আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (3) ছুৰা: ছুৰা ইউছুফ
نَحْنُ نَقُصُّ عَلَیْكَ اَحْسَنَ الْقَصَصِ بِمَاۤ اَوْحَیْنَاۤ اِلَیْكَ هٰذَا الْقُرْاٰنَ ۖۗ— وَاِنْ كُنْتَ مِنْ قَبْلِهٖ لَمِنَ الْغٰفِلِیْنَ ۟
३. आम्ही तुमच्यासमोर सर्वांत उत्तम निवेदन प्रस्तुत करतो, या कारणास्तव की आम्ही आपल्याकडे हा कुरआन वहयी (अवतरित संदेशा) द्वारे उतरविला आहे आणि निःसंशय याच्यापूर्वी तुम्ही न जाणणाऱ्यांपैकी होते.१
(१) पवित्र कुरआनच्या या शब्दांद्वारेही स्पष्ट होते की पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम यांना अपरोक्ष (गैबचे) ज्ञान नव्हते, अन्यथा अल्लाहने त्यांना न जाणणारे म्हटले नसते. दुसरे हे की पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अल्लाहचे सच्चे पैगंबर आहेत. कारण त्यांच्यावर वहयीद्वारेच या सत्य घटनेला सांगितले गेले आहे. पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ना कोणाचे शिष्य होते की गुरूपासून शिकून सांगितले होते आणि ना कोणा दुसऱ्याशी असे नाते होते की ज्याच्यापासून ऐकून इतिहासाची ही घटना तिच्या खास अहवालासह पैगंबरांनी प्रसारित केली असती. तेव्हा यात मुळीच शंका नाही की हे सर्वश्रेष्ठ अल्लाहने वहयीच्या माध्यमाने पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम यांच्यावर अवतरित केले आहे, जसे या ठिकाणी स्पष्ट केले गेले आहे.
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (3) ছুৰা: ছুৰা ইউছুফ
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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

মাৰাঠী ভাষাত আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ। অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী চাহাবে। প্ৰকাশ কৰিছে আল-বিৰ ফাউণ্ডেচন মুম্বাই।

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