আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (46) ছুৰা: ছুৰা আল-হজ্জ
اَفَلَمْ یَسِیْرُوْا فِی الْاَرْضِ فَتَكُوْنَ لَهُمْ قُلُوْبٌ یَّعْقِلُوْنَ بِهَاۤ اَوْ اٰذَانٌ یَّسْمَعُوْنَ بِهَا ۚ— فَاِنَّهَا لَا تَعْمَی الْاَبْصَارُ وَلٰكِنْ تَعْمَی الْقُلُوْبُ الَّتِیْ فِی الصُّدُوْرِ ۟
क्या रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की लाई हुई शिक्षाओं का इनकार करने वाले ये लोग धरती में नहीं चले-फिरे, ताकि उन विनष्ट बस्तियों के निशान (खंडहर) देखें, और अपने मन से विचार करके शिक्षा ग्रहण करें, तथा उनकी कहानियों को मानने के उद्देश्य से सुनकर सीख लें, क्योंकि असल अंधापन आँख का अंधापन नहीं है, बल्कि विनाशकारी अंधापन अंतर्दृष्टि का अंधापन है, जिसके बाद इनसान न शिक्षा ग्रहण करता है और न सीख प्राप्त करता है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• إثبات صفتي القوة والعزة لله.
• अल्लाह के लिए 'क़ुव्वत' (शक्ति) और 'इज़्ज़त' (गौरव, प्रभुत्व) के गुणों को साबित करना।

• إثبات مشروعية الجهاد؛ للحفاظ على مواطن العبادة.
• इबादत के स्थानों की सुरक्षा के लिए जिहाद की वैधता का सबूत।

• إقامة الدين سبب لنصر الله لعبيده المؤمنين.
• धर्म को क़ायम करने के कारण अल्लाह अपने मोमिन बंदों की मदद करता है।

• عمى القلوب مانع من الاعتبار بآيات الله.
• दिलों का अंधापन अल्लाह की निशानियों से शिक्षा ग्रहण करने से रोकता है।

 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (46) ছুৰা: ছুৰা আল-হজ্জ
ছুৰাৰ তালিকা পৃষ্ঠা নং
 
আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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