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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (35) ছুৰা: ইউনুছ
قُلْ هَلْ مِنْ شُرَكَآىِٕكُمْ مَّنْ یَّهْدِیْۤ اِلَی الْحَقِّ ؕ— قُلِ اللّٰهُ یَهْدِیْ لِلْحَقِّ ؕ— اَفَمَنْ یَّهْدِیْۤ اِلَی الْحَقِّ اَحَقُّ اَنْ یُّتَّبَعَ اَمَّنْ لَّا یَهِدِّیْۤ اِلَّاۤ اَنْ یُّهْدٰی ۚ— فَمَا لَكُمْ ۫— كَیْفَ تَحْكُمُوْنَ ۟
३५. तुम्ही सांगा, की तुमच्या त्या सहभागी ईश्वरांमध्ये कोणी असा आहे जो सत्य मार्ग दाखवित असेल? तुम्ही सांगा की अल्लाहच सत्याचा मार्ग दाखवितो, तेव्हा मग जे सामर्थ्य सत्याचा मार्ग दाखवित असेल ते जास्त अनुसरण करण्यास पात्र आहे की तो मनुष्य, ज्याला सांगितल्याविना स्वतःच मार्ग दिसून न यावा, तेव्हा तुम्हाला झाले तरी काय, तुम्ही कशा प्रकारे निर्णय घेता?
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (35) ছুৰা: ইউনুছ
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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

ইয়াক অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বাফী আনচাৰী।

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