আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (26) ছুৰা: ছুৰা ফাতিৰ
ثُمَّ اَخَذْتُ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا فَكَیْفَ كَانَ نَكِیْرِ ۟۠
इसके बावजूद उन्होंने अल्लाह और उसके रसूलों का इनकार किया और वे अल्लाह के पास से जो कुछ लेकर आए थे, उसमें उनपर विश्वास नहीं किया। परिणामस्वरूप, मैंने कुफ़्र करने वालों को विनष्ट कर दिया। अतः (ऐ रसूल) आप सोचें कि मैंने उनकी किस तरह पकड़ की, कि उन्हें विनष्ट कर दिया।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• نفي التساوي بين الحق وأهله من جهة، والباطل وأهله من جهة أخرى.
• सत्य एवं सत्यवादियों तथा असत्य एवं असत्यवादियों के बीच समानता को नकारना।

• كثرة عدد الرسل عليهم السلام قبل رسولنا صلى الله عليه وسلم دليل على رحمة الله وعناد الخلق.
• हमारे रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से पहले रसूलों की बड़ी संख्या, अल्लाह की दया और मनुष्य के हठ का प्रमाण है।

• إهلاك المكذبين سُنَّة إلهية.
• झुठलाने वालों को नष्ट करना अल्लाह की परंपरा रही है।

• صفات الإيمان تجارة رابحة، وصفات الكفر تجارة خاسرة.
• ईमान के गुण एक लाभदायक व्यापार हैं, जबकि कुफ़्र के गुण घाटे का व्यापार हैं।

 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (26) ছুৰা: ছুৰা ফাতিৰ
ছুৰাৰ তালিকা পৃষ্ঠা নং
 
আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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