আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (29) ছুৰা: ছুৰা আৰ-ৰূম
بَلِ اتَّبَعَ الَّذِیْنَ ظَلَمُوْۤا اَهْوَآءَهُمْ بِغَیْرِ عِلْمٍ ۚ— فَمَنْ یَّهْدِیْ مَنْ اَضَلَّ اللّٰهُ ؕ— وَمَا لَهُمْ مِّنْ نّٰصِرِیْنَ ۟
उनकी गुमराही का कारण प्रमाणों में किसी प्रकार की कमी नहीं है और न ही उनकी व्याख्या में कमी है। बल्कि उसका कारण, अपने ऊपर अल्लाह के अधिकार की अज्ञानता की वजह से, इच्छाओं का पालन करना और अपने बाप-दादाओं का अनुकरण करना है। तो भला उसे कौन हिदायत की तौफ़ीक़ दे सकता है, जिसे अल्लाह ने गुमराह कर दिया है?! कोई भी उसे तौफ़ीक़ नहीं दे सकता। और उनके पास कोई सहायक नहीं हैं जो उनसे अल्लाह की यातना को दूर कर सकें।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• خضوع جميع الخلق لله سبحانه قهرًا واختيارًا.
• सारी सृष्टि चाहे या अनचाहे सर्वशक्तिमान अल्लाह के अधीन है।

• دلالة النشأة الأولى على البعث واضحة المعالم.
• मरणोपरांत पुनर्जीवन पर पहली रचना का संकेत स्पष्ट है।

• اتباع الهوى يضل ويطغي.
• इच्छाओं का पालन करना आदमी को गुमराह और सरकश बना देता है।

• دين الإسلام دين الفطرة السليمة.
• इस्लाम धर्म शुद्ध प्रकृति का धर्म है।

 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (29) ছুৰা: ছুৰা আৰ-ৰূম
ছুৰাৰ তালিকা পৃষ্ঠা নং
 
আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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