আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (47) ছুৰা: ছুৰা আত-তাওবাহ
لَوْ خَرَجُوْا فِیْكُمْ مَّا زَادُوْكُمْ اِلَّا خَبَالًا وَّلَاۡاَوْضَعُوْا خِلٰلَكُمْ یَبْغُوْنَكُمُ الْفِتْنَةَ ۚ— وَفِیْكُمْ سَمّٰعُوْنَ لَهُمْ ؕ— وَاللّٰهُ عَلِیْمٌۢ بِالظّٰلِمِیْنَ ۟
इन मुनाफ़िक़ों का तुम्हारे साथ न निकलना ही अचछा था। यदि वे तुम्हरे साथ निकलते, तो तुम्हारी हिम्मत तोड़कर और संदेह पैदा करके, तुम्हारे अंदर बिगाड़ के सिवा कुछ न बढ़ाते, और तुम्हें विभाजित करने के लिए तुम्हारे बीच द्वेष की बातें फैलाते। और (ऐ नबी!) तुम्हारे अंदर ऐसे लोग भी मौजूद हैं, जो उनके फैलाए हुए झूठ को सुनते हैं, उसे स्वीकार करते हैं और फैलाते हैं। जिसके कारण तुम्हारे बीच मतभेद पैदा होता है। और अल्लाह उन अत्याचारी मुनाफ़िकों को भली-भाँति जानता है, जो ईमान वालों के बीच साज़िशें करते हैं और संदेह फैलाते हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• وجوب الجهاد بالنفس والمال كلما دعت الحاجة.
• जरूरत पड़ने पर जान तथा माल के साथ जिहाद करना वाजिब है।

• الأيمان الكاذبة توجب الهلاك.
• झूठी शपथ विनाश का कारण है।

• وجوب الاحتراز من العجلة، ووجوب التثبت والتأني، وترك الاغترار بظواهر الأمور، والمبالغة في التفحص والتريث.
• जल्दबाज़ी से बचना, ठीक से छानबीन कर लेना, ज़ाहिरी बातों के धोखे में न पड़ना और मामले की तह तक पहुँचना ज़रूरी है।

• من عناية الله بالمؤمنين تثبيطه المنافقين ومنعهم من الخروج مع عباده المؤمنين، رحمة بالمؤمنين ولطفًا من أن يداخلهم من لا ينفعهم بل يضرهم.
• ईमान वालों के लिए अल्लाह की देखभाल, कि उसने मुनाफ़िकों को हतोत्साहित कर दिया और उन्हें अपने मोमिन बंदों के साथ निकलने से रोक दिया, ताकि ऐसे लोग उनके साथ शामिल न हो सकें, जो उनके लिए लाभकारी होने के बजाय हानिकारक सिद्ध हों।

 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (47) ছুৰা: ছুৰা আত-তাওবাহ
ছুৰাৰ তালিকা পৃষ্ঠা নং
 
আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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