसे उस दिन अपने कर्म पत्र में लिखा हुआ पाएगा, जिस दिन मरणोपरांत दोबारा जीवित होगा, तो वह उसे देखकर प्रसन्न हो जाएगा।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَحَرٰمٌ عَلٰی قَرْیَةٍ اَهْلَكْنٰهَاۤ اَنَّهُمْ لَا یَرْجِعُوْنَ ۟
जिस बस्ती के लोगों को हम उनके कुफ़्र के कारण नष्ट कर दें, उनके लिए यह असंभव कि वे इस दुनिया में लौटें; ताकि वे तौबा कर लें और उनकी तौबा स्वीकार कर ली जाए।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
حَتّٰۤی اِذَا فُتِحَتْ یَاْجُوْجُ وَمَاْجُوْجُ وَهُمْ مِّنْ كُلِّ حَدَبٍ یَّنْسِلُوْنَ ۟
वे दोबारा कभी नहीं लौटेंगे, यहाँ तक कि जब याजूज और माजूज का बाँध खोल दिया जाएगा और वे उस दिन धरती के हर ऊँचे स्थान से तेज़ी से दौड़ते हुए आएँगे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَاقْتَرَبَ الْوَعْدُ الْحَقُّ فَاِذَا هِیَ شَاخِصَةٌ اَبْصَارُ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا ؕ— یٰوَیْلَنَا قَدْ كُنَّا فِیْ غَفْلَةٍ مِّنْ هٰذَا بَلْ كُنَّا ظٰلِمِیْنَ ۟
उनके निकलने से क़ियामत क़रीब आ जाएगी और उसकी भयावहता और कठिनाइयाँ दिखाई देनी लगेंगी, जिनकी सख़्त भयंकरता से काफ़िरों की आँखें खुली रह जाएँगी और वे कहेंगे : हाय हमारा विनाश, हम दुनिया में इस महान दिन की तैयारी से मस्ती और ग़फ़लत में थे। बल्कि हम कुफ़्र एवं अवज्ञा करके स्वयं पर अत्याचार करने वाले थे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اِنَّكُمْ وَمَا تَعْبُدُوْنَ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ حَصَبُ جَهَنَّمَ ؕ— اَنْتُمْ لَهَا وٰرِدُوْنَ ۟
(ऐ मुश्रिको!) निश्चय तुम और वे मूर्तियाँ, जिन्हें तुम अल्लाह के सिवा पूजते हो और ऐसे जिन्न तथा इनसान जिनकी तुम पूजा करते हो और वे तुम्हारी इस पूजा से खुश हैं, ये सभी जहन्नम का ईंधन बनेंगे, तुम अपने पूज्यों के साथ उसमें प्रवेश करोगे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
لَوْ كَانَ هٰۤؤُلَآءِ اٰلِهَةً مَّا وَرَدُوْهَا ؕ— وَكُلٌّ فِیْهَا خٰلِدُوْنَ ۟
यदि उनके ये पूज्य (देवता), वास्तव में पूजे जाने के योग्य होते, तो वे उन लोगों के साथ नरक में प्रवेश नहीं करते, जो उनकी पूजा करते थे। तथा पूजा करने वालों और पूज्यों में से प्रत्येक जहन्नम में जाएँगे, जिनमें वे हमेशा के लिए रहेंगे, कभी भी उससे बाहर नहीं निकलेंगे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
لَهُمْ فِیْهَا زَفِیْرٌ وَّهُمْ فِیْهَا لَا یَسْمَعُوْنَ ۟
उसमें (दर्द की तीव्रता से) उनकी साँसे ज़ोर-ज़ोर से निकल रही होंगी, तथा जहन्नम में उन्हें पहुँचने वाली भयानक भयावहता की तीव्रता से वे कोई आवाज़ नहीं सुनेंगे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اِنَّ الَّذِیْنَ سَبَقَتْ لَهُمْ مِّنَّا الْحُسْنٰۤی ۙ— اُولٰٓىِٕكَ عَنْهَا مُبْعَدُوْنَ ۟ۙ
जब मुश्रिकों ने कहा : (निश्चय ईसा और वे फ़रिश्ते जिनकी पूजा की गई है, जहन्नम में जाएँगे) तो अल्लाह ने फ़रमाया : निश्चय जिनके बारे में पहले से अल्लाह के ज्ञान में है कि वे सौभाग्यशाली हैं, जैसे ईसा अलैहिस्सलाम, वे जहन्नम से दूर रखे जाएँगे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• التنويه بالعفاف وبيان فضله.
• पाक दामनी (सतीत्व) की प्रशंसा और उसके महत्व का बयान।

