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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (31) ছুৰা: হূদ
وَلَاۤ اَقُوْلُ لَكُمْ عِنْدِیْ خَزَآىِٕنُ اللّٰهِ وَلَاۤ اَعْلَمُ الْغَیْبَ وَلَاۤ اَقُوْلُ اِنِّیْ مَلَكٌ وَّلَاۤ اَقُوْلُ لِلَّذِیْنَ تَزْدَرِیْۤ اَعْیُنُكُمْ لَنْ یُّؤْتِیَهُمُ اللّٰهُ خَیْرًا ؕ— اَللّٰهُ اَعْلَمُ بِمَا فِیْۤ اَنْفُسِهِمْ ۖۚ— اِنِّیْۤ اِذًا لَّمِنَ الظّٰلِمِیْنَ ۟
३१. आणि मी तुम्हाला हे नाही सांगत की माझ्याजवळ अल्लाहचे खजिने आहेत. (ऐका!) मी अपरोक्षाचेही ज्ञान बाळगत नाही, ना मी हे सांगतो की मी फरिश्ता आहे. ना माझे असे म्हणणे आहे की ज्यांच्यावर तुमची नजर अपमानाने पडत आहे त्यांना अल्लाह एखादी भलाई देणारच नाही. त्यांच्या मनात जे काही आहे अल्लाह ते चांगल्या प्रकारे जाणतो. जर मी असे म्हणेन तर निश्चितच माझीही गणना अत्याचारी लोकांत होईल.
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (31) ছুৰা: হূদ
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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

ইয়াক অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বাফী আনচাৰী।

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