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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - হিন্দি অনুবাদ- আজীজুল হক ওমৰী * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

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অৰ্থানুবাদ আয়াত: (39) ছুৰা: আৰ-ৰূম
وَمَاۤ اٰتَیْتُمْ مِّنْ رِّبًا لِّیَرْبُوَاۡ فِیْۤ اَمْوَالِ النَّاسِ فَلَا یَرْبُوْا عِنْدَ اللّٰهِ ۚ— وَمَاۤ اٰتَیْتُمْ مِّنْ زَكٰوةٍ تُرِیْدُوْنَ وَجْهَ اللّٰهِ فَاُولٰٓىِٕكَ هُمُ الْمُضْعِفُوْنَ ۟
और तुम ब्याज पर जो (उधार) देते हो, ताकि वह लोगों के धनों में मिलकर अधिक[14] हो जाए, तो वह अल्लाह के यहाँ अधिक नहीं होता। तथा तुम अल्लाह का चेहरा चाहते हुए जो कुछ ज़कात से देते हो, तो वही लोग कई गुना बढ़ाने वाले हैं।
14. इस आयत में सामाजिक अधिकारों की ओर ध्यान दिलाया गया है कि जब सब कुछ अल्लाह ही का दिया हुआ है, तो तुम्हें अल्लाह की प्रसन्नता के लिए सबका अधिकार देना चाहिए। ह़दीस में है कि जो व्याज खाता-खिलाता है और उसे लिखता तथा उसपर गवाही देता है उस पर नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने धिक्कार किया है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (39) ছুৰা: আৰ-ৰূম
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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - হিন্দি অনুবাদ- আজীজুল হক ওমৰী - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

আজীজুল হক ওমৰীয়ে অনুবাদ কৰিছে।

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