আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (9) ছুৰা: ছুৰা আল-আনফাল
اِذْ تَسْتَغِیْثُوْنَ رَبَّكُمْ فَاسْتَجَابَ لَكُمْ اَنِّیْ مُمِدُّكُمْ بِاَلْفٍ مِّنَ الْمَلٰٓىِٕكَةِ مُرْدِفِیْنَ ۟
बद्र के दिन को याद करो, जब तुमने अल्लाह से अपने दुश्मन के विरुद्ध सहायता माँगी, तो अल्लाह ने तुम्हारी दुआ क़बूल कर ली कि वह एक हज़ार फ़रिश्तों के द्वारा (ऐ मोमिनो!) तुम्हारी मदद करने वाला है, जो एक-दूसरे के पीछे आएँगे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• في الآيات اعتناء الله العظيم بحال عباده المؤمنين، وتيسير الأسباب التي بها ثبت إيمانهم، وثبتت أقدامهم، وزال عنهم المكروه والوساوس الشيطانية.
• इन आयतों से पता चलता है कि अल्लाह अपने मोमिन बंदों का अत्यधिक ध्यान रखता है और ऐसे कारणों की सुविधा प्रदान कर देता है जिनके द्वारा उनका ईमान स्थिर रहे, उनके क़दम जम जाएँ और उनसे अप्रिय बातें और शैतानी ख़यालात दूर हो जाएँ।

• أن النصر بيد الله، ومن عنده سبحانه، وهو ليس بكثرة عَدَدٍ ولا عُدَدٍ مع أهمية هذا الإعداد.
• जीत अल्लाह के हाथ में और उसी महिमावान की ओर से है। यह संख्याबल या उपकरणों की अधिकता की बुनियाद पर नहीं मिलती, जबकि इस तैयारी का महत्व सर्वमान्य है।

• الفرار من الزحف من غير عذر من أكبر الكبائر.
• बिना किसी वैध कारण के युद्ध के मैदान से भागना सबसे बड़े पापों में से एक है।

• في الآيات تعليم المؤمنين قواعد القتال الحربية، ومنها: طاعة الله والرسول، والثبات أمام الأعداء، والصبر عند اللقاء، وذِكْر الله كثيرًا.
• इन आयतों में ईमान वालों को युद्ध के नियम सिखाए गए हैं, जिनमें अल्लाह और उसके रसूल की आज्ञा का पालन करना, दुश्मनों के सामने डटे रहना, मुठभेड़ के समय धैर्य रखना और अल्लाह को बहुत ज़्यादा याद करना, शामिल हैं।

 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (9) ছুৰা: ছুৰা আল-আনফাল
ছুৰাৰ তালিকা পৃষ্ঠা নং
 
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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