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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (60) ছুৰা: হূদ
وَاُتْبِعُوْا فِیْ هٰذِهِ الدُّنْیَا لَعْنَةً وَّیَوْمَ الْقِیٰمَةِ ؕ— اَلَاۤ اِنَّ عَادًا كَفَرُوْا رَبَّهُمْ ؕ— اَلَا بُعْدًا لِّعَادٍ قَوْمِ هُوْدٍ ۟۠
६०. आणि या जगातही त्यांचा धिःक्कार व निर्भत्सना होत राहिली आणि कयामतच्या दिवशीही १ पाहा, आदच्या जनसमूहाने आपल्या पालनकर्त्याशी इन्कार केला. हूदचा जनसमूह आदचा धिःक्कार असो.
(१) मूळ शब्द लानत अर्थात अल्लाहतर्फे धिःक्कार, त्याच्या दया-कृपेपासून वंचितता सत्कर्मांपासून दुरावणे आणि लोकांतर्फे धिःक्कार निर्भत्सना जगातही लानत अशा प्रकारे की ईमान राखणाऱ्यांमध्ये यांची चर्चा नेहमी धिःक्कार आणि निर्भत्सनेच्या स्वरूपात होईल आणि कयामतमध्ये अशा प्रकारे की तिथे सर्वांच्याच समोर अपमानला तोंड देतील आणि अल्लाहच्या महाभयंकर शिक्षा-यातनेस पात्र ठरतील.
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (60) ছুৰা: হূদ
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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

ইয়াক অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বাফী আনচাৰী।

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