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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - আল-মুখতাচাৰ ফী তাফছীৰিল কোৰআনিল কাৰীমৰ হিন্দী অনুবাদ * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ ছুৰা: আল-আ'ৰাফ   আয়াত:
وَلَوْ اَنَّ اَهْلَ الْقُرٰۤی اٰمَنُوْا وَاتَّقَوْا لَفَتَحْنَا عَلَیْهِمْ بَرَكٰتٍ مِّنَ السَّمَآءِ وَالْاَرْضِ وَلٰكِنْ كَذَّبُوْا فَاَخَذْنٰهُمْ بِمَا كَانُوْا یَكْسِبُوْنَ ۟
और यदि इन बस्तियों के वासी, जिनकी ओर हमने अपने रसूलों को भेजा था, उन बातों पर विश्वास करते जो उनके रसूल उनके पास लेकर आए थे, तथा अपने पालनहार से, कुफ़्र और गुनाहों को छोड़कर और उसके आदेशों का पालन करके, डरते, तो हम उनके लिए चारों ओर से भलाई के द्वार खोल देते, लेकिन उन्होंने न तो विश्वास किया और न डरे, बल्कि अपने रसूलों के लाए हुए संदेश को झुठलाया। अतः हमने उन्हें उनके किए हुए गुनाहों और पापों के कारण अचानक यातना से ग्रस्त कर दिया।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اَفَاَمِنَ اَهْلُ الْقُرٰۤی اَنْ یَّاْتِیَهُمْ بَاْسُنَا بَیَاتًا وَّهُمْ نَآىِٕمُوْنَ ۟ؕ
तो क्या इन झुठलाने वाली बस्तियों के लोग इस बात से निश्चिंत हो गए हैं कि उनपर हमारी यातना रात के समय आ जाए और वे अपने आराम और शांति में लीन होकर सो रहे हैं?
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اَوَاَمِنَ اَهْلُ الْقُرٰۤی اَنْ یَّاْتِیَهُمْ بَاْسُنَا ضُحًی وَّهُمْ یَلْعَبُوْنَ ۟
और क्या वे इस बात से निश्चिंत हो गए हैं कि उनपर हमारी यातना दिन की शुरुआत में आ जाए और वे अपनी दुनिया में व्यस्त होने की वजह से बेपरवाह और ग़ाफ़िल हों?!
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اَفَاَمِنُوْا مَكْرَ اللّٰهِ ۚ— فَلَا یَاْمَنُ مَكْرَ اللّٰهِ اِلَّا الْقَوْمُ الْخٰسِرُوْنَ ۟۠
देखो, अल्लाह ने उन्हे किस क़दर मोहलत दी है, और ढील देते हुए शक्ति तथा विस्तृत जीविका प्रदान की है; तो क्या इन नगरों के ये झुठलनाने वाले लोग अल्लाह की चाल और उसके गुप्त उपाय से निश्चिंत हो गए हैं? तो (याद रखो!) अल्लाह के गुप्त उपाय से निश्चिंत केवल वही लोग होते हैं, जिनके भाग्य में विनाश लिखा हो। रही बात तौफ़ीक़ वाले लोगों की, तो वे उसके गुप्त उपाय से डरते हैं। यही कारण है कि उसकी नेमतों से धोखा नहीं खाते, बल्कि उसके एहसान के आभारी रहते हैं और उसका शुक्रिया अदा करते हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اَوَلَمْ یَهْدِ لِلَّذِیْنَ یَرِثُوْنَ الْاَرْضَ مِنْ بَعْدِ اَهْلِهَاۤ اَنْ لَّوْ نَشَآءُ اَصَبْنٰهُمْ بِذُنُوْبِهِمْ ۚ— وَنَطْبَعُ عَلٰی قُلُوْبِهِمْ فَهُمْ لَا یَسْمَعُوْنَ ۟
तो क्या उन लोगों के सामने यह तथ्य स्पष्ट नहीं हुआ, जो अपने पूर्वजों के बाद धरती के वारिस हुए, जिन्हें उनके गुनाहों के कारण विनष्ट कर दिया गया था, फिर उन्होंने उनपर उतरने वाली यातना से शिक्षा ग्रहण नहीं की, बल्कि उन्हीं जैसे कर्म करते रहे। क्या इन लोगों के सामने यह तथ्य स्पष्ट नहीं हुआ कि अगर अल्लाह उन्हें उनके गुनाहों के कारण पकड़ना चाहे, तो अपनी रीति के अनुसार पकड़ ले और उनके दिलों पर मुहर लगा दे, फिर उन्हें न किसी उपदेश से लाभ हो, न किसी याद-दहानी से फ़ायदा?!
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
تِلْكَ الْقُرٰی نَقُصُّ عَلَیْكَ مِنْ اَنْۢبَآىِٕهَا ۚ— وَلَقَدْ جَآءَتْهُمْ رُسُلُهُمْ بِالْبَیِّنٰتِ ۚ— فَمَا كَانُوْا لِیُؤْمِنُوْا بِمَا كَذَّبُوْا مِنْ قَبْلُ ؕ— كَذٰلِكَ یَطْبَعُ اللّٰهُ عَلٰی قُلُوْبِ الْكٰفِرِیْنَ ۟
ये पिछली बस्तियाँ हैं (अर्थात नूह, हूद, सालेह, लूत और शुऐब अलैहिमुस्सलाम की बस्तियाँ), जिनकी खबरें और उनके झुठलाने तथा हठधर्मी की दास्तानें और उनके विनाश का विवरण हम आपको सुना रहे हैं, ताकि यह शिक्षा प्राप्त करने वालों के लिए एक शिक्षा और नसीहत हासिल करने वालों के लिए एक नसीहत हो। इन बस्तियों वालों के पास उनके रसूल अपने सच्चे रसूल होने के स्पष्ट प्रमाण लेकर आए थे, परंतु उनसे यह न हो सका कि जब रसूल आ गए, तो उन्हें मान लेते, क्योंकि यह बात पहले ही से अल्लाह के ज्ञान में थी कि वे उन्हें झुठला देंगे। जिस तरह इन बस्तियों वालों के दिलों पर अल्लाह ने मुहर लगा दी थी, वैसे ही अल्लाह मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को झुठलाने वालों के दिलों पर भी मुहर लगा देगा, फिर वे ईमान की राह प्राप्त नहीं कर सकेंगे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَمَا وَجَدْنَا لِاَكْثَرِهِمْ مِّنْ عَهْدٍ ۚ— وَاِنْ وَّجَدْنَاۤ اَكْثَرَهُمْ لَفٰسِقِیْنَ ۟
जिन समुदायों की ओर रसूल भेजे गए थे, उनमें से अधिकांश में हमने अल्लाह के आदेशों के प्रति प्रतिबद्धता और प्रतिज्ञा पालन नहीं पाया, तथा हमने उन्हें उसकी आज्ञाओं का पालन करते हुए नहीं पाया। बल्कि हमने उनमें से अधिकांश को अल्लाह की अवज्ञा करते हुए ही पाया।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
ثُمَّ بَعَثْنَا مِنْ بَعْدِهِمْ مُّوْسٰی بِاٰیٰتِنَاۤ اِلٰی فِرْعَوْنَ وَمَلَاۡىِٕهٖ فَظَلَمُوْا بِهَا ۚ— فَانْظُرْ كَیْفَ كَانَ عَاقِبَةُ الْمُفْسِدِیْنَ ۟
फिर हमने उन रसूलों के बाद मूसा अलैहिस्सलाम को अपने तर्कों और स्पष्ट प्रमाणों के साथ, जो उनके सच्चे नबी होने को स्पष्ट कर रहे थे, फ़िरऔन और उसके प्रमुखों के पास भेजा। परंतु उन्होंने उन आयतों का इनकार कर दिया और उनपर विश्वास नहीं किया। तो (ऐ रसूल!) आप ग़ौर करें कि फ़िरऔन और उसकी जाति का परिणाम कैसा रहा?! अल्लाह ने उन्हें डुबोकर नष्ट कर दिया और दुनिया तथा आख़िरत में उनके पीछे लानत लगा दिया।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَقَالَ مُوْسٰی یٰفِرْعَوْنُ اِنِّیْ رَسُوْلٌ مِّنْ رَّبِّ الْعٰلَمِیْنَ ۟ۙ
जब अल्लाह ने मूसा अलैहिस्सलाम को फ़िरऔन के पास भेजा और वह उसके पास आए, तो कहा : ऐ फ़िरऔन! निःसंदेह मैं सारी सृष्टि के रचयिता, उनके स्वामी और उनके मामलों के व्यवस्थापक की ओर से भेजा हुआ रसूल हूँ।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• الإيمان والعمل الصالح سبب لإفاضة الخيرات والبركات من السماء والأرض على الأمة.
• ईमान और सत्कर्म मुसलमानों को आकाश और धरती से व्यापक बरकतों और भलाइयों के प्राप्त होने का एक कारण है।

