আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (1) ছুৰা: ছুৰা আন-নিছা

सूरा अन्-निसा

ছুৰাৰ উদ্দেশ্য:
تنظيم المجتمع المسلم وبناء علاقاته، وحفظ الحقوق، والحث على الجهاد، وإبطال دعوى قتل المسيح.
मुस्लिम समाज को संगठित करना, उसके संबंध बनाना, अधिकारों की रक्षा करना, जिहाद का आग्रह करना और ईसा मसीह को क़त्ल करने के दावे का खंडन करना।

یٰۤاَیُّهَا النَّاسُ اتَّقُوْا رَبَّكُمُ الَّذِیْ خَلَقَكُمْ مِّنْ نَّفْسٍ وَّاحِدَةٍ وَّخَلَقَ مِنْهَا زَوْجَهَا وَبَثَّ مِنْهُمَا رِجَالًا كَثِیْرًا وَّنِسَآءً ۚ— وَاتَّقُوا اللّٰهَ الَّذِیْ تَسَآءَلُوْنَ بِهٖ وَالْاَرْحَامَ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ كَانَ عَلَیْكُمْ رَقِیْبًا ۟
ऐ लोगो! अपने पालनहार से डरो। क्योंकि वही है जिसने तुम्हें एक जान से पैदा किया जो तुम्हारे पिता आदम हैं। और आदम से उनकी पत्नी तुम्हारी माँ हव्वा को पैदा किया। और उन दोनों से पृथ्वी के कोनों में बहुत-से पुरुषों और महिलाओं को फैला दिए। और उस अल्लाह से डरो जिसके नाम पर तुम एक-दूसरे से यह कहते हुए माँगते हो : मैं अल्लाह के नाम पर तुझसे ऐसा करने के लिए कहता हूँ। तथा रिश्ते-नाते को तोड़ने से बचो, जो तुम्हें आपस में जोड़ता है। निःसंदेह अल्लाह तुम्हारा निरीक्षण कर रहा है। अतः तुम्हारा कोई काम उससे ओझल नहीं होता, बल्कि वह उन्हें गिनकर रखता है और तुम्हें उनका बदला देगा।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• الأصل الذي يرجع إليه البشر واحد، فالواجب عليهم أن يتقوا ربهم الذي خلقهم، وأن يرحم بعضهم بعضًا.
• जिस मूल की ओर मनुष्य वापस लौटता है, वह एक है। इसलिए उन्हें अपने उस पालनहार से डरना चाहिए जिसने उन्हें पैदा किया है, और एक दूसरे पर दया करते रहना चाहिए।

• أوصى الله تعالى بالإحسان إلى الضعفة من النساء واليتامى، بأن تكون المعاملة معهم بين العدل والفضل.
• सर्वशक्तिमान अल्लाह ने कमज़ोर महिलाओं और अनाथों के साथ अच्छा व्यवहार करने की ताकीद की है इस प्रकार कि उनके साथ मामला न्याय और अनुग्रह के बीच हो।

• جواز تعدد الزوجات إلى أربع نساء، بشرط العدل بينهن، والقدرة على القيام بما يجب لهن.
• चार स्त्रियों तक बहुविवाह की अनुमति, इस शर्त के साथ कि उनके बीच न्याय किया जाए और उनके लिए जो कुछ करना अनिवार्य है उसे करने की क्षमता हो।

• مشروعية الحَجْر على السفيه الذي لا يحسن التصرف، لمصلحته، وحفظًا للمال الذي تقوم به مصالح الدنيا من الضياع.
• जो बेसमझ व्यक्ति अपने धन का सदुपयोग नहीं कर सकता; उसके हित की रक्षा के लिए, और उस धन को नष्ट होने से संरक्षित करने के लिए जिसपर दुनिया के हित आधारित होते हैं, उसपर प्रतिबंध लगाना धर्मसंगत है।

 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (1) ছুৰা: ছুৰা আন-নিছা
ছুৰাৰ তালিকা পৃষ্ঠা নং
 
আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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