আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (3) ছুৰা: ছুৰা মুহাম্মদ
ذٰلِكَ بِاَنَّ الَّذِیْنَ كَفَرُوا اتَّبَعُوا الْبَاطِلَ وَاَنَّ الَّذِیْنَ اٰمَنُوا اتَّبَعُوا الْحَقَّ مِنْ رَّبِّهِمْ ؕ— كَذٰلِكَ یَضْرِبُ اللّٰهُ لِلنَّاسِ اَمْثَالَهُمْ ۟
दोनों पक्षों के लिए यह उल्लिखित बदला इस कारण है कि अल्लाह का इनकार करने वालों ने असत्य का अनुसरण किया और अल्लाह और उसके रसूल पर ईमान रखने वालों ने अपने रब की ओर से सत्य का अनुसरण किया। अतः दोनों के प्रयासों में अंतर के कारण उनका बदला अलग-अलग था। जिस तरह अल्लाह ने दोनों पक्षों : मोमिनों के पक्ष और काफ़िरों के पक्ष के बारे में अपना निर्णय स्पष्ट किया, उसी तरह अल्लाह लोगों के लिए उनकी मिसालें बयान करता है, इसलिए हर एक को उसके सदृश से मिलाता है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• النكاية في العدوّ بالقتل وسيلة مُثْلى لإخضاعه.
• दुश्मन को मार कर परास्त कर देना उसे वश में करने का एक आदर्श उपाय है।

• المن والفداء والقتل والاسترقاق خيارات في الإسلام للتعامل مع الأسير الكافر، يؤخذ منها ما يحقق المصلحة.
• उपकार करना, छुड़ौती लेना, क़त्ल कर देना और दास बना लेना, इस्लाम में एक काफिर बंदी से निपटने के विकल्प हैं, इनमें से उसे चुना जाएगा, जिससे हित की पूर्ति होती हो।

• عظم فضل الشهادة في سبيل الله.
• अल्लाह के रास्ते में शहीद होने की महान श्रेष्ठता।

• نصر الله للمؤمنين مشروط بنصرهم لدينه.
• ईमान वालों के लिए अल्लाह की मदद, उनके उसके धर्म की मदद करने की शर्त पर है।

 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (3) ছুৰা: ছুৰা মুহাম্মদ
ছুৰাৰ তালিকা পৃষ্ঠা নং
 
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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