• اتفاق الرسالات السماوية في التوحيد وأسس العبادات.
• तौहीद (एकेश्वरवाद) और इबादतों के मूलाधारों में सभी आसमानी धर्मों का सहमत होना।

• فَتْح سد يأجوج ومأجوج من علامات الساعة الكبرى.
• याजूज और माजूज के बाँध का खुलना, क़ियामत की बड़ी निशानियों में से एक है।

• الغفلة عن الاستعداد ليوم القيامة سبب لمعاناة أهوالها.
• क़ियामत के दिन के लिए तैयारी से गाफ़िल होना, उसकी भयावहता को भुगतने का एक कारण है।

لَا یَسْمَعُوْنَ حَسِیْسَهَا ۚ— وَهُمْ فِیْ مَا اشْتَهَتْ اَنْفُسُهُمْ خٰلِدُوْنَ ۟ۚ
उनके कानों तक जहन्नम की आवाज़ नहीं पहुँचेगी और वे अपनी मनपसंद नेमतों और सुख-सुविधाओं में हमेशा रहने वाले होंगे। उनकी नेमतें कभी खत्म नहीं होंगी।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
لَا یَحْزُنُهُمُ الْفَزَعُ الْاَكْبَرُ وَتَتَلَقّٰىهُمُ الْمَلٰٓىِٕكَةُ ؕ— هٰذَا یَوْمُكُمُ الَّذِیْ كُنْتُمْ تُوْعَدُوْنَ ۟
उस दिन बड़ी घबराहट उनको भयभीत नहीं करेगी, जब जहन्नम को जहन्नम वासियों समेत बंद कर दिया जाएगा और फ़रिश्ते उनका यह कहकर स्वागत करेंगे : यह है तुम्हारा वह दिन जिसका तुम दुनिया में वादा दिए जाते थे और उसमें मिलने वाली नेमतों की तुम्हें खुशख़बरी दी जाती थी।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
یَوْمَ نَطْوِی السَّمَآءَ كَطَیِّ السِّجِلِّ لِلْكُتُبِ ؕ— كَمَا بَدَاْنَاۤ اَوَّلَ خَلْقٍ نُّعِیْدُهٗ ؕ— وَعْدًا عَلَیْنَا ؕ— اِنَّا كُنَّا فٰعِلِیْنَ ۟
जिस दिन हम आकाश को उसी तरह लपेट देंगे जिस तरह पंजिका के पन्ने पर लिखकर उसे लपेट दिया जाता है, तथा हम लोगों को उसी हाल में जमा करेंगे, जिस हाल में वे पहली बार पैदा किए गए थे। यह हमारा सच्चा वादा है जिसका उल्लंघन नहीं हो सकता। हम जो वादा करते हैं, उसे पूरा करने वाले हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَلَقَدْ كَتَبْنَا فِی الزَّبُوْرِ مِنْ بَعْدِ الذِّكْرِ اَنَّ الْاَرْضَ یَرِثُهَا عِبَادِیَ الصّٰلِحُوْنَ ۟
हमने 'लौह़े मह़फ़ूज़' में लिखने के बाद, उन किताबों में लिख दिया, जिन्हें हमने अपने रसूलों पर उतारा कि धरती के उत्तराधिकारी अल्लाह के सदाचारी और उसका आज्ञापालन करने वाले बंदे ही होंगे। और वे मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की उम्मत के लोग हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اِنَّ فِیْ هٰذَا لَبَلٰغًا لِّقَوْمٍ عٰبِدِیْنَ ۟ؕ
निःसंदेह हमारी उतारी हुई इस नसीहत में, उन लोगों के लिए लाभ और पर्याप्तता है, जो अपने रब के बताए हुए तरीक़े के अनुसार उसकी इबादत करने वाले हैं। क्योंकि वही लोग हैं जो इससे लाभान्वित होते हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَمَاۤ اَرْسَلْنٰكَ اِلَّا رَحْمَةً لِّلْعٰلَمِیْنَ ۟
और (ऐ मुह़म्मद!) हमने आपको समस्त मख़लूक़ के लिए दया बनाकर भेजा है, क्योंकि आप लोगों को सीधा रास्ता दिखाने और उन्हें अल्लाह की यातना से बचाने के लिए बड़े उत्सुक हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
