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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - আল-মুখতাচাৰ ফী তাফছীৰিল কোৰআনিল কাৰীমৰ হিন্দী অনুবাদ * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ ছুৰা: আশ্ব-শ্বুৰা   আয়াত:
ذٰلِكَ الَّذِیْ یُبَشِّرُ اللّٰهُ عِبَادَهُ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ ؕ— قُلْ لَّاۤ اَسْـَٔلُكُمْ عَلَیْهِ اَجْرًا اِلَّا الْمَوَدَّةَ فِی الْقُرْبٰی ؕ— وَمَنْ یَّقْتَرِفْ حَسَنَةً نَّزِدْ لَهٗ فِیْهَا حُسْنًا ؕ— اِنَّ اللّٰهَ غَفُوْرٌ شَكُوْرٌ ۟
यही वह बड़ी शुभ सूचना है, जो अल्लाह अपने रसूल के हाथों उन लोगों को देता है, जो अल्लाह तथा उसके रसूलों पर ईमान लाए और अच्छे कर्म किए। (ऐ रसूल!) आप कह दें : मैं सत्य पहुँचाने पर तुमसे कोई बदला नहीं माँगता, सिवाय एक बदले के, जिसका लाभ भी तुम्हें ही होगा, वह यह कि तुम अपने बीच मेरी रिश्तेदारी के कारण मुझसे मोहब्बत करो। जो भी नेकी कमाएगा, हम उसे उसका बदला बढ़ाकर देंगे; एक नेकी उसके दस गुना कर दी जाती है। निश्चय अल्लाह अपने तौबा करने वाले बंदों के पापों को क्षमा करने वाला और उनके उन अच्छे कार्यों का गुण-ग्राहक है जो वे अल्लाह की प्रसन्नता प्राप्त करने के लिए करते हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اَمْ یَقُوْلُوْنَ افْتَرٰی عَلَی اللّٰهِ كَذِبًا ۚ— فَاِنْ یَّشَاِ اللّٰهُ یَخْتِمْ عَلٰی قَلْبِكَ ؕ— وَیَمْحُ اللّٰهُ الْبَاطِلَ وَیُحِقُّ الْحَقَّ بِكَلِمٰتِهٖ ؕ— اِنَّهٗ عَلِیْمٌۢ بِذَاتِ الصُّدُوْرِ ۟
मुश्रिकों का यह दावा था कि मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने इस क़ुरआन को अपनी ओर से बनाकर अल्लाह के साथ संबद्ध कर दिया है। इसलिए अल्लाह उनका खंडन करते हुए कहता है : यदि आपके दिल में झूठ गढ़ने का ख़याल भी आया होता, तो मैं आपके दिल पर मुहर लगा देता और गढ़े हुए झूठ को मिटाकर सत्य को संरक्षित कर देता। जब इस तरह की कोई बात नहीं हुई, तो इससे पता चला कि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम अपनी इस बात में सच्चे हैं कि यह क़ुरआन आप पर आपके पालनहार की ओर से वह़्य के माध्यम से अवतिरत हुआ है। निश्चय वह अपने बंदों के दिलों की बातों को ख़ूब जानने वाला है, उससे कुछ भी छिपा नहीं है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَهُوَ الَّذِیْ یَقْبَلُ التَّوْبَةَ عَنْ عِبَادِهٖ وَیَعْفُوْا عَنِ السَّیِّاٰتِ وَیَعْلَمُ مَا تَفْعَلُوْنَ ۟ۙ
वही अल्लाह है, जो अपने बंदों की कुफ़्र और गुनाहों से तौबा को क़बूल करता है, यदि वे उसके सामने तौबा करते हैं और उनके किए हुए दुष्कर्मों को क्षमा कर देता है। तथा तुम जो कुछ भी करते हो, वह उसे जानता है। तुम्हारे कार्यों में से कुछ भी उससे छिपा नहीं है और वह तुम्हें उनका बदला देगा।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَیَسْتَجِیْبُ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ وَیَزِیْدُهُمْ مِّنْ فَضْلِهٖ ؕ— وَالْكٰفِرُوْنَ لَهُمْ عَذَابٌ شَدِیْدٌ ۟
और वह उन लोगों की दुआ क़बूल करता है, जो अल्लाह और उसके रसूलों पर ईमान लाए और सत्कर्म किए। और अपने अनुग्रह से उन्हें वे सारी चीज़ें भी प्रदान करता है, जो उन्होंने नहीं माँगी थीं। जबकि अल्लाह और उसके रसूलों का इनकार करने वालों के लिए कठोर यातना है, जो क़ियामत के दिन उनकी प्रतीक्षा कर रही है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَلَوْ بَسَطَ اللّٰهُ الرِّزْقَ لِعِبَادِهٖ لَبَغَوْا فِی الْاَرْضِ وَلٰكِنْ یُّنَزِّلُ بِقَدَرٍ مَّا یَشَآءُ ؕ— اِنَّهٗ بِعِبَادِهٖ خَبِیْرٌ بَصِیْرٌ ۟