• الصلة وثيقة بين سعة الرزق والتقوى، وإنْ أنعم الله على الكافرين فإن هذا استدراج لهم ومكر بهم.
• आजीविका के विस्तार और परहेज़गारी के बीच घनिष्ठ संबंध है। अगर अल्लाह काफ़िरों को नेमतें दे रहा है, तो यह दरअसल उन्हें ढील दी जा रही है और उनके साथ एक चाल चली जा रही है।

• على العبد ألا يأمن من عذاب الله المفاجئ الذي قد يأتي في أية ساعة من ليل أو نهار.
• बंदे को अल्लाह की अचानक आने वाली यातना से निश्चिंत नहीं होना चाहिए, जो दिन या रात के किसी भी समय आ सकती है।

• يقص القرآن أخبار الأمم السابقة من أجل تثبيت المؤمنين وتحذير الكافرين.
• क़ुरआन, मोमिनों को सुदृढ़ करने और काफ़िरों को चेतावनी देने के लिए पिछले समुदायों की खबरें सुनाता है।

 
অৰ্থানুবাদ ছুৰা: আল-আ'ৰাফ
ছুৰাৰ তালিকা পৃষ্ঠা নং
 
আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - আল-মুখতাচাৰ ফী তাফছীৰিল কোৰআনিল কাৰীমৰ হিন্দী অনুবাদ - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

তাফছীৰ চেণ্টাৰ ফৰ কোৰানিক ষ্টাডিজৰ ফালৰ পৰা প্ৰচাৰিত।

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