আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (80) ছুৰা: ছুৰা আঝ-ঝুখৰূফ
اَمْ یَحْسَبُوْنَ اَنَّا لَا نَسْمَعُ سِرَّهُمْ وَنَجْوٰىهُمْ ؕ— بَلٰی وَرُسُلُنَا لَدَیْهِمْ یَكْتُبُوْنَ ۟
क्या वे समझ्ते हैं कि हम उनकी छिपी बात (भेद) को जो उन्होंने अपने दिलों में छिपा रखी है या उनकी कानाफूसी को जो वे एक-दूसरे से करते हैं, नहीं सुनते हैं? क्यों नहीं, हम उनकी सारी बातें सुनते हैं और उनके साथ नियुक्त फ़रिश्ते उनके प्रत्येक कार्य को लिखते रहते हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• كراهة الحق خطر عظيم.
• सत्य को नापसंद करना बहुत खतरनाक है।

• مكر الكافرين يعود عليهم ولو بعد حين.
• काफ़िरो की चाल उन्हीं पर पलट आती है, चाहे कुछ समय बाद ही सही।

• كلما ازداد علم العبد بربه، ازداد ثقة بربه وتسليمًا لشرعه.
• बंदे का अपने पालनहार के बारे में ज्ञान जितना अधिक होता जाता है, उसका अपने पालनहार पर विश्वास और उसकी शरीयत के प्रति स्वीकरण एवं समर्पण उतना ही बढ़ जाता है।

• اختصاص الله بعلم وقت الساعة.
• क़ियामत के समय का ज्ञान केवल अल्लाह को है।

 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (80) ছুৰা: ছুৰা আঝ-ঝুখৰূফ
ছুৰাৰ তালিকা পৃষ্ঠা নং
 
আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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