আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (155) ছুৰা: ছুৰা আলে ইমৰাণ
اِنَّ الَّذِیْنَ تَوَلَّوْا مِنْكُمْ یَوْمَ الْتَقَی الْجَمْعٰنِ ۙ— اِنَّمَا اسْتَزَلَّهُمُ الشَّیْطٰنُ بِبَعْضِ مَا كَسَبُوْا ۚ— وَلَقَدْ عَفَا اللّٰهُ عَنْهُمْ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ غَفُوْرٌ حَلِیْمٌ ۟۠
(ऐ मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के साथियो!) जिस दिन उहुद के मैदान में, मुश्रिकों के एक गिरोह की भिड़ंत मुसलमानों के एक समूह से हुई, उस दिन जो लोग पराजित हुए, उन्हें शैतान ने उनके कुछ अपने ही किए हुए पापों के कारण, ग़लती करने पर उभारा। और अल्लाह ने अपनी ओर से कृपा एवं दया करते हुए उन्हें क्षमा कर दिया और उनकी पकड़ नहीं की। वास्तव में अल्लाह तौबा करने वालों को क्षमा करने वाला और सहनशील है जो जल्दी सज़ा नहीं देता।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• الجهل بالله تعالى وصفاته يُورث سوء الاعتقاد وفساد الأعمال.
• सर्वशक्तिमान अल्लाह और उसके गुणों व विशेषताओं से अनभिज्ञ होना, दुर्विश्वास और दुष्ट कार्यों को जन्म देता है।

• آجال العباد مضروبة محدودة، لا يُعجلها الإقدام والشجاعة، ولايؤخرها الجبن والحرص.
• बंदों का निर्दिष्ट समय निर्धारित व सीमित है। न तो अग्रसरता और बहादुरी उसे पहले कर सकते हैं, तथा न लालच और कायरता उसे विलंब कर सकते हैं।

• من سُنَّة الله تعالى الجارية ابتلاء عباده؛ ليميز الخبيث من الطيب.
• अल्लाह का एक चिरस्थायी नियम है कि वह अपने बंदों का परीक्षण करता है; ताकि वह दुष्ट को शिष्ट से अलग कर दे।

• من أعظم المنازل وأكرمها عند الله تعالى منازل الشهداء في سبيله.
• सर्वशक्तिमान अल्लाह के निकट सबसे महान और सबसे सम्मानित स्थानों में से उसके रास्ते में शहीद होने वालों के स्थान हैं।

 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (155) ছুৰা: ছুৰা আলে ইমৰাণ
ছুৰাৰ তালিকা পৃষ্ঠা নং
 
আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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