আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (26) ছুৰা: ছুৰা মুহাম্মদ
ذٰلِكَ بِاَنَّهُمْ قَالُوْا لِلَّذِیْنَ كَرِهُوْا مَا نَزَّلَ اللّٰهُ سَنُطِیْعُكُمْ فِیْ بَعْضِ الْاَمْرِ ۚ— وَاللّٰهُ یَعْلَمُ اِسْرَارَهُمْ ۟
उन्हें गुमराही के रास्ते पर इसलिए डाल दिया गया, क्योंकि उन्होंने गुप्त रूप से उन मुश्रिकों से कहा, जिन्होंने अल्लाह की अपने रसूल पर उतारी हुई वह़्य (प्रकाशना) को नापसंद किया : हम कुछ मामलों में तुम्हारी बात मानेंगे, जैसे कि लड़ने से हतोत्साहित करना। और अल्लाह जानता है जो कुछ वे छिपाते और गुप्त रखते हैं, उससे कोई बात छिपी नहीं है। इसलिए वह उसमें से जो चाहता है, अपने रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के लिए प्रकट कर देता है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• التكليف بالجهاد في سبيل الله يميّز المنافقين من صفّ المؤمنين.
• अल्लाह के रास्ते में जिहाद का आदेश, ईमान वालों की पंक्तियों से मुनाफ़िक़ों को छाँटकर अलग कर देता है।

• أهمية تدبر كتاب الله، وخطر الإعراض عنه.
• अल्लाह की किताब पर मनन करने का महत्व और उससे मुँह मोड़ने का खतरा।

• الإفساد في الأرض وقطع الأرحام من أسباب قلة التوفيق والبعد عن رحمة الله.
• धरती में बिगाड़ पैदा करना और रिश्तेदारी के संबंधों को तोड़ना, अल्लाह की तौफ़ीक में कमी और उसकी दया से दूरी के कारणों में से है।

 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (26) ছুৰা: ছুৰা মুহাম্মদ
ছুৰাৰ তালিকা পৃষ্ঠা নং
 
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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