আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (20) ছুৰা: ছুৰা ছাবা
وَلَقَدْ صَدَّقَ عَلَیْهِمْ اِبْلِیْسُ ظَنَّهٗ فَاتَّبَعُوْهُ اِلَّا فَرِیْقًا مِّنَ الْمُؤْمِنِیْنَ ۟
इबलीस ने जो गुमान व्यक्त किया था कि वह उन्हें बहका सकता है और उन्हें सत्य से गुमराह कर सकता है, वह उसने सच कर दिखया। चुनाँचे वे कुफ़्र और गुमराही में उसके पीछे चलने लगे, सिवाय ईमान वालों के एक समूह के। क्योंकि उन्होंने उसका पालन न करके उसे निराश कर दिया।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• الشكر يحفظ النعم، والجحود يسبب سلبها.
• कृतज्ञता नेमतों की रक्षा करती और कृतघ्नता के कारण नेमतें छिन जाती हैं।

• الأمن من أعظم النعم التي يمتنّ الله بها على العباد.
• सुरक्षा उन बड़ी नेमतों में से एक है, जिसके द्वारा अल्लाह बंदों पर एहसान जताता है।

• الإيمان الصحيح يعصم من اتباع إغواء الشيطان بإذن الله.
• सच्चा ईमान, अल्लाह की अनुमति से शैतान के प्रलोभन का पालनका करने से बचाता है।

• ظهور إبطال أسباب الشرك ومداخله كالزعم بأن للأصنام مُلْكًا أو مشاركة لله، أو إعانة أو شفاعة عند الله.
• शिर्क के कारणों और उसके प्रवेश द्वारों का खंडन। जैसे यह समझना कि मूर्तियों को राज्य का कुछ अधिकार या अल्लाह के साथ भागीदारी प्राप्त है, या वे सहायक हैं या अल्लाह के निकट सिफारिश करने का अधिकार रखते हैं।

 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (20) ছুৰা: ছুৰা ছাবা
ছুৰাৰ তালিকা পৃষ্ঠা নং
 
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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