আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (24) ছুৰা: ছুৰা আল-হাশ্বৰ
هُوَ اللّٰهُ الْخَالِقُ الْبَارِئُ الْمُصَوِّرُ لَهُ الْاَسْمَآءُ الْحُسْنٰی ؕ— یُسَبِّحُ لَهٗ مَا فِی السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ ۚ— وَهُوَ الْعَزِیْزُ الْحَكِیْمُ ۟۠
वही अल्लाह रचयिता है, जिसने हर चीज़ की रचना की। वह चीज़ों को अस्तित्व प्रदान करनेवाला है, वह जैसा चाहता है, उसके अनुसार अपनी मखलूक़ात को रूप देने वाला है। उस महिमावान के सबसे सुंदर नाम हैं जो उसकी सर्वोच्च विशेषताओं पर आधारित हैं। हर वह चीज़ जो आकाशों और धरती में है उसके हर कमी से पवित्र और उत्कृष्ट होने का वर्णन करती है, वह प्रभुत्वशाली है, जिसपर कोई विजय प्राप्त नहीं कर सकता, वह अपनी रचना, विधान और निर्णय में ह़िकमत वाला है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• من علامات توفيق الله للمؤمن أنه يحاسب نفسه في الدنيا قبل حسابها يوم القيامة.
• मोमिन के लिए अल्लाह की तौफ़ीक़ के संकेतों में से एक यह है कि वह क़ियामत के दिन के हिसाब से पहले इस दुनिया में आत्मसमीक्षा करता रहे।

• في تذكير العباد بشدة أثر القرآن على الجبل العظيم؛ تنبيه على أنهم أحق بهذا التأثر لما فيهم من الضعف.
• बंदों को महान पर्वत पर क़ुरआन के प्रभाव की तीव्रता को याद दिलाने में; इस बात की चेतावनी देना है कि वे अपनी कमज़ोरी के कारण इसके प्रभाव को स्वीकार करने के अधिक योग्य हैं।

• أشارت الأسماء (الخالق، البارئ، المصور) إلى مراحل تكوين المخلوق من التقدير له، ثم إيجاده، ثم جعل له صورة خاصة به، وبذكر أحدها مفردًا فإنه يدل على البقية.
• अल्लाह के ये नाम (पैदा करने वाला, अस्तित्व में लाने वाला, रूप देने वाला) मख़लूक़ की रचना के चरणों को इंगित करते हैं, जैसे कि उसका अनुमान करना, फिर उसे अस्तित्व में लाना, फिर उसे उसका विशेष रूप प्रदान करना। इन नामों में से किसी एक नाम का यदि अकेले उल्लेख किया जाए, तो वह शेष को भी दर्शाता है।

 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (24) ছুৰা: ছুৰা আল-হাশ্বৰ
ছুৰাৰ তালিকা পৃষ্ঠা নং
 
আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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