আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - হিন্দী অনুবাদ * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

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অৰ্থানুবাদ আয়াত: (34) ছুৰা: ছুৰা ছাবা
وَمَاۤ اَرْسَلْنَا فِیْ قَرْیَةٍ مِّنْ نَّذِیْرٍ اِلَّا قَالَ مُتْرَفُوْهَاۤ اِنَّا بِمَاۤ اُرْسِلْتُمْ بِهٖ كٰفِرُوْنَ ۟
तथा हमने जिस बस्ती में भी कोई डराने वाला भेजा, तो उसके संपन्न लोगों ने यही कहा : निःसंदेह हम उस चीज़ का, जिसके साथ तुम भेजे गए हो, इनकार करते हैं।[33]
33. नबियों के उपदेश का विरोध सबसे पहले संपन्न वर्ग ने किया है। क्योंकि वे यह समझते हैं कि यदि सत्य सफल हो गया, तो समाज पर उनका अधिकार समाप्त हो जाएगा। वे इस आधार पर भी नबियों का विरोध करते रहे कि हम ही अल्लाह के प्रिय हैं। यदि वह हमसे प्रसन्न न होता, तो हमें धन-धान्य क्यों प्रदान करता? अतः हम परलोक की यातना से ग्रस्त नहीं होंगे। क़ुरआन ने अनेक आयतों में उनके इस भ्रम का खंडन किया है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - হিন্দী অনুবাদ - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

হিন্দী ভাষাত কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ- অনুবাদ কৰিছে আঝীঝুল হক ওমৰী।

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