यदि अल्लाह अपने सभी बंदों की आजीविका में विस्तार कर देता, तो वे धरती में अत्याचार और सरकशी करने लगते। लेकिन अल्लाह जिस मात्रा में चाहता है, विस्तृत या संकीर्ण रोज़ी उतारता है। निःसंदेह वह अपने बंदों की परिस्थितियों की खबर रखने वाला और उन्हें अच्छी तरह देखने वाला है। अतः वह हिकमत के अनुसार देता और हिकमत ही के अनुसार रोकता भी है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَهُوَ الَّذِیْ یُنَزِّلُ الْغَیْثَ مِنْ بَعْدِ مَا قَنَطُوْا وَیَنْشُرُ رَحْمَتَهٗ ؕ— وَهُوَ الْوَلِیُّ الْحَمِیْدُ ۟
और वही है, जो अपने बंदों पर बारिश का पानी उतारता है, जबकि वे उसके उतरने से निराश हो चुके होते हैं। तथा इस बारिश को फैला देता है, तो धरती अंकुरित हो जाती है। वही अपने बंदों के मामलों का प्रभारी, हर हाल में स्तुत्य है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَمِنْ اٰیٰتِهٖ خَلْقُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ وَمَا بَثَّ فِیْهِمَا مِنْ دَآبَّةٍ ؕ— وَهُوَ عَلٰی جَمْعِهِمْ اِذَا یَشَآءُ قَدِیْرٌ ۟۠
अल्लाह की शक्ति और एकता (एकेश्वरवाद) को दर्शाने वाली निशानियों में से आकाशों और धरती का पैदा करना, तथा वे विचित्र प्राणी हैं, जो उसने उन दोनों में फैला रखे हैं। तथा वह जब चाहे, उन्हें हश्र (महा-प्रलय) और बदले के लिए इकट्ठा करने में सक्षम है। ऐसा करना उसे विवश नहीं कर सकता, जिस तरह कि उन्हें पहली बार पैदा करना उसे विवश नहीं किया।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَمَاۤ اَصَابَكُمْ مِّنْ مُّصِیْبَةٍ فَبِمَا كَسَبَتْ اَیْدِیْكُمْ وَیَعْفُوْا عَنْ كَثِیْرٍ ۟ؕ
तथा (ऐ लोगो!) तुम्हें तुम्हारी जानों या तुम्हारे धनों में जो भी विपत्ति पहुँचती है, वह तुम्हारे हाथों के कमाए हुए गुनाहों के कारण (पहुँचती) है। हालाँकि अल्लाह उनमें से बहुत-से गुनाह माफ़ कर देता है। इसलिए उनपर तुम्हारी पकड़ नहीं करता।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَمَاۤ اَنْتُمْ بِمُعْجِزِیْنَ فِی الْاَرْضِ ۖۚ— وَمَا لَكُمْ مِّنْ دُوْنِ اللّٰهِ مِنْ وَّلِیٍّ وَّلَا نَصِیْرٍ ۟
यदि अल्लाह तुम्हें दंडित करना चाहे, तो तुम भागकर अपने पालनहार से बचने में सक्षम नहीं हो सकते। तथा अल्लाह के सिवा तुम्हारा कोई संरक्षक नहीं है, जो तुम्हारे कामों का प्रभार ले सके और न ही कोई सहायक है, जो तुमसे यातना को टाल सके, अगर वह तुम्हें यातना देना चाहे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• الداعي إلى الله لا يبتغي الأجر عند الناس.
• अल्लाह की ओर बुलाने वाला, लोगों से प्रतिफल नहीं माँगता।

• التوسيع في الرزق والتضييق فيه خاضع لحكمة إلهية قد تخفى على كثير من الناس.
• आजीविका में विस्तार और संकीर्णता अल्लाह की हिकमत के अधीन है, जो बहुत-से लोगों के लिए रहस्य हो सकता है।

• الذنوب والمعاصي من أسباب المصائب.
• पाप और अवज्ञा विपत्तियों के कारणों में से हैं।

 
অৰ্থানুবাদ ছুৰা: আশ্ব-শ্বুৰা
ছুৰাৰ তালিকা পৃষ্ঠা নং
 
আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - আল-মুখতাচাৰ ফী তাফছীৰিল কোৰআনিল কাৰীমৰ হিন্দী অনুবাদ - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

তাফছীৰ চেণ্টাৰ ফৰ কোৰানিক ষ্টাডিজৰ ফালৰ পৰা প্ৰচাৰিত।

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