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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - আল-মুখতাচাৰ ফী তাফছীৰিল কোৰআনিল কাৰীমৰ হিন্দী অনুবাদ * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ ছুৰা: আল-মু'মিনূন   আয়াত:
اَلَمْ تَكُنْ اٰیٰتِیْ تُتْلٰی عَلَیْكُمْ فَكُنْتُمْ بِهَا تُكَذِّبُوْنَ ۟
और उन्हें झिड़कते हुए कहा जाएगा : क्या दुनिया में क़ुरआन की आयतें तुम्हारे सामने पढ़ी न जाती थीं, तो तुम उन्हें झुठलाया करते थे?
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
قَالُوْا رَبَّنَا غَلَبَتْ عَلَیْنَا شِقْوَتُنَا وَكُنَّا قَوْمًا ضَآلِّیْنَ ۟
वे कहेंगे : ऐ हमारे पालनहार! हमारा दुर्भाग्य हमपर प्रभावी हो गया, जो पहले ही तेरे ज्ञान में था और हम सत्य से भटके हुए लोग थे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
رَبَّنَاۤ اَخْرِجْنَا مِنْهَا فَاِنْ عُدْنَا فَاِنَّا ظٰلِمُوْنَ ۟
ऐ हमारे पालनहार! हमें नरक से निकाल ले। अगर हम दोबारा अपने कुफ़्र और गुमराही की पूर्व स्थिति की ओर लौट गए, तो निश्चय हम अपने आपपर अत्याचार करने वाले होंगे। हमारा बहाना खत्म हो गया।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
قَالَ اخْسَـُٔوْا فِیْهَا وَلَا تُكَلِّمُوْنِ ۟
अल्लाह कहेगा : तुम सब जहन्नम में तिरस्कृत व अपमानित होकर पड़े रहो और मुझ से बात न करो।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اِنَّهٗ كَانَ فَرِیْقٌ مِّنْ عِبَادِیْ یَقُوْلُوْنَ رَبَّنَاۤ اٰمَنَّا فَاغْفِرْ لَنَا وَارْحَمْنَا وَاَنْتَ خَیْرُ الرّٰحِمِیْنَ ۟ۚۖ
मेरे बंदों में से कुछ लोग, जो मुझपर ईमान लाए थे, कहा करते थे : ऐ हमारे रब! हम तुझपर ईमान लाए। अतः हमारे गुनाह माफ़ कर दे और हमपर दया कर। और तू सब दया करने वालों से बेहतर है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
فَاتَّخَذْتُمُوْهُمْ سِخْرِیًّا حَتّٰۤی اَنْسَوْكُمْ ذِكْرِیْ وَكُنْتُمْ مِّنْهُمْ تَضْحَكُوْنَ ۟
तो तुमने अपने पालनहार को पुकारने वाले इन मोमिनों को उपहास का पात्र बना लिया, जिनका तुम मखौल और हँसी उड़ाते थे यहाँ तक कि उनका उपहास उड़ाने में व्यस्त होने के कारण तुम अल्लाह की याद को भुला बैठे। तथा तुम्हारा उनसे हँसी करना, मज़ाक़ और ठट्ठा के तौर पर था।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اِنِّیْ جَزَیْتُهُمُ الْیَوْمَ بِمَا صَبَرُوْۤا ۙ— اَنَّهُمْ هُمُ الْفَآىِٕزُوْنَ ۟
मैंने इन ईमान वालों को, अल्लाह की आज्ञाकारिता पर तथा तुम्हारी ओर से पहुँचने वाले कष्ट पर धैर्य से काम लेने के कारण, क़ियामत के दिन बदले में जन्नत की प्राप्ति में सफलता प्रदान की है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
قٰلَ كَمْ لَبِثْتُمْ فِی الْاَرْضِ عَدَدَ سِنِیْنَ ۟
वह (अल्लाह उनसे) कहेगा : तुम धरती पर कितने वर्षों तक रहे? और तुमने उसमें कितना समय नष्ट किया?
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
قَالُوْا لَبِثْنَا یَوْمًا اَوْ بَعْضَ یَوْمٍ فَسْـَٔلِ الْعَآدِّیْنَ ۟
वे उत्तर देंगे : हम (वहाँ) एक दिन या दिन का कुछ भाग ही रहे हैं। अतः आप उनसे पूछ लें जो दिनों और महीनों की गणना करते हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
قٰلَ اِنْ لَّبِثْتُمْ اِلَّا قَلِیْلًا لَّوْ اَنَّكُمْ كُنْتُمْ تَعْلَمُوْنَ ۟
वह (अल्लाह) कहेगा : सचमुच तुम दुनिया में बहुत थोड़ा ठहरे हो, जिसके दौरान अल्लाह के आज्ञापालन पर सब्र करना आसान था। काश तुम (उस समय) अपने ठहरने की अवधि जानते होते।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اَفَحَسِبْتُمْ اَنَّمَا خَلَقْنٰكُمْ عَبَثًا وَّاَنَّكُمْ اِلَیْنَا لَا تُرْجَعُوْنَ ۟
(ऐ लोगों!) क्या तुमने समझ रखा था कि हमने तुम्हें बिना किसी हिकमत के खेल-तमाशे के तौर पर पैदा किया है, और जानवरों की तरह कोई इनाम या सज़ा नहीं है, और यह कि तुम क़ियामत के दिन हिसाब और बदले के लिए हमारी ओर नहीं लौटाए जाओगे?
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
فَتَعٰلَی اللّٰهُ الْمَلِكُ الْحَقُّ ۚ— لَاۤ اِلٰهَ اِلَّا هُوَ ۚ— رَبُّ الْعَرْشِ الْكَرِیْمِ ۟
अतः पवित्र है अल्लाह, जो बादशाह, अपनी मख़लूक में अपनी इच्छा के अनुसार व्यवहार करने वाला है। जो सत्य है, उसका वचन सत्य है और उसकी बात सत्य है। उसके सिवा कोई सत्य पूज्य नहीं। वह सम्मान वाले सिंहासन का रब है, जो कि सबसे महान सृष्टि है। और जो सबसे महान सृष्टि का रब है, वह समस्त सृष्टि का रब है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَمَنْ یَّدْعُ مَعَ اللّٰهِ اِلٰهًا اٰخَرَ ۙ— لَا بُرْهَانَ لَهٗ بِهٖ ۙ— فَاِنَّمَا حِسَابُهٗ عِنْدَ رَبِّهٖ ؕ— اِنَّهٗ لَا یُفْلِحُ الْكٰفِرُوْنَ ۟
और जो व्यक्ति अल्लाह के साथ किसी अन्य पूज्य को पुकारे, जिसके पूजा के योग्य होने का उसके पास कोई प्रमाण नहीं है (और अल्लाह के अलावा हर पूज्य का यही मामला है), तो उसके बुरे कर्म का बदला उसके पालनहार के पास है। चुनाँचे वही उसे इसपर यातना से दो चार करेगा। निश्चय काफ़िर लोग अपनी अपेक्षित चीज़ों को प्राप्त करने और अप्रिय चीज़ों से मुक्ति पाने में सफल नहीं होंगे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَقُلْ رَّبِّ اغْفِرْ وَارْحَمْ وَاَنْتَ خَیْرُ الرّٰحِمِیْنَ ۟۠
(ऐ रसूल!) आप दुआ करें : ऐ मेरे पालनहार! मेरे पापों को क्षमा कर दे और अपनी दया से मुझपर दया कर। और तू सबसे बेहतर है, जिसने किसी पापी पर दया की और उसकी तौबा क़बूल कर ली।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• الكافر حقير مهان عند الله.
• काफिर अल्लाह के निकट तुच्छ और अपमानित है।

• الاستهزاء بالصالحين ذنب عظيم يستحق صاحبه العذاب.
• नेक लोगों का मज़ाक़ उड़ाना बहुत बड़ा पाप है। ऐसा व्यक्ति अज़ाब का हक़दार है।

• تضييع العمر لازم من لوازم الكفر.
• उम्र को नष्ट करना कुफ़्र का एक आवश्यक तत्व है।

• الثناء على الله مظهر من مظاهر الأدب في الدعاء.
• अल्लाह की प्रशंसा करना दुआ में शिष्टाचार का एक प्रकटीकरण है।

• لما افتتح الله سبحانه السورة بذكر صفات فلاح المؤمنين ناسب أن تختم السورة بذكر خسارة الكافرين وعدم فلاحهم.
• जब अल्लाह ने इस सूरत का आरंभ ईमान वालों की विशेषताओं का उल्लेख करके किया, तो उचित था कि इसका अंत काफ़िरों के घाटे और उनकी असफलता का उल्लेख करके किया जाए।

 
অৰ্থানুবাদ ছুৰা: আল-মু'মিনূন
ছুৰাৰ তালিকা পৃষ্ঠা নং
 
আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - আল-মুখতাচাৰ ফী তাফছীৰিল কোৰআনিল কাৰীমৰ হিন্দী অনুবাদ - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

তাফছীৰ চেণ্টাৰ ফৰ কোৰানিক ষ্টাডিজৰ ফালৰ পৰা প্ৰচাৰিত।

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