আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (35) ছুৰা: ছুৰা আল-জাছিয়াহ
ذٰلِكُمْ بِاَنَّكُمُ اتَّخَذْتُمْ اٰیٰتِ اللّٰهِ هُزُوًا وَّغَرَّتْكُمُ الْحَیٰوةُ الدُّنْیَا ۚ— فَالْیَوْمَ لَا یُخْرَجُوْنَ مِنْهَا وَلَا هُمْ یُسْتَعْتَبُوْنَ ۟
यह अज़ाब जिससे तुम पीड़ित किए गए हो, इस कारण है कि तुमने अल्लाह की आयतों का मज़ाक़ बनाकर उनकी हँसी उड़ाई थी और दुनिया के जीवन ने अपने सुखों और इच्छाओं के साथ तुम्हें धोखे में डाल रखा था। अतः आज ये अल्लाह की आयतों का मज़ाक़ उड़ाने वाले काफ़िर जहन्नम से नहीं निकाले जाएँगे। बल्कि हमेशा के लिए उसी में पड़े रहेंगे। तथा ये दुनिया के जीवन की ओर भी नहीं लौटाए जाएँगे कि अच्छे कार्य करके आएँ, और इनका पालनहार इनसे प्रसन्न नहीं होगा।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• الاستهزاء بآيات الله كفر.
• अल्लाह की आयतों का मज़ाक़ उड़ाना कुफ़्र है।

• خطر الاغترار بلذات الدنيا وشهواتها.
• सांसारिक सुखों और वासनाओं के धोखे में आने का खतरा।

• ثبوت صفة الكبرياء لله تعالى.
• अल्लाह के लिए 'किब्रिया' (महिमा) की विशेषता का प्रमाण।

• إجابة الدعاء من أظهر أدلة وجود الله سبحانه وتعالى واستحقاقه العبادة.
• प्रार्थना स्वीकार करना सर्वशक्तिमान अल्लाह के अस्तित्व और उसके उपासना के योग्य होने के सबसे स्पष्ट प्रमाणों में से एक है।

 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (35) ছুৰা: ছুৰা আল-জাছিয়াহ
ছুৰাৰ তালিকা পৃষ্ঠা নং
 
আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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