আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (21) ছুৰা: ছুৰা আল-আহক্বাফ
وَاذْكُرْ اَخَا عَادٍ اِذْ اَنْذَرَ قَوْمَهٗ بِالْاَحْقَافِ وَقَدْ خَلَتِ النُّذُرُ مِنْ بَیْنِ یَدَیْهِ وَمِنْ خَلْفِهٖۤ اَلَّا تَعْبُدُوْۤا اِلَّا اللّٰهَ ؕ— اِنِّیْۤ اَخَافُ عَلَیْكُمْ عَذَابَ یَوْمٍ عَظِیْمٍ ۟
(ऐ रसूल!) आद समुदाय के नसबी भाई हूद (अलैहिस्सलाम) को याद करें, जब उन्होंने अपनी जाति के लोगों को उनपर अल्लाह की यातना उतरने से डराया। यह उस समय की बात है, जब वे अरब प्रायद्वीप के दक्षिण में स्थित 'अहक़ाफ़' नामी स्थान में अपने घरों में थे। जबकि हूद (अलैहिस्सलाम) से पहले और उनके बाद बहुत-से रसूल अपनी जातियों को सावधान करने वाले आ चुके थे। उन्होंने अपने समुदायों से कहा : केवल अल्लाह की इबादत करो। उसके साथ उसके अलावा की इबादत न करो। निःसंदेह मुझे (ऐ मेरी जाति के लोगो!) तुमपर एक बहुत बड़े दिन की यातना का भय है और वह क़ियामत का दिन है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• لا علم للرسل بالغيب إلا ما أطلعهم ربهم عليه منه.
• रसूलों को परोक्ष का कोई ज्ञान नहीं होता, सिवाय इसके कि उनका रब ने उन्हें किसी बात से अवगत करा दे।

• اغترار قوم هود حين ظنوا العذاب النازل بهم مطرًا، فلم يتوبوا قبل مباغتته لهم.
• हूद (अलैहिस्सलाम) की जाति का धोखा खाना जब उन्होंने अपने ऊपर उतरने वाली यातना को बारिश समझा। इसलिए उन्होंने यातना आने से पहले तौबा नहीं की।

• قوة قوم عاد فوق قوة قريش، ومع ذلك أهلكهم الله.
• आद के लोगों की शक्ति क़ुरैश की शक्ति से अधिक थी, फिर भी अल्लाह ने उन्हें नष्ट कर दिया।

• العاقل من يتعظ بغيره، والجاهل من يتعظ بنفسه.
• बुद्धिमान वह है, जो दूसरों (की स्थिति) से सीख ग्रहण करता है और अज्ञानी वह है, जो खुद से सीख ग्रहण करता है।

 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (21) ছুৰা: ছুৰা আল-আহক্বাফ
ছুৰাৰ তালিকা পৃষ্ঠা নং
 
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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