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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (109) ছুৰা: ইউছুফ
وَمَاۤ اَرْسَلْنَا مِنْ قَبْلِكَ اِلَّا رِجَالًا نُّوْحِیْۤ اِلَیْهِمْ مِّنْ اَهْلِ الْقُرٰی ؕ— اَفَلَمْ یَسِیْرُوْا فِی الْاَرْضِ فَیَنْظُرُوْا كَیْفَ كَانَ عَاقِبَةُ الَّذِیْنَ مِنْ قَبْلِهِمْ ؕ— وَلَدَارُ الْاٰخِرَةِ خَیْرٌ لِّلَّذِیْنَ اتَّقَوْا ؕ— اَفَلَا تَعْقِلُوْنَ ۟
१०९. आणि तुमच्यापूर्वी आम्ही वस्तीवाल्यांमध्ये जेवढेदेखील पैगंबर पाठविले ते सर्व पुरुषच होते, ज्यांच्याकडे आम्ही वहयी (प्रकाशना) उतरवित राहिली काय धरतीवर या लोकांनी हिंडून फिरून पाहिले नाही की त्यांच्यापूर्वी होऊन गेलेल्या लोकांचा कसा परिणाम (अंत) झाला? निःसंशय, अल्लाहचे भय राखणाऱ्या व त्याचा आज्ञाभंग करण्यापासून दूर राहणाऱ्या लोकांकरिता आखिरतचे घर फार उत्तम आहे. काय तरीही तुम्ही ध्यानी घेत नाही?
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (109) ছুৰা: ইউছুফ
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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

ইয়াক অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বাফী আনচাৰী।

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