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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (15) ছুৰা: ইউছুফ
فَلَمَّا ذَهَبُوْا بِهٖ وَاَجْمَعُوْۤا اَنْ یَّجْعَلُوْهُ فِیْ غَیٰبَتِ الْجُبِّ ۚ— وَاَوْحَیْنَاۤ اِلَیْهِ لَتُنَبِّئَنَّهُمْ بِاَمْرِهِمْ هٰذَا وَهُمْ لَا یَشْعُرُوْنَ ۟
१५. मग जेव्हा त्याला घेऊन निघाले आणि सर्वांनी मिळून दृढनिश्चय केला की त्याला ओसाड व खूप खोल अशा विहिरीच्या तळाशी फेकून द्यावे. आम्ही यूसुफकडे वहयी (ईशसंदेश) पाठविली की निःसंशय (आता ती वेळ येत आहे) की तुम्ही त्यांना या गोष्टीची खबर अशा स्थितीत सांगाल की ते जाणतही नसतील.
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (15) ছুৰা: ইউছুফ
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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

ইয়াক অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বাফী আনচাৰী।

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