قُلْ اِنَّمَا یُوْحٰۤی اِلَیَّ اَنَّمَاۤ اِلٰهُكُمْ اِلٰهٌ وَّاحِدٌ ۚ— فَهَلْ اَنْتُمْ مُّسْلِمُوْنَ ۟
(ऐ रसूल!) मेरी ओर, मेरे पालनहार की तरफ़ से, केवल यही वह़्य की जाती है कि तुम्हारा सच्चा पूज्य केवल एक पूज्य है, जिसका कोई साझी नहीं और वह अल्लाह है। इसलिए उसपर ईमान लाओ और उसकी आज्ञा का पालन करो।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
فَاِنْ تَوَلَّوْا فَقُلْ اٰذَنْتُكُمْ عَلٰی سَوَآءٍ ؕ— وَاِنْ اَدْرِیْۤ اَقَرِیْبٌ اَمْ بَعِیْدٌ مَّا تُوْعَدُوْنَ ۟
फिर अगर ये लोग उस संदेश से मुँह फेरें जो आप उनके पास लाए हैं, तो (ऐ रसूल!) आप उनसे कह दें : मैंने तुम्हें बता दिया है कि मैं और तुम अलगाव के एक समान मामले पर हैं। और मुझे नहीं पता कि अल्लाह ने अपनी जिस यातना का वादा किया है, वह तुम पर कब आएगी।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اِنَّهٗ یَعْلَمُ الْجَهْرَ مِنَ الْقَوْلِ وَیَعْلَمُ مَا تَكْتُمُوْنَ ۟
निःसंदेह अल्लाह वह बात जानता है जो तुम खुल्लम-खुल्ला कहते हो और उसे भी जानता है जो तुम छिपाते हो। उसमें से कुछ भी उससे छिपा नहीं है और वह तुम्हें उसका बदला देगा।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَاِنْ اَدْرِیْ لَعَلَّهٗ فِتْنَةٌ لَّكُمْ وَمَتَاعٌ اِلٰی حِیْنٍ ۟
मुझे नहीं पता शायद तुम्हें यातना देने में देरी करना, तुम्हारे लिए एक परीक्षा, ढील (प्रलोभन) और अल्लाह के ज्ञान में एक निर्धारित अवधि के लिए आपको लाभ उठाने का अवसर देना हो; ताकि तुम अपने कुफ़्र और गुमराही में अत्यधिक हो जाओ।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
قٰلَ رَبِّ احْكُمْ بِالْحَقِّ ؕ— وَرَبُّنَا الرَّحْمٰنُ الْمُسْتَعَانُ عَلٰی مَا تَصِفُوْنَ ۟۠
अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने अपने रब से दुआ करते हुए कहा : ऐ मेरे रब! हमारे बीच और हमारे इस कुफ़्र पर क़ायम रहने वाले समुदाय के बीच सच्चे फैसले के साथ निर्णय कर दे। और हम तुम्हारे इनकार और झुठलाने पर अपने अत्यंत दयावान् पालनहार ही की सहायता माँगते हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• الصلاح سبب للتمكين في الأرض.
• अच्छाई (धर्म-परायणता) पृथ्वी पर सशक्तिकरण का एक कारण है।

• بعثة النبي صلى الله عليه وسلم وشرعه وسنته رحمة للعالمين.
• नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की पैग़ंबरी, आपकी शरीयत और सुन्नत सर्व संसार वालों के लिए एक दया है।

• الرسول صلى الله عليه وسلم لا يعلم الغيب.
• रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ग़ैब (परोक्ष) की बात नहीं जानते।

• علم الله بما يصدر من عباده من قول.
• अल्लाह अपने बंदों द्वारा कही जाने वाली बात को जानता है।

 
অৰ্থানুবাদ ছুৰা: ছুৰা আল-আম্বীয়া
ছুৰাৰ তালিকা পৃষ্ঠা নং
 
আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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