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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (28) ছুৰা: হূদ
قَالَ یٰقَوْمِ اَرَءَیْتُمْ اِنْ كُنْتُ عَلٰی بَیِّنَةٍ مِّنْ رَّبِّیْ وَاٰتٰىنِیْ رَحْمَةً مِّنْ عِنْدِهٖ فَعُمِّیَتْ عَلَیْكُمْ ؕ— اَنُلْزِمُكُمُوْهَا وَاَنْتُمْ لَهَا كٰرِهُوْنَ ۟
२८. (नूह) म्हणाले, हे माझ्या जातीबांधवांनो! मला हे सांगा, जर मी आपल्या पालनकर्त्यातर्फे स्पष्ट निशाणीवर कामय असलेला आणि मला त्याने आपल्याकडून (एखादी चांगली) दया- कृपा प्रदान केली असेल, मग ती तुमच्या डोळ्यांत सामावली नाही तर काय जबरदस्तीने तिला तुमच्या गळ्यात टाकू, वास्तविक तुम्ही तिला इच्छित नाही.
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (28) ছুৰা: হূদ
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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

ইয়াক অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বাফী আনচাৰী